वाहन एजेंसी मालिकों से बोले संयुक्त पुलिस आयुक्त बबलू कुमार:लखनऊ में व्यापारिक विकास और कानून-व्यवस्था में सामंजस्य जरूरी; हेलमेट को जरूरी एसेसरी बनाएं

लखनऊ में पुलिस और वाहन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को डालीगंज स्थित कार्यालय में संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था, बबलू कुमार की अध्यक्षता में चार पहिया और दोपहिया वाहन एजेंसी मालिकों एवं मैनेजरों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में शहर की बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई। कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन और सीसीटीवी जांच पर जोर संयुक्त पुलिस आयुक्त बबलू कुमार ने निर्देश दिए कि सभी वाहन एजेंसी मालिक अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन अनिवार्य रूप से UPCOP App या लखनऊ पुलिस की वेबसाइट के माध्यम से कराएं। उन्होंने कहा कि एजेंसी परिसर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की नियमित जांच की जाए ताकि मुख्य प्रवेश और निकास बिंदुओं की पूरी निगरानी बनी रहे। इसके साथ ही हर एजेंसी पर “आप कैमरे की निगरानी में हैं” का स्पष्ट पोस्टर लगाया जाए। सड़क पर वाहनों की पार्किंग से यातायात बाधित न हो बैठक में यातायात व्यवस्था को लेकर विशेष जोर दिया गया। श्री बबलू कुमार ने कहा कि एजेंसी मालिक और मैनेजर अपने शोरूम के बाहर ग्राहकों और कर्मचारियों के वाहनों को इस तरह खड़ा करें कि सड़क पर ट्रैफिक में कोई अवरोध न हो। इसके साथ ही ग्राहकों को केवल हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) वाले वाहन ही सौंपे जाएं। हेलमेट को जरूरी एसेसरी बनाएं संयुक्त पुलिस आयुक्त ने दोपहिया वाहन एजेंसियों को निर्देशित किया कि वे ग्राहकों को वाहन खरीदते समय हेलमेट को अनिवार्य एसेसरी के रूप में लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा जनजागरूकता की शुरुआत विक्रेताओं से होनी चाहिए। सुरक्षा अलार्म, अग्निशमन और रात की निगरानी पर फोकस बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि एजेंसी पर लगे अलार्म सिस्टम और फायर सेफ्टी उपकरणों की नियमित जांच की जाए और कर्मचारियों को आपातकालीन ड्रिल की ट्रेनिंग दी जाए। रात के समय एजेंसी बंद होने पर गार्डों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। साथ ही थाना प्रभारी और पुलिस गश्त टीमों को निर्देशित किया गया कि वे रात के दौरान सुरक्षा गार्डों की उपस्थिति की जांच करें। रिकवरी में बल प्रयोग न करें, SOP का पालन करें संयुक्त पुलिस आयुक्त ने साफ कहा कि वाहनों की रिकवरी किसी भी हालत में बलपूर्वक न की जाए। यह प्रक्रिया केवल सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित मानक कार्यप्रणाली (SOP) के अनुसार ही की जाए। उन्होंने एजेंसियों को सलाह दी कि किसी भी विवाद या आर्थिक धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें ताकि साइबर फ्रॉड या वित्तीय नुकसान से बचा जा सके। आवश्यकता पड़ने पर 112 पर मदद लें बैठक में यह भी कहा गया कि यदि एजेंसी मालिक देर रात नकदी या सामान लेकर जा रहे हों तो वे 112 पर कॉल कर पीआरवी (Police Response Vehicle) से सुरक्षा सहायता ले सकते हैं। यह कदम व्यवसायियों की सुरक्षा के लिए पुलिस की प्राथमिकता में शामिल रहेगा। थाना स्तर पर नियमित बैठकें और त्वरित निस्तारण संयुक्त पुलिस आयुक्त ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र के वाहन एजेंसी मालिकों/मैनेजरों के साथ समय-समय पर बैठकें करें। उनके सुझावों और शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करें ताकि पुलिस और व्यापारिक समुदाय के बीच विश्वास का माहौल मजबूत हो।

Nov 6, 2025 - 18:42
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वाहन एजेंसी मालिकों से बोले संयुक्त पुलिस आयुक्त बबलू कुमार:लखनऊ में व्यापारिक विकास और कानून-व्यवस्था में सामंजस्य जरूरी; हेलमेट को जरूरी एसेसरी बनाएं
लखनऊ में पुलिस और वाहन एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय बनाने के उद्देश्य से गुरुवार को डालीगंज स्थित कार्यालय में संयुक्त पुलिस आयुक्त, कानून एवं व्यवस्था, बबलू कुमार की अध्यक्षता में चार पहिया और दोपहिया वाहन एजेंसी मालिकों एवं मैनेजरों की बैठक आयोजित हुई। बैठक में शहर की बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों, यातायात व्यवस्था और सुरक्षा से जुड़े अहम बिंदुओं पर चर्चा की गई। कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन और सीसीटीवी जांच पर जोर संयुक्त पुलिस आयुक्त बबलू कुमार ने निर्देश दिए कि सभी वाहन एजेंसी मालिक अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन अनिवार्य रूप से UPCOP App या लखनऊ पुलिस की वेबसाइट के माध्यम से कराएं। उन्होंने कहा कि एजेंसी परिसर और बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों की नियमित जांच की जाए ताकि मुख्य प्रवेश और निकास बिंदुओं की पूरी निगरानी बनी रहे। इसके साथ ही हर एजेंसी पर “आप कैमरे की निगरानी में हैं” का स्पष्ट पोस्टर लगाया जाए। सड़क पर वाहनों की पार्किंग से यातायात बाधित न हो बैठक में यातायात व्यवस्था को लेकर विशेष जोर दिया गया। श्री बबलू कुमार ने कहा कि एजेंसी मालिक और मैनेजर अपने शोरूम के बाहर ग्राहकों और कर्मचारियों के वाहनों को इस तरह खड़ा करें कि सड़क पर ट्रैफिक में कोई अवरोध न हो। इसके साथ ही ग्राहकों को केवल हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (HSRP) वाले वाहन ही सौंपे जाएं। हेलमेट को जरूरी एसेसरी बनाएं संयुक्त पुलिस आयुक्त ने दोपहिया वाहन एजेंसियों को निर्देशित किया कि वे ग्राहकों को वाहन खरीदते समय हेलमेट को अनिवार्य एसेसरी के रूप में लेने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा जनजागरूकता की शुरुआत विक्रेताओं से होनी चाहिए। सुरक्षा अलार्म, अग्निशमन और रात की निगरानी पर फोकस बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि एजेंसी पर लगे अलार्म सिस्टम और फायर सेफ्टी उपकरणों की नियमित जांच की जाए और कर्मचारियों को आपातकालीन ड्रिल की ट्रेनिंग दी जाए। रात के समय एजेंसी बंद होने पर गार्डों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। साथ ही थाना प्रभारी और पुलिस गश्त टीमों को निर्देशित किया गया कि वे रात के दौरान सुरक्षा गार्डों की उपस्थिति की जांच करें। रिकवरी में बल प्रयोग न करें, SOP का पालन करें संयुक्त पुलिस आयुक्त ने साफ कहा कि वाहनों की रिकवरी किसी भी हालत में बलपूर्वक न की जाए। यह प्रक्रिया केवल सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्धारित मानक कार्यप्रणाली (SOP) के अनुसार ही की जाए। उन्होंने एजेंसियों को सलाह दी कि किसी भी विवाद या आर्थिक धोखाधड़ी की स्थिति में तुरंत पुलिस से संपर्क करें ताकि साइबर फ्रॉड या वित्तीय नुकसान से बचा जा सके। आवश्यकता पड़ने पर 112 पर मदद लें बैठक में यह भी कहा गया कि यदि एजेंसी मालिक देर रात नकदी या सामान लेकर जा रहे हों तो वे 112 पर कॉल कर पीआरवी (Police Response Vehicle) से सुरक्षा सहायता ले सकते हैं। यह कदम व्यवसायियों की सुरक्षा के लिए पुलिस की प्राथमिकता में शामिल रहेगा। थाना स्तर पर नियमित बैठकें और त्वरित निस्तारण संयुक्त पुलिस आयुक्त ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया कि वे अपने क्षेत्र के वाहन एजेंसी मालिकों/मैनेजरों के साथ समय-समय पर बैठकें करें। उनके सुझावों और शिकायतों का त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करें ताकि पुलिस और व्यापारिक समुदाय के बीच विश्वास का माहौल मजबूत हो।