बिहार में मतदाता सूची की जांच:किशनगंज में 13 लोगों को बांग्लादेशी बताते हुए भेजा गया नोटिस, दस्तावेज जुटाने की चुनौती
बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान करीब 3 लाख मतदाताओं को नोटिस भेजा गया है। इन नोटिस में मतदाता पहचान-पत्रों में पाई गई विसंगतियों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। किशनगंज जिले में स्थिति विशेष रूप से जटिल है। यहां के निवासी रतन सिंह को इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर से नोटिस मिला है। उन्होंने आधार और मतदाता पहचान-पत्र जमा किए हैं। लेकिन मजदूरी के लिए बाहर रहने के कारण निवास प्रमाण पत्र नहीं दे पाए हैं। उनके पिता बांग्लादेश से थे, परंतु वह और उनके भाई-बहन भारत में जन्मे हैं। मुनिया देवी की गलगलिया में हुई थी शादी किशनगंज की मुनिया देवी का मामला भी चर्चा में है। वह नेपाल के पाठामारी की रहने वाली हैं। उनकी शादी 2011 में गलगलिया में हुई थी। उनके पास भारत के सभी दस्तावेज हैं। लेकिन अधिकारी उनकी मां के दस्तावेज मांग रहे हैं। उनकी मां 8 साल से भारत में हैं। उनके पास आधार कार्ड है और वे मतदान भी करती हैं। 13 लोगों को बांग्लादेशी बताते हुए भेजा गया नोटिस बेसरबाती पंचायत की मुखिया अनुपम ठाकुर के अनुसार, उनके पंचायत में लगभग 12-13 लोगों को बांग्लादेशी बताते हुए नोटिस भेजा गया है। मुखिया का कहना है कि ये सभी लोग यहीं के रहने वाले हैं। हालांकि इनके पूर्वज नेपाल और बांग्लादेश से आए थे। मुखिया ने सरकार से इन लोगों को भारतीय नागरिकता देने की मांग की है। चुनाव आयोग का यह अभियान मतदाता सूची को शुद्ध करने के लिए चलाया जा रहा है। लेकिन दस्तावेजों की कमी और जटिल प्रक्रिया से कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि नियमों के तहत सभी को उचित मौका दिया जाएगा, लेकिन प्रभावित लोग समय सीमा और संसाधनों की कमी से परेशान हैं।
