वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में भारत की विकास दर 7.8 प्रतिशत रही, जबकि एक साल पहले इसी तिमाही में यह 6.5 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में वास्तविक जीडीपी या स्थिर मूल्यों पर जीडीपी 47.89 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह 44.42 लाख करोड़ रुपये थी, जो 7.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में नाममात्र जीडीपी या वर्तमान मूल्यों पर जीडीपी 86.05 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह 79.08 लाख करोड़ रुपये थी, जो 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाती है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 की अप्रैल-जून तिमाही में वास्तविक जीवीए (सकल मूल्य वर्धन) 44.64 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह 41.47 लाख करोड़ रुपये था, जो 7.6 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में नाममात्र जीवीए 78.25 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है, जबकि वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में यह 71.95 लाख करोड़ रुपये था, जो 8.8 प्रतिशत की वृद्धि दर दर्शाता है।
यह आँकड़ा जीडीपी की उम्मीदों से कहीं ज़्यादा है। एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट में पहली तिमाही के जीडीपी अनुमान को लगभग 6.8-7 प्रतिशत आंका गया था। नवीनतम आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि मज़बूत व्यापक आर्थिक बुनियादों के बल पर भारत की अर्थव्यवस्था 2025-26 में 6.3-6.8 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। हालाँकि, वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतिक और विवेकपूर्ण नीति प्रबंधन की आवश्यकता होगी। इससे पहले, भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2025-26 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था, जिसमें पहली तिमाही 6.5 प्रतिशत, दूसरी तिमाही 6.7 प्रतिशत, तीसरी तिमाही 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही 6.3 प्रतिशत थी।