RBM अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे ढाई हजार मरीज:मौसमी बीमारियों से बढ़ी मरीजों की संख्या, अस्पताल में बेड की भी कमी

मौसमी बीमारियों से फैलते संक्रमण के बाद भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों और शहर के कई इलाकों में जलभराव की वजह से मच्छर पनप रहे हैं। जिसके कारण लोग बीमार हो रहे हैं। आरबीएम अस्पताल में रोजाना ढाई हजार के करीब मरीज डॉक्टरों को दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं। मौसमी बीमारी की वजह से मरीजों का हुआ इजाफा आरबीएम अस्पताल के PMO डॉ. नगेंद्र भदौरिया ने बताया कि इस समय मौसमी बीमारी का प्रकोप है। जिसके कारण आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा है। सभी वार्डों के बेड फुल हैं। आरबीएम ओपीडी की बात करे तो 1 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक 30 हजार 880 के आस पास मरीज इलाज कराने पहुंचे हैं। आरबीएम अस्पताल के सभी वार्ड फुल है। अभी नए अस्पताल में व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। जिसके चलते मरीज को भर्ती करने में समस्या आ रही है। RBM अस्पताल में बेड फुल इन दिनों आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या को देख अन्य मरीज भी परेशान है। अस्पताल में बेड फुल होने के चलते मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। अपनी बीमारी का इलाज निजी अस्पताल में कराना पड़ रहा है। उल्टी, दस्त के मरीजों की बढ़ी संख्या डॉक्टरों के अनुसार मरीजों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सामान्य लक्षण हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों से बचाव के लिए कई सुझाव दिए हैं। इनमें उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पीना, बासी भोजन से बचना और खाना बनाने और खाने से पहले हाथ धोना शामिल है। विभाग ने लोगों को आसपास सफाई रखने और पानी जमा न होने देने की सलाह भी दी है। जलभराव की वजह से बढ़ी मरीजों की संख्या बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन रही है। इससे मच्छर पनप रहे हैं। जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ा है। हालत यह है कि संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल के आउटडोर में हर दिन ढाई हजार से भी अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं इनडोर में भी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं। दूषित पानी और भोजन से उल्टी-दस्त और टाइफाइड के मामले सामने आ रहे हैं। हालत यह हो गए हैं कि लोग सरकारी अस्पताल की बजाय अब निजी अस्पताल में अपना उपचार रहा रहे हैं।

Aug 16, 2025 - 07:28
 0
RBM अस्पताल में रोजाना पहुंच रहे ढाई हजार मरीज:मौसमी बीमारियों से बढ़ी मरीजों की संख्या, अस्पताल में बेड की भी कमी
मौसमी बीमारियों से फैलते संक्रमण के बाद भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या में अचानक बढ़ोत्तरी हुई है। ग्रामीण क्षेत्रों और शहर के कई इलाकों में जलभराव की वजह से मच्छर पनप रहे हैं। जिसके कारण लोग बीमार हो रहे हैं। आरबीएम अस्पताल में रोजाना ढाई हजार के करीब मरीज डॉक्टरों को दिखाने के लिए पहुंच रहे हैं। मौसमी बीमारी की वजह से मरीजों का हुआ इजाफा आरबीएम अस्पताल के PMO डॉ. नगेंद्र भदौरिया ने बताया कि इस समय मौसमी बीमारी का प्रकोप है। जिसके कारण आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा है। सभी वार्डों के बेड फुल हैं। आरबीएम ओपीडी की बात करे तो 1 अगस्त से लेकर 14 अगस्त तक 30 हजार 880 के आस पास मरीज इलाज कराने पहुंचे हैं। आरबीएम अस्पताल के सभी वार्ड फुल है। अभी नए अस्पताल में व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। जिसके चलते मरीज को भर्ती करने में समस्या आ रही है। RBM अस्पताल में बेड फुल इन दिनों आरबीएम अस्पताल में मरीजों की संख्या को देख अन्य मरीज भी परेशान है। अस्पताल में बेड फुल होने के चलते मरीजों को वापस लौटना पड़ रहा है। अपनी बीमारी का इलाज निजी अस्पताल में कराना पड़ रहा है। उल्टी, दस्त के मरीजों की बढ़ी संख्या डॉक्टरों के अनुसार मरीजों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द और बुखार गैस्ट्रोएंटेराइटिस के सामान्य लक्षण हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बीमारियों से बचाव के लिए कई सुझाव दिए हैं। इनमें उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पीना, बासी भोजन से बचना और खाना बनाने और खाने से पहले हाथ धोना शामिल है। विभाग ने लोगों को आसपास सफाई रखने और पानी जमा न होने देने की सलाह भी दी है। जलभराव की वजह से बढ़ी मरीजों की संख्या बारिश के मौसम में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति बन रही है। इससे मच्छर पनप रहे हैं। जिससे बीमारियों का खतरा बढ़ा है। हालत यह है कि संभाग के सबसे बड़े आरबीएम जिला अस्पताल के आउटडोर में हर दिन ढाई हजार से भी अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। वहीं इनडोर में भी बड़ी संख्या में मरीज भर्ती हो रहे हैं। दूषित पानी और भोजन से उल्टी-दस्त और टाइफाइड के मामले सामने आ रहे हैं। हालत यह हो गए हैं कि लोग सरकारी अस्पताल की बजाय अब निजी अस्पताल में अपना उपचार रहा रहे हैं।