सोनीपत शुगर मिल एप से पानीपत, गोहाना-जींद मिल भी जुड़ेंगे:घर बैठे मिलेगी गन्ने पिराई की हर जानकारी; अभी चल रहा ट्रायल
सोनीपत जिले के शुगर मिल में चल रही ऑनलाइन एप्लिकेशन का फायदा अब पानीपत और जींद के किसानों को भी मिल पाएगा। सोनीपत में पिराई सत्र में शुगर मिल से जुड़े किसान ऑनलाइन अप के माध्यम से अपना टोकन चेक कर सकते हैं और अपने आने वाले ट्रैक्टर ट्राली के नंबर के अनुसार ही घर से निकाल सकते हैं। लंबी लाइन का छुटकारा मिलेगा। सोनीपत शुगर मिल के मोबाइल एप को तीन अन्य शुगर मिलों से भी अटैच किया जाएगा। सोनीपत में सफलता के बाद अब पानीपत और जींद, गोहाना शुगर मिल में ट्रायल चल रहा है और सफल रहा तो किसान इस बार पिराई सत्र के दौरान अन्य मिलों से भी ऑनलाइन जुड़ सकेंगे। किसानों को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर सोनीपत शुगर मिल कई वर्षों से पूरी तरह ऑनलाइन सिस्टम पर काम कर रही है। मिल का मोबाइल एप किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है, जिससे वे घर बैठे टोकन नंबर, पर्ची आदि बुक कर पाते हैं। पहले किसानों को मिल के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब यह परेशानी खत्म हो गई है। पानीपत-गोहाना और जींद मिलों की भी मिलेगी जानकारी मिल प्रशासन ने बताया कि सोनीपत शुगर मिल एप के साथ पानीपत, गोहाना और जींद मिल को भी जोड़ा जा रहा है। किसान एप के माध्यम से इन मिलों से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे, जैसे किस मिल में कितनी पिराई हो चुकी है, कौन सा टोकन नंबर चल रहा है और उनका गन्ना किस स्थिति में है। इससे अगर किसान का गन्ना किसी अन्य मिल में ट्रांसफर होता है, तो उसे मैन्युअल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। मिल क्षेत्र में 14 हजार एकड़ में उगाया गन्ना सोनीपत शुगर मिल क्षेत्र में किसानों द्वारा इस बार करीब 14 हजार एकड़ भूमि में गन्ना बोया गया है। मिल प्रशासन ने गन्ना सर्वे पूरा कर लिया है और बॉडिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। संभावना है कि नवंबर माह के तीसरे सप्ताह में पिराई सत्र की शुरुआत कर दी जाएगी। मिल की प्रतिदिन पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल मिल प्रशासन के अनुसार, सोनीपत शुगर मिल की दैनिक पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल है। इस बार लगभग 30 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की जा सकती है। मिल क्षेत्र के अंतर्गत करीब 1500 किसान गन्ना उत्पादन कर रहे हैं। हालांकि इस बार रिपेयरिंग कार्य की गति कुछ धीमी रही, लेकिन अब यह पटरी पर लौट आया है। पिछले कुछ वर्षों में मिल में ब्रेकडाउन की घटनाएं काफी कम हुई हैं और चीनी की रिकवरी रेट 9 प्रतिशत से अधिक रही है बेहतर रिकवरी रेट और सुविधाओं पर जोर सोनीपत शुगर मिल प्रशासन इस बार चीनी की रिकवरी रेट को और बेहतर करने का प्रयास कर रहा है। मिल परिसर में रिपेयरिंग और मशीनरी अपग्रेडेशन तेजी से चल रहा है। एमडी अंकिता वर्मा ने बताया कि किसानों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए मिल के कंप्यूटर सेक्शन द्वारा एप को और उपयोगी बनाया जा रहा है ताकि पिराई सत्र सुचारु रूप से प्रारंभ किया जा सके।
सोनीपत जिले के शुगर मिल में चल रही ऑनलाइन एप्लिकेशन का फायदा अब पानीपत और जींद के किसानों को भी मिल पाएगा। सोनीपत में पिराई सत्र में शुगर मिल से जुड़े किसान ऑनलाइन अप के माध्यम से अपना टोकन चेक कर सकते हैं और अपने आने वाले ट्रैक्टर ट्राली के नंबर के अनुसार ही घर से निकाल सकते हैं। लंबी लाइन का छुटकारा मिलेगा। सोनीपत शुगर मिल के मोबाइल एप को तीन अन्य शुगर मिलों से भी अटैच किया जाएगा। सोनीपत में सफलता के बाद अब पानीपत और जींद, गोहाना शुगर मिल में ट्रायल चल रहा है और सफल रहा तो किसान इस बार पिराई सत्र के दौरान अन्य मिलों से भी ऑनलाइन जुड़ सकेंगे। किसानों को नहीं काटने पड़ेंगे चक्कर सोनीपत शुगर मिल कई वर्षों से पूरी तरह ऑनलाइन सिस्टम पर काम कर रही है। मिल का मोबाइल एप किसानों के लिए वरदान साबित हुआ है, जिससे वे घर बैठे टोकन नंबर, पर्ची आदि बुक कर पाते हैं। पहले किसानों को मिल के बार-बार चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अब यह परेशानी खत्म हो गई है। पानीपत-गोहाना और जींद मिलों की भी मिलेगी जानकारी मिल प्रशासन ने बताया कि सोनीपत शुगर मिल एप के साथ पानीपत, गोहाना और जींद मिल को भी जोड़ा जा रहा है। किसान एप के माध्यम से इन मिलों से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल कर सकेंगे, जैसे किस मिल में कितनी पिराई हो चुकी है, कौन सा टोकन नंबर चल रहा है और उनका गन्ना किस स्थिति में है। इससे अगर किसान का गन्ना किसी अन्य मिल में ट्रांसफर होता है, तो उसे मैन्युअल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा। मिल क्षेत्र में 14 हजार एकड़ में उगाया गन्ना सोनीपत शुगर मिल क्षेत्र में किसानों द्वारा इस बार करीब 14 हजार एकड़ भूमि में गन्ना बोया गया है। मिल प्रशासन ने गन्ना सर्वे पूरा कर लिया है और बॉडिंग का कार्य शुरू कर दिया गया है। संभावना है कि नवंबर माह के तीसरे सप्ताह में पिराई सत्र की शुरुआत कर दी जाएगी। मिल की प्रतिदिन पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल मिल प्रशासन के अनुसार, सोनीपत शुगर मिल की दैनिक पिराई क्षमता 22 हजार क्विंटल है। इस बार लगभग 30 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग की जा सकती है। मिल क्षेत्र के अंतर्गत करीब 1500 किसान गन्ना उत्पादन कर रहे हैं। हालांकि इस बार रिपेयरिंग कार्य की गति कुछ धीमी रही, लेकिन अब यह पटरी पर लौट आया है। पिछले कुछ वर्षों में मिल में ब्रेकडाउन की घटनाएं काफी कम हुई हैं और चीनी की रिकवरी रेट 9 प्रतिशत से अधिक रही है बेहतर रिकवरी रेट और सुविधाओं पर जोर सोनीपत शुगर मिल प्रशासन इस बार चीनी की रिकवरी रेट को और बेहतर करने का प्रयास कर रहा है। मिल परिसर में रिपेयरिंग और मशीनरी अपग्रेडेशन तेजी से चल रहा है। एमडी अंकिता वर्मा ने बताया कि किसानों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए मिल के कंप्यूटर सेक्शन द्वारा एप को और उपयोगी बनाया जा रहा है ताकि पिराई सत्र सुचारु रूप से प्रारंभ किया जा सके।