तुर्किये की पहली महिला एमिने अर्दोआन ने अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप से कहा है कि जैसे उन्होंने यूक्रेन के बच्चों के लिए चिंता जताई थी, वैसे ही गाजा के बच्चों के लिए भी आवाज उठाएं। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने अलास्का में हुई मुलाकात के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पूतिन को एक चिट्ठी दी थी। इसे सॉफ्ट पावर का अच्छा उदाहरण माना गया। अर्दोआन ने 22 अगस्त को लिखे पत्र में कहा कि मुझे यकीन है कि आपने 648 यूक्रेनी बच्चों के लिए जो संवेदनशीलता दिखाई है, वही एमिने अर्दोआन गाजा के लिए भी दिखाएंगी।
अलास्का की बहुचर्चित मुलाकात में ट्रंप ने पुतिन को एक चिट्ठी थमाई। लेकिन ये लेटर ट्रंप का लिखा नहीं था। बल्कि ये अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया का लिखा लेटर था और इसमें कोई राजनीतिक धमकी नहीं बल्कि एक भावनात्मक अपील थी कि बच्चों की मासूमियत को बचाने की अपील थी। ये चिट्ठी अब सार्वजनिक हो चुकी है। सबसे पहले फॉक्स न्यूज ने इसकी कॉपी पाई और बाद में अटॉर्नी जनरल पॉम बॉन्डी ने इसे सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया।
इस लेटर की शुरुआत होती है प्रिय राष्ट्रपति पुतिन हर बच्चे के दिल में एक जैसे सपने होते हैं। मेलानिया ने लिखा कि बच्चे चाहे गांव में पैदा हुए हो या फिर शहर में बच्चे प्यार, सुरक्षा और संभावना के सपने देखते हैं। नेताओं के तौर पर हम पर ये जिम्मेदारी है कि हम बच्चों की मासूमियत की रक्षा करे। उन्होंने आगे लिखा कि मिस्टर पुतिन आप अकेले ही उनकी मधुर हंसी बहाल कर सकते हैं। इन बच्चों की मासूमियत की रक्षा करके आप सिर्फ रूस ही नहीं बल्कि पूरी मानवता की सेवा करेंगे। यानी मेलानिया ने ट्रंप की राजनीति को पूरी तरह दरकिनार कर पुतिन से ये अपील की कि बच्चों की तकदरी को हथियार न बनाया जाए।