यमन पर हमला बोलकर वहां भीषण तबाही लाना हो लेबनान के प्रधानमंत्री साद हरीरी को बंधक बनाना, कतर का ब्लॉकेड करना, यूएई और बहरीन की इजरायल से दोस्ती अमेजॉन और वॉशिंगटन पोस्ट के मालिक जेफ बेजोस का फोन हैक करवाना। एक नाम जो हमेशा चर्चा में रहता है वो है मोहम्मद बिन सलमान का जिन्हें एमबीएस के नाम से भी जाना जाता है। बात करेंगे एमबीएस के उस डार्क साइड की भी जब एक पत्रकार की आवाज को कुचलने के लिए सऊदी एबेंसी में उसके शरीर के टुकड़े टुकड़े कर दिए गए।
तुर्की में की गई थी खशोगी की हत्या
2 अक्टूबर 2018, जगह थी इंस्ताबुल दोपहर को एक बजे दूतावास में दाखिल हुआ उन्हें कागजात बनवाने के नाम पर एंबेसी बुलाया गया था। वो बिल्डिंग में अंदर गए लेकिन बाहर नहीं आ पाए। पता चला कि एंबेसी के अन्दर उस शख्स की हत्या कर दी गई। मारे गए शख्स का नाम था जमाल खशोगी। वाशिंगटन पोस्ट के एक स्तंभकार खशोगी ने सऊदी अरब के वास्तविक शासक प्रिंस मोहम्मद के कठोर तरीकों की आलोचना की थी। दावा किया गया था कि खशोगी सऊदी अरब सरकार की आलोचना में वाशिंगटन पोस्ट में कॉलम लिखा करते थे। जब वो इस्तांबुल में सऊदी दूतावास में एक टर्किश नागरिक से शादी करने के लिए कुछ जरूरी कागजात लेने पहुंचे थे तो उन्हें कोई नशीला पदार्थ दे दिया गया था। फिर उसके बाद उनका कत्ल कर दिया गया। अमेरिकी नेटवर्क सीबीएस के साथ एक साक्षात्कार में एमबीएस ने हत्या का आदेश देने से इनकार किया था, लेकिन कहा था कि वह “पूरी जिम्मेदारी” लेते हैं क्योंकि यह सऊदी सरकार के लिए काम करने वाले व्यक्तियों द्वारा किया गया था।
अमेजॉन फाउंडर का फोन सऊदी प्रिंस ने क्यों हैक करवाया?
अमेजन के CEO जेफ बेजोस का मोबाइल फोन साल 2018 में एक व्हाट्सएप मैसेज मिलने के बाद हैक हो गया था, जिसे सउदी अरब के क्राउन प्रिंस के पर्सनल अकाउंट द्वारा भेजा गया था। माना जाता है कि मोहम्मद बिन सलमान द्वारा उपयोग किए गए नंबर से एन्क्रिप्ट किए गए संदेश में एक मैलिसियस फ़ाइल (एक तरह का करप्ट फाइल) शामिल थी, जिसने डिजिटल फॉरेंसिक विश्लेषण के परिणामों के अनुसार दुनिया के सबसे अमीर आदमी के फोन को घुसपैठ किया था। नाम न छापने की शर्त पर गार्जियन से बात करने वाले सूत्रों के मुताबिक, उस साल के 1 मई को दो लोगों की व्हाट्सएप पर मैसेज के जरिए फ्रेंडली बातचीत चल रही थी, जब अनचाही फाइल भेजी गई थी. इस मामले से परिचित एक व्यक्ति के अनुसार, बड़ी मात्रा में डेटा को बेजोस के फोन से कुछ घंटों के भीतर हटा दिया गया था।
सऊदी की शान अरामको पर हूती का हमला
सऊदी अरब की सरकारी तेल कंपनी सऊदी अरामको (Arabian American Oil Company-ARAMCO) पर ड्रोन से हवाई हमले हुए हैं, जिसके कारण अंतर्राष्ट्रीय तेल बाज़ार काफी हद तक प्रभावित हुआ था। अरामको पर हुए हवाई हमले की ज़िम्मेदारी यमन के हूती विद्रोहियों ने ली। इस हमले से सत्तारूढ़ अल सऊद परिवार की कई प्रमुख शाखाओं, जिनकी संख्या लगभग 10,000 है। सभी के बीच चिंता पैदा हो गई है कि क्या एमबीएस दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक की रक्षा और नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं। उस समय संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि वह इस बात की पुष्टि नहीं कर सकता कि ईरानी हथियारों का इस्तेमाल किया गया था या नहीं। कुछ सऊदी आलोचकों ने कहा कि एमबीएस की ईरान के प्रति आक्रामक विदेश नीति और यमन युद्ध में उनकी भागीदारी ने राज्य को हमले के लिए उजागर किया। ड्रोन हमलों का निशाना बनी अबकैक की तेल रिफाइनरी में प्रतिदिन 70 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन होता है। अरामको के अनुसार ये दुनिया का सबसे बड़ा कच्चे तेल का स्टैबिलाइजेशन प्लांट है। वर्ष 2006 में भी इस संयंत्र पर अलकायदा ने आत्मघाती हमला करने का प्रयास किया था, जिसे सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था। वर्ष 2018 में अरामको की कमाई 111 अरब डॉलर थी। पिछले वर्ष अरामको ने सऊदी अरब सरकार को 160 अरब डॉलर का राजस्व दिया था। अरामको के पास दुनिया के कुछ सबसे बड़े तेल भंडार वाले क्षेत्र हैं और कंपनी को ये तेल भंडार बहुत कम कीमत पर मिले हैं।