अब घर पर ही मिल रहा पशुओं को इलाज:पशुपालकों के लिए वरदान बनी मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा, अब तक 30126 पशुओं का उपचार, 1962 पर कॉल करते ही मिल रही घर बैठे सुविधा

जिले में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित मोबाइल वेटरनरी यूनिट योजना पशुपालकों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई है। अब बीमार पशुओं के इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, बल्कि सिर्फ एक कॉल या कैंप में पहुंचकर इलाज की सुविधा मिल रही है। राज्य सरकार द्वारा इस सेवा की शुरुआत 24 फरवरी 2024 में की गई थी। इसके तहत 1962 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने या गांव में आयोजित कैंप में भाग लेने पर मोबाइल यूनिट द्वारा पशुओं का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। झुंझुनूं में 12 मोबाइल यूनिट कर रहीं सेवा झुंझुनूं जिले में वर्तमान में कुल 12 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन संचालित किए जा रहे हैं। हर वाहन में एक पशु चिकित्सक, एक पशु चिकित्सा सहायक (कंपाउंडर) और एक अटेंडेंट (ड्राइवर व हेल्पर) की तैनाती है। हर वाहन में 137 प्रकार की दवाएं, उपकरण, वैक्सीन, सर्जिकल टेबल और लैब सुविधा मौजूद रहती है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुरेश सुरा के अनुसार सेवा की मॉनिटरिंग के लिए हर ब्लॉक में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। कैंपों के माध्यम से पहुंच रही सेवा गांव-गांव जनवरी से जून 2025 तक झुंझुनूं जिले में कुल 1941 पशु चिकित्सा कैंप आयोजित किए गए हैं। इन कैंपों में अब तक 30 हजार 126 बीमार पशुओं का इलाज किया गया, जिससे 6 हजार 359 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। सेवा प्राप्त करने की प्रक्रिया पशुपालकों को जब भी उनके पशु बीमार हों, तो वे 1962 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। उन्हें कॉल पर अपना नाम, गांव, पशु की जानकारी और बीमारी के लक्षण बताने होते हैं। इसके बाद कॉल सेंटर यह सूचना संबंधित क्षेत्र की मोबाइल यूनिट को एसएमएस व मोबाइल एप के माध्यम से भेजता है। पशु चिकित्सक अपनी टीम के साथ घर जाकर उपचार करता है। सेवा पूरी तरह निःशुल्क है।

Jul 4, 2025 - 10:51
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अब घर पर ही मिल रहा पशुओं को इलाज:पशुपालकों के लिए वरदान बनी मोबाइल पशु चिकित्सा सेवा, अब तक 30126 पशुओं का उपचार, 1962 पर कॉल करते ही मिल रही घर बैठे सुविधा
जिले में पशुपालन विभाग द्वारा संचालित मोबाइल वेटरनरी यूनिट योजना पशुपालकों के लिए बड़ी राहत बनकर सामने आई है। अब बीमार पशुओं के इलाज के लिए अस्पतालों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते, बल्कि सिर्फ एक कॉल या कैंप में पहुंचकर इलाज की सुविधा मिल रही है। राज्य सरकार द्वारा इस सेवा की शुरुआत 24 फरवरी 2024 में की गई थी। इसके तहत 1962 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने या गांव में आयोजित कैंप में भाग लेने पर मोबाइल यूनिट द्वारा पशुओं का निःशुल्क उपचार किया जा रहा है। झुंझुनूं में 12 मोबाइल यूनिट कर रहीं सेवा झुंझुनूं जिले में वर्तमान में कुल 12 मोबाइल पशु चिकित्सा वाहन संचालित किए जा रहे हैं। हर वाहन में एक पशु चिकित्सक, एक पशु चिकित्सा सहायक (कंपाउंडर) और एक अटेंडेंट (ड्राइवर व हेल्पर) की तैनाती है। हर वाहन में 137 प्रकार की दवाएं, उपकरण, वैक्सीन, सर्जिकल टेबल और लैब सुविधा मौजूद रहती है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. सुरेश सुरा के अनुसार सेवा की मॉनिटरिंग के लिए हर ब्लॉक में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। कैंपों के माध्यम से पहुंच रही सेवा गांव-गांव जनवरी से जून 2025 तक झुंझुनूं जिले में कुल 1941 पशु चिकित्सा कैंप आयोजित किए गए हैं। इन कैंपों में अब तक 30 हजार 126 बीमार पशुओं का इलाज किया गया, जिससे 6 हजार 359 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं। सेवा प्राप्त करने की प्रक्रिया पशुपालकों को जब भी उनके पशु बीमार हों, तो वे 1962 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल कर सकते हैं। उन्हें कॉल पर अपना नाम, गांव, पशु की जानकारी और बीमारी के लक्षण बताने होते हैं। इसके बाद कॉल सेंटर यह सूचना संबंधित क्षेत्र की मोबाइल यूनिट को एसएमएस व मोबाइल एप के माध्यम से भेजता है। पशु चिकित्सक अपनी टीम के साथ घर जाकर उपचार करता है। सेवा पूरी तरह निःशुल्क है।