बेतिया में आग से 10 घर जलकर राख:10 लाख से अधिक का नुकसान, खाना बनाने के दौरान हुआ हादसा
पश्चिम चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड अंतर्गत चौमुखा पंचायत के वार्ड संख्या-5 में गुरुवार देर रात अचानक आग लगने दस घर जलकर पूरी तरह राख हो गया है। यह घटना रात करीब 10 बजे की है। जब चंदिका यादव के घर खाना बन रहा था। बताया जाता है कि खाना बनाने की ही दौरान आग लगी और देखते ही देखते आग ने आसपास के कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। वहीं ग्रामीणों के प्रयासों के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक दर्जनों लोगों की मेहनत की कमाई, घर का सामान, अनाज, कपड़े, फर्नीचर और जरूरी कागजात जलकर खाक हो चुके था।इस हादसे में पीड़ितों को 10 लाख से अधिक की क्षति की आशंका है। फायर ब्रिगेड की टीम पर देरी से पहुंचने का लगाया आरोप स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि आग लगने के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई, लेकिन काफी देर तक न कोई दमकल वाहन पहुंचा और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर घंटों कड़ी मेहनत के बाद आग पर किसी तरह नियंत्रण पाया। इस हादसे में चंदिका यादव समेत अन्य कई परिवार पूरी तरह बेघर हो गए हैं। उन्होंने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है ताकि वे फिर से अपने जीवन को सामान्य कर सकें। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर दमकल की गाड़ी पहुंच जाती, तो नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता था। अब स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि अग्निशमन व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। पीड़ितों के मदद के लिए पहुंचे अधिकारी मुखिया मुकेन्द्र यादव ने बताया कि पीड़ित परिवारों के स्थानीय प्रशासन से मुआवजा से मांग की गई है। वहीं अंचलाधिकारी नगमा तबस्सुम ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही हल्ला कर्मचारी को भेज दी गई है और प्लास्टिक के वितरण करने की बात कही गई है।
पश्चिम चंपारण जिले के योगापट्टी प्रखंड अंतर्गत चौमुखा पंचायत के वार्ड संख्या-5 में गुरुवार देर रात अचानक आग लगने दस घर जलकर पूरी तरह राख हो गया है। यह घटना रात करीब 10 बजे की है। जब चंदिका यादव के घर खाना बन रहा था। बताया जाता है कि खाना बनाने की ही दौरान आग लगी और देखते ही देखते आग ने आसपास के कई घरों को अपनी चपेट में ले लिया। वहीं ग्रामीणों के प्रयासों के बावजूद आग पर काबू नहीं पाया जा सका। जब तक लोग कुछ समझ पाते, तब तक दर्जनों लोगों की मेहनत की कमाई, घर का सामान, अनाज, कपड़े, फर्नीचर और जरूरी कागजात जलकर खाक हो चुके था।इस हादसे में पीड़ितों को 10 लाख से अधिक की क्षति की आशंका है। फायर ब्रिगेड की टीम पर देरी से पहुंचने का लगाया आरोप स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि आग लगने के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड को सूचना दी गई, लेकिन काफी देर तक न कोई दमकल वाहन पहुंचा और न ही कोई प्रशासनिक अधिकारी। इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर घंटों कड़ी मेहनत के बाद आग पर किसी तरह नियंत्रण पाया। इस हादसे में चंदिका यादव समेत अन्य कई परिवार पूरी तरह बेघर हो गए हैं। उन्होंने प्रशासन से तत्काल राहत और मुआवजे की मांग की है ताकि वे फिर से अपने जीवन को सामान्य कर सकें। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय पर दमकल की गाड़ी पहुंच जाती, तो नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता था। अब स्थानीय प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि अग्निशमन व्यवस्था को सुदृढ़ किया जाए ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। पीड़ितों के मदद के लिए पहुंचे अधिकारी मुखिया मुकेन्द्र यादव ने बताया कि पीड़ित परिवारों के स्थानीय प्रशासन से मुआवजा से मांग की गई है। वहीं अंचलाधिकारी नगमा तबस्सुम ने बताया कि आग लगने की सूचना मिलते ही हल्ला कर्मचारी को भेज दी गई है और प्लास्टिक के वितरण करने की बात कही गई है।