हिसार में फूटा ग्रामीणों का गुस्सा:प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की जर्जर हालत पर जड़ा ताला, बोले- 1985 से चल रहा, दीवारों में दरारें आई
                                            
                            हिसार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की बिल्डिंग की जर्जर हालत को लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। कई बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने पीएचसी के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। बाद में डिप्टी सीएमओ डॉ. अनामिका बिश्नोई के मौके पर पहुंचकर आश्वासन देने के बाद ताला खोला गया। घटना उकलाना क्षेत्र के पाबड़ा गांव की है। सरपंच दर्शन सिंह, महेंद्र सिहाग, कुलदीप माढ़ा, बलवीर नंबरदार, वीरेंद्र, सोनू, मेवा सिंह, मनोज कुंडू, भरत सिंह, इंद्र सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि यह भवन 1985 में बनाया गया था, जो अब पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। भवन की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं और छत टपकने लगी है, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। कुलदीप माढ़ा ने बताया कि पाबड़ा गांव की आबादी लगभग 17,000 है और आस-पास के गांवों के लोग भी इसी केंद्र से स्वास्थ्य सेवाएं लेते हैं। लेकिन भवन की हालत खराब होने के कारण अब लोग इलाज के लिए यहां आना बंद कर चुके हैं। लिखित सूचना दे चुके- ग्रामीण
महिलाओं की डिलीवरी समेत अन्य जरूरी सेवाएं ठप पड़ी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में लिखित सूचना दे चुके हैं, लेकिन अब तक भवन को कंडम घोषित नहीं किया गया। गांव में सूचना मिलते ही डिप्टी सीएमओ डॉ. अनामिका बिश्नोई स्वयं पाबड़ा पहुंचीं और ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि भवन को कंडम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही नया समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि उनकी मांग को प्राथमिकता के आधार पर संबंधित उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीणों के शांत होने के बाद पीएचसी के गेट पर लगाया गया ताला खोला गया।                        
                                        
                    
                                            
                            हिसार में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) की बिल्डिंग की जर्जर हालत को लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। कई बार शिकायत के बावजूद कार्रवाई न होने से नाराज ग्रामीणों ने पीएचसी के मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया। बाद में डिप्टी सीएमओ डॉ. अनामिका बिश्नोई के मौके पर पहुंचकर आश्वासन देने के बाद ताला खोला गया। घटना उकलाना क्षेत्र के पाबड़ा गांव की है। सरपंच दर्शन सिंह, महेंद्र सिहाग, कुलदीप माढ़ा, बलवीर नंबरदार, वीरेंद्र, सोनू, मेवा सिंह, मनोज कुंडू, भरत सिंह, इंद्र सिंह सहित सैकड़ों ग्रामीण शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे। प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने कहा कि यह भवन 1985 में बनाया गया था, जो अब पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। भवन की दीवारों में दरारें आ चुकी हैं और छत टपकने लगी है, जिससे किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। कुलदीप माढ़ा ने बताया कि पाबड़ा गांव की आबादी लगभग 17,000 है और आस-पास के गांवों के लोग भी इसी केंद्र से स्वास्थ्य सेवाएं लेते हैं। लेकिन भवन की हालत खराब होने के कारण अब लोग इलाज के लिए यहां आना बंद कर चुके हैं। लिखित सूचना दे चुके- ग्रामीण
महिलाओं की डिलीवरी समेत अन्य जरूरी सेवाएं ठप पड़ी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे कई बार स्वास्थ्य विभाग को इस बारे में लिखित सूचना दे चुके हैं, लेकिन अब तक भवन को कंडम घोषित नहीं किया गया। गांव में सूचना मिलते ही डिप्टी सीएमओ डॉ. अनामिका बिश्नोई स्वयं पाबड़ा पहुंचीं और ग्रामीणों से बातचीत की। उन्होंने आश्वासन दिया कि भवन को कंडम घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है और जल्द ही नया समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने ग्रामीणों को विश्वास दिलाया कि उनकी मांग को प्राथमिकता के आधार पर संबंधित उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जा रहा है। ग्रामीणों के शांत होने के बाद पीएचसी के गेट पर लगाया गया ताला खोला गया।