हरियाणा में 11 साल बाद DPA का गठन होगा:इंस्पेक्टर रैंक तक कर सकेंगे शिकायत; अभी 70 के खिलाफ कार्रवाई पेंडिंग, CM की नहीं मिली मंजूरी
हरियाणा में 11 सालों बाद जिला पुलिस अथॉरिटी (DPA) का गठन होने जा रहा है। इसकी पुष्टि खुद हरियाणा पुलिस अथॉरिटी के चेयरमैन रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरसी मिश्रा ने की है। इसके गठन होते ही आम लोग यहां इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे। हालांकि अभी राज्य पुलिस अथॉरिटी के पास 500 के करीब शिकायतों पेडिंग हैं, जिन पर सुनवाई होनी है। इसके अलावा अथॉरिटी ने 70 मामलों में इंस्पेक्टर और उससे नीचे की रैंक के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सुनवाई के बाद सरकार यानी गृह विभाग को कार्रवाई के लिए लिख दिया है। हरियाणा सरकार ने हाल ही में राज्य पुलिस अथॉरिटी के चेयरमैन के पद पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरसी मिश्रा को नियुक्त किया है। उनके अलावा अथॉरिटी के मेंबर पद पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ललित सिवाच को नियुक्ति दी है। यहां पढ़िए राज्य पुलिस अथॉरिटी का कब हुआ गठन 1. पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने DPA का गठन किया 11 साल पहले जुलाई, 2014 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा के जरिए हरियाणा पुलिस (संशोधन) कानून, 2014 पारित कराया गया, जिस पर तत्कालीन राज्यपाल की स्वीकृति मिलने पश्चात 1 अगस्त,2014 से वह लागू हो गया। 2. क्या हुआ संशोधन कानूनी संशोधन द्वारा हरियाणा पुलिस कानून, 2007 में राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण (अथॉरिटीज) को एक मेंबरी के स्थान पर बहु मेंबरी बनाने का प्रावधान किया गया था, जिसमे चेयरपर्सन के अलावा अधिकतम तीन मेंबर नियुक्त किए जा सकते है। इसके अलावा प्रत्येक जिले या एक से अधिक जिलों के लिए संयुक्त जिला अथॉरिटी के लिए भी प्रावधान किया गया। यहां पढ़िए हरियाणा में अभी क्या है व्यवस्था 1. सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश 19 साल पहले सितंबर 2006 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में पुलिस सुधारों पर प्रकाश सिंह केस के निर्णय में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को दिए गए कुल 6 निर्देशों में हर प्रदेश में न केवल राज्य स्तर पर बल्कि जिला स्तर पर भी पुलिस शिकायत अथॉरिटी गठन करने का निर्देश दिया गया था। राज्य शिकायत अथॉरिटी को पुलिस अधीक्षक (SP) और उससे ऊपर रैंक के पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध जबकि जिला स्तरीय शिकायत अथॉरिटी को उप पुलिस अधीक्षक (DSP) और उससे नीचे रैंक के पुलिस कर्मियों के विरूद्ध शिकायतों की सुनवाई करने का निर्देश था। 2. सुप्रीम कोर्ट के पूरे आदेश हरियाणा में लागू नहीं हेमंत ने बताया कि हरियाणा पुलिस कानून, 2007 में हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कानूनी प्रावधान नहीं किए गए हैं। हरियाणा में जिला पुलिस अथारिटी को डीएसपी रैंक तक नहीं बल्कि इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिस कर्मी विरूद्ध शिकायत की सुनवाई करने का अधिकार है।यहां नहीं उक्त कानून में जिला पुलिस शिकायत अथॉरिटी को सीमित शक्तियां प्रदान की गई हैं। 3. 2022 में अथॉरिटी की शक्तियां कम करने की हुई कोशिश 2022 में हरियाणा पुलिस (संशोधन) विधेयक द्वारा और कम करने का प्रयास किया गया था, हालांकि विपक्ष की मांग पर उस विधेयक को पहले तत्कालीन सदन की सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया था, जिसकी रिपोर्ट वर्ष 2023 बजट सत्र में सदन में पेश की गई। बहरहाल, तब से अब तक हरियाणा पुलिस संशोधन विधेयक को सदन द्वारा पारित नहीं किया जा सका है। अथॉरिटी के पास अभी क्या हैं अधिकार हरियाणा पुलिस कानून अनुसार इंस्पेक्टर रैंक और उससे नीचे रैंक के पुलिस कर्मियों जैसे, सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के विरूद्ध शिकायतों की सुनवाई के लिए धारा 68 सी के अंतर्गत जिला स्तर पर गठित पुलिस शिकायत अथॉरिटी ही सक्षम हैं। चूंकि कानून में प्रदेश सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से जिला पुलिस शिकायत अथॉरिटी बनाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है।
हरियाणा में 11 सालों बाद जिला पुलिस अथॉरिटी (DPA) का गठन होने जा रहा है। इसकी पुष्टि खुद हरियाणा पुलिस अथॉरिटी के चेयरमैन रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरसी मिश्रा ने की है। इसके गठन होते ही आम लोग यहां इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों के खिलाफ शिकायत कर सकेंगे। हालांकि अभी राज्य पुलिस अथॉरिटी के पास 500 के करीब शिकायतों पेडिंग हैं, जिन पर सुनवाई होनी है। इसके अलावा अथॉरिटी ने 70 मामलों में इंस्पेक्टर और उससे नीचे की रैंक के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ सुनवाई के बाद सरकार यानी गृह विभाग को कार्रवाई के लिए लिख दिया है। हरियाणा सरकार ने हाल ही में राज्य पुलिस अथॉरिटी के चेयरमैन के पद पर रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी आरसी मिश्रा को नियुक्त किया है। उनके अलावा अथॉरिटी के मेंबर पद पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी ललित सिवाच को नियुक्ति दी है। यहां पढ़िए राज्य पुलिस अथॉरिटी का कब हुआ गठन 1. पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने DPA का गठन किया 11 साल पहले जुलाई, 2014 में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने विधानसभा के जरिए हरियाणा पुलिस (संशोधन) कानून, 2014 पारित कराया गया, जिस पर तत्कालीन राज्यपाल की स्वीकृति मिलने पश्चात 1 अगस्त,2014 से वह लागू हो गया। 2. क्या हुआ संशोधन कानूनी संशोधन द्वारा हरियाणा पुलिस कानून, 2007 में राज्य स्तरीय और जिला स्तरीय पुलिस शिकायत प्राधिकरण (अथॉरिटीज) को एक मेंबरी के स्थान पर बहु मेंबरी बनाने का प्रावधान किया गया था, जिसमे चेयरपर्सन के अलावा अधिकतम तीन मेंबर नियुक्त किए जा सकते है। इसके अलावा प्रत्येक जिले या एक से अधिक जिलों के लिए संयुक्त जिला अथॉरिटी के लिए भी प्रावधान किया गया। यहां पढ़िए हरियाणा में अभी क्या है व्यवस्था 1. सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे निर्देश 19 साल पहले सितंबर 2006 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा देश में पुलिस सुधारों पर प्रकाश सिंह केस के निर्णय में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों को दिए गए कुल 6 निर्देशों में हर प्रदेश में न केवल राज्य स्तर पर बल्कि जिला स्तर पर भी पुलिस शिकायत अथॉरिटी गठन करने का निर्देश दिया गया था। राज्य शिकायत अथॉरिटी को पुलिस अधीक्षक (SP) और उससे ऊपर रैंक के पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध जबकि जिला स्तरीय शिकायत अथॉरिटी को उप पुलिस अधीक्षक (DSP) और उससे नीचे रैंक के पुलिस कर्मियों के विरूद्ध शिकायतों की सुनवाई करने का निर्देश था। 2. सुप्रीम कोर्ट के पूरे आदेश हरियाणा में लागू नहीं हेमंत ने बताया कि हरियाणा पुलिस कानून, 2007 में हालांकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार कानूनी प्रावधान नहीं किए गए हैं। हरियाणा में जिला पुलिस अथारिटी को डीएसपी रैंक तक नहीं बल्कि इंस्पेक्टर रैंक तक के पुलिस कर्मी विरूद्ध शिकायत की सुनवाई करने का अधिकार है।यहां नहीं उक्त कानून में जिला पुलिस शिकायत अथॉरिटी को सीमित शक्तियां प्रदान की गई हैं। 3. 2022 में अथॉरिटी की शक्तियां कम करने की हुई कोशिश 2022 में हरियाणा पुलिस (संशोधन) विधेयक द्वारा और कम करने का प्रयास किया गया था, हालांकि विपक्ष की मांग पर उस विधेयक को पहले तत्कालीन सदन की सेलेक्ट कमेटी को भेज दिया गया था, जिसकी रिपोर्ट वर्ष 2023 बजट सत्र में सदन में पेश की गई। बहरहाल, तब से अब तक हरियाणा पुलिस संशोधन विधेयक को सदन द्वारा पारित नहीं किया जा सका है। अथॉरिटी के पास अभी क्या हैं अधिकार हरियाणा पुलिस कानून अनुसार इंस्पेक्टर रैंक और उससे नीचे रैंक के पुलिस कर्मियों जैसे, सब इंस्पेक्टर, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल के विरूद्ध शिकायतों की सुनवाई के लिए धारा 68 सी के अंतर्गत जिला स्तर पर गठित पुलिस शिकायत अथॉरिटी ही सक्षम हैं। चूंकि कानून में प्रदेश सरकार द्वारा अनिवार्य रूप से जिला पुलिस शिकायत अथॉरिटी बनाने का स्पष्ट प्रावधान किया गया है।