सेबी के नियमों का पालन न करने पर कोल इंडिया पर जुर्माना
सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने सोमवार को कहा कि बीएसई और एनएसई ने उस पर कुल 10.72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने बताया कि यह जुर्माना बोर्ड में अपेक्षित संख्या में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति नहीं करने के चलते लगाया गया। बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), दोनों ने कोयला क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी पर अलग-अलग 5.36-5.36 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी को 30 जून, 2025 को समाप्त तिमाही में सेबी के प्रावधानों का पालन न करने के संबंध में एनएसई और बीएसई से नोटिस मिला है। इस तरह के गैर-अनुपालन के लिए प्रत्येक ने 5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कोल इंडिया घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है। कंपनी ने कहा कि यह गैर-अनुपालन उसकी किसी लापरवाही या चूक के कारण नहीं था और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास भी किए गए थे। कंपनी ने कहा कि निदेशक मंडल के सभी सदस्यों की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसलिए बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति सीआईएल के प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
 
                                सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया लि. (सीआईएल) ने सोमवार को कहा कि बीएसई और एनएसई ने उस पर कुल 10.72 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कंपनी ने बताया कि यह जुर्माना बोर्ड में अपेक्षित संख्या में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति नहीं करने के चलते लगाया गया।
बीएसई और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), दोनों ने कोयला क्षेत्र की इस प्रमुख कंपनी पर अलग-अलग 5.36-5.36 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने शेयर बाजार को बताया कि कंपनी को 30 जून, 2025 को समाप्त तिमाही में सेबी के प्रावधानों का पालन न करने के संबंध में एनएसई और बीएसई से नोटिस मिला है।
इस तरह के गैर-अनुपालन के लिए प्रत्येक ने 5,36,900 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। कोल इंडिया घरेलू कोयला उत्पादन में 80 प्रतिशत से अधिक का योगदान देती है। कंपनी ने कहा कि यह गैर-अनुपालन उसकी किसी लापरवाही या चूक के कारण नहीं था और अनुपालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए लगातार प्रयास भी किए गए थे।
कंपनी ने कहा कि निदेशक मंडल के सभी सदस्यों की नियुक्ति देश के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इसलिए बोर्ड सदस्यों की नियुक्ति सीआईएल के प्रबंधन के अधिकार क्षेत्र से बाहर है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 


 
                                                                                                                                             
                                                                                                                                             
                                                                                                                                            

 
                                             
                                             
                                             
                                            