युवा ऐसा भारत बनाएं जो नकल करने की जगह नवाचार पर ध्यान देः सिंधिया

दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को छात्रों से आह्वान किया कि वे दूसरों की नकल करने के बजाय नवाचार पर ध्यान केंद्रित करें और राष्ट्र निर्माण में योगदान देकर भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाएं। सिंधिया ने इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष ओपनएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सैम ऑल्टमैन का यहां आना इस बात का संकेत है कि भारत अब ऐसे दौर में है, जब देश जिम्मेदार तरीके से एआई प्रणालियां विकसित कर लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है। उन्होंने कहा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि नवाचार की अग्नि जलाएं, एशिया की भावना को आगे बढ़ाएं और एक ऐसा भारत बनाएं जो अनुकरण करने की जगह नवप्रवर्तक हो।” सिंधिया ने कहा कि शिक्षण संस्थान आईआईआईटी-दिल्ली दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर भरोसेमंद और जिम्मेदार एआई प्रणालियों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनके लिए एआई का अर्थ केवल कृत्रिम मेधा (एआई) नहीं बल्कि आकांक्षी भारत भी है। उन्होंने विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों से अपील की कि वे ज्ञान अर्जित कर भारत लौटें और देश की प्रगति में भागीदार बनें।

Aug 30, 2025 - 13:06
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युवा ऐसा भारत बनाएं जो नकल करने की जगह नवाचार पर ध्यान देः सिंधिया

दूरसंचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को छात्रों से आह्वान किया कि वे दूसरों की नकल करने के बजाय नवाचार पर ध्यान केंद्रित करें और राष्ट्र निर्माण में योगदान देकर भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाएं।

सिंधिया ने इंद्रप्रस्थ इंस्टीट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले वर्ष ओपनएआई के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सैम ऑल्टमैन का यहां आना इस बात का संकेत है कि भारत अब ऐसे दौर में है, जब देश जिम्मेदार तरीके से एआई प्रणालियां विकसित कर लोगों के जीवन में बदलाव ला रहा है।

उन्होंने कहा, “मैं आपसे आग्रह करता हूं कि नवाचार की अग्नि जलाएं, एशिया की भावना को आगे बढ़ाएं और एक ऐसा भारत बनाएं जो अनुकरण करने की जगह नवप्रवर्तक हो।”

सिंधिया ने कहा कि शिक्षण संस्थान आईआईआईटी-दिल्ली दूरसंचार विभाग के साथ मिलकर भरोसेमंद और जिम्मेदार एआई प्रणालियों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनके लिए एआई का अर्थ केवल कृत्रिम मेधा (एआई) नहीं बल्कि आकांक्षी भारत भी है। उन्होंने विदेश में पढ़ाई करने वाले छात्रों से अपील की कि वे ज्ञान अर्जित कर भारत लौटें और देश की प्रगति में भागीदार बनें।