बैंक खातों का उपयोग कर 10 करोड़ की ठगी:EOU ने 7 साइबर अपराधियों को किया गिरफ्तार, 15 बैंक अकाउंट भी जब्त
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और पटना साइबर थाने ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह साइबर अपराधियों को बैंक खाते उपलब्ध कराता था, जिनका उपयोग ऑनलाइन ठगी की रकम ट्रांसफर करने में होता था। इस मामले में कुल सात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। EOU को गुप्त सूचना मिली थी कि सगुना मोड़ इलाके के एक होटल में कुछ लोग साइबर अपराध की साजिश रच रहे हैं। साइबर अनुसंधान एवं अभियान के एसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम ने छापेमारी कर गिरोह के सदस्यों को पकड़ा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बेतिया का अमित कुमार, छपरा का दुर्गेश कुमार, मोतिहारी का रवि प्रकाश, भोजपुर का मोहम्मद रहबर, बक्सर के ब्रह्मपुरा का अनिल सिंह, तथा आरा के विशाल कुमार और भास्कर कुमार शामिल हैं। जिनको तुरंत पैसे की जरूरत होती, उनको करते थे टारगेट जांच में पता चला है कि अपराधी ऐसे लोगों से बैंक खाते लेते थे, जिन्हें तुरंत पैसे की आवश्यकता होती थी। वे जीएसटी रिफंड या सीएसआर फंड दिलाने के बहाने उनके खातों पर नियंत्रण हासिल कर लेते थे। इसके बाद इन खातों को साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराया जाता था। पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि ये अपराधी हर ट्रांजैक्शन पर 5 से 15 प्रतिशत कमीशन लेते थे। कुछ बैंककर्मियों की मिलीभगत से ठगी के लिए गांव के छोटे व्यापारियों के नाम पर करंट अकाउंट भी खुलवाए जाते थे। 15 बैंक खातों की हुई पहचान अब तक की जांच में ऐसे 15 बैंक खातों की पहचान हुई है, जिन पर देशभर में शिकायतें दर्ज हैं। इनमें से एक ही खाते पर 98 मामले सामने आए हैं। इन खातों के जरिए अब तक 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम ट्रांसफर की जा चुकी है। आर्थिक अपराध इकाई ने लोगों से अपील की है कि वे लालच में आकर अपना बैंक अकाउंट, सिम कार्ड या कोई भी निजी जानकारी किसी को न दें। यदि कोई व्यक्ति रिफंड या फंड के नाम पर ऐसा प्रस्ताव दे, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या साइबर पोर्टल पर सूचना दें।
आर्थिक अपराध इकाई (EOU) और पटना साइबर थाने ने एक बड़े साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ किया है। यह गिरोह साइबर अपराधियों को बैंक खाते उपलब्ध कराता था, जिनका उपयोग ऑनलाइन ठगी की रकम ट्रांसफर करने में होता था। इस मामले में कुल सात अपराधियों को गिरफ्तार किया गया है। EOU को गुप्त सूचना मिली थी कि सगुना मोड़ इलाके के एक होटल में कुछ लोग साइबर अपराध की साजिश रच रहे हैं। साइबर अनुसंधान एवं अभियान के एसपी के निर्देश पर एक विशेष टीम ने छापेमारी कर गिरोह के सदस्यों को पकड़ा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में बेतिया का अमित कुमार, छपरा का दुर्गेश कुमार, मोतिहारी का रवि प्रकाश, भोजपुर का मोहम्मद रहबर, बक्सर के ब्रह्मपुरा का अनिल सिंह, तथा आरा के विशाल कुमार और भास्कर कुमार शामिल हैं। जिनको तुरंत पैसे की जरूरत होती, उनको करते थे टारगेट जांच में पता चला है कि अपराधी ऐसे लोगों से बैंक खाते लेते थे, जिन्हें तुरंत पैसे की आवश्यकता होती थी। वे जीएसटी रिफंड या सीएसआर फंड दिलाने के बहाने उनके खातों पर नियंत्रण हासिल कर लेते थे। इसके बाद इन खातों को साइबर अपराधियों को उपलब्ध कराया जाता था। पूछताछ के दौरान यह भी सामने आया कि ये अपराधी हर ट्रांजैक्शन पर 5 से 15 प्रतिशत कमीशन लेते थे। कुछ बैंककर्मियों की मिलीभगत से ठगी के लिए गांव के छोटे व्यापारियों के नाम पर करंट अकाउंट भी खुलवाए जाते थे। 15 बैंक खातों की हुई पहचान अब तक की जांच में ऐसे 15 बैंक खातों की पहचान हुई है, जिन पर देशभर में शिकायतें दर्ज हैं। इनमें से एक ही खाते पर 98 मामले सामने आए हैं। इन खातों के जरिए अब तक 10 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम ट्रांसफर की जा चुकी है। आर्थिक अपराध इकाई ने लोगों से अपील की है कि वे लालच में आकर अपना बैंक अकाउंट, सिम कार्ड या कोई भी निजी जानकारी किसी को न दें। यदि कोई व्यक्ति रिफंड या फंड के नाम पर ऐसा प्रस्ताव दे, तो तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 या साइबर पोर्टल पर सूचना दें।