डॉक्टर साहब नशे में धुत हैं!:एक और SDM वाला 'थप्पड़कांड'; जोधपुर में अवकाश के दिन टॉयलेट की 'छुट्टी'
नमस्कार SDM के ओहदे पर बैठे अधिकारी ने एक पेट्रोल पंप कर्मचारी को सिर्फ इसलिए थप्पड़ मार दिया, क्योंकि उसने उनकी गाड़ी में पहले CNG नहीं भरा। बीकानेर में बीमार बच्चे को लेकर परिवार वाले डॉक्टर साहब के सरकारी क्वार्टर पर गए तो वे शराब के नशे में धुत मिले। जोधपुर के ओसियां में एक महिला को पब्लिक टॉयलेट पर ताला मिला तो सरकार से पूछ लिया सवाल। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की ऐसी ही खरी-खरी बातें पढ़िए, आज के इस एपिसोड में... 1.ओये, SDM हूं मैं यहां का.. न्याय के पद पर बैठे अफसर के सिर पर गुरूर चढ़ गया। वे कार में परिवार को लेकर निकले। कानून को रुमाल बनाकर जेब में रख रखा था। वे पेट्रोल पंप पर पहुंचे। कार में CNG भरवाना था। दूसरी कार भी आकर खड़ी हुई। अफसर महोदय के माथे पर अफसर नहीं लिखा था, इसलिए कर्मचारी उन्हें पहचान नहीं सका। वह दूसरी कार में फ्यूल भरने लगा। SDM साहब तमतमा गए। कार से चौड़े होकर उतरे और कर्मचारी को ललकारा- ओये, मैं एसडीएम हूं यहां का। इसके बाद कर्मचारी को धक्का मारा और चांटा जड़ दिया। दूसरे कर्मचारी को भी चांटा मारा। उसने तुरंत उधार चुकाते हुए पलटवार कर दिया। घटना के वीडियो सामने आए। सोशल मीडिया पर लोगों ने एसडीएम साहब का इतिहास-भूगोल और गणित खोज निकाला। पूर्व पत्नी का किस्सा भी सामने आ गया। कितनी बार APO हुए हैं, ये लिस्ट भी निकल आई। साहब चौतरफा घिर गए। फिर सफाई पर उतर आए। कर्मचारियों के खिलाफ ही पत्नी से छेड़छाड़ का मामला दर्ज करा दिया। हालांकि सरकार ने सस्पेंड कर दिया लेकिन लोग कह रहे हैं-ऐसों को सबक मिलना चाहिए। 2. जब डॉक्टर साहब के रंग में भंग हो गया बच्चा बीमार पड़ा तो परिजन गोद में लेकर हॉस्पिटल दौड़े। पता चला कि डॉक्टर साहब सरकारी क्वार्टर पर हैं। परिजन मरीज को लेकर क्वार्टर पहुंच गए। दरवाजे के अंदर जाकर साहब को आवाजें लगाई। डॉक्टर साहब झूमते हुए निकले। परिजन ने दर्द बयान किया- साहब बच्चा बीमार है, देख लीजिए। साहब अबे-तबे करने लगे। अटेंडेंट जर्नलिज्म पर उतर आए। जेब से मोबाइल निकाला और वीडियो बनाने लगे। डॉक्टर साहब कमरे के अंदर गए और चद्दर मुंह पर डाल बिस्तर पर जा पड़े। मोबाइल का कैमरा टेबल पर सजे 'पेय पदार्थ' और चखने की तरफ घूमा। टेबल के नीचे एक्सट्रा स्टॉक। साहब ने फुल इंतजाम कर रखा था लेकिन रंग में भंग होने लगा। मोबाइल धारकों पर साहब झल्ला गए। चिल्ला पडे- जो करना है कर लो, किसी भी मंत्री से बोल दो, संतरी से बोल दो, मैं डरता नहीं हूं। अब साहब के खिलाफ जांच बैठ गई। साहब ने भी पलटी मारी। घर में घुसने वालों पर गाली-गलौज और चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। 3. छुट्टी पर पब्लिक टॉयलेट की भी छुट्टी ये कैसा स्वच्छ भारत है, जहां छुट्टी के दिन पब्लिक टॉयलेट की भी छुट्टी रहती है। हम नहीं कह रहे। जोधपुर के ओसियां बस स्टैंड पर पहुंची एक महिला ने ऐसा कहते हुए वीडियो बनाया है। वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है। कार में बैठी महिला ने आपबीती सुनाई। कहा- ओसियां बस स्टैंड पहुंची थी। टॉयलेट इस्तेमाल करना था। लेकिन वहां टॉयलेट के चैनल गेट पर ताला जड़ा था। एक व्यक्ति से पूछा कि कहां जाऊं तो जवाब मिला कि दुकानों के पीछे कहीं भी चले जाओ। महिला ने परेशान होकर वीडियो बनाया और सवाल पर सवाल दाग दिया। पूछा- कौन है इस व्यवस्था का जिम्मेदार? महिलाएं कहां जाएं? स्वच्छता की बात की जाती है, महिला सुरक्षा की बात की जाती है। सरकार जवाब दे। खुले में टॉयलेट जाने पर सुरक्षा खतरे में पड़ी तो जवाब कौन देगा? 4. चलते-चलते... बात टांके की है। राजस्थान के बड़े इलाके में थार का रेगिस्तान फैला है। पानी की बूंद-बूंद के लिए लोग तरसते हैं। सदियों से घरों में टांका यानी वाटर टैंक बनाने की प्रथा है। ताकि बारिश के पानी को सहेज सकें। सालभर इसी पानी का इस्तेमाल कर लोग जीवनयापन करते हैं। अब सरकार का आदेश आया कि बिना अनुमति के निजी टांके घरों में नहीं बनाए जाएं। इसके बाद बाड़मेर की राजनीति में खलबली मच गई। पूर्व मंत्री ने टांके के पास खड़े होकर वीडियो बनाया। कहा- जो कभी नहीं हुआ, वह सरकार ने किया। विधायक रविंद्र भाटी ने ट्वीट किया। लिखा- थार में बूंद-बूंद का मोल है। टांके पर रोक लगाने के बजाय ये पता लगाएं कि थार का जलस्तर क्यों गिर रहा है। सांसद उम्मेदाराम भी सोशल मीडिया पर लिखा- यह ग्रामीण जनता के साथ अन्याय है। इस मामले के इतर सोशल मीडिया पर थार रेगिस्तान में जल संग्रहण का खूबसूरत वीडियो खूब चला है। वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब कल मुलाकात होगी...
नमस्कार SDM के ओहदे पर बैठे अधिकारी ने एक पेट्रोल पंप कर्मचारी को सिर्फ इसलिए थप्पड़ मार दिया, क्योंकि उसने उनकी गाड़ी में पहले CNG नहीं भरा। बीकानेर में बीमार बच्चे को लेकर परिवार वाले डॉक्टर साहब के सरकारी क्वार्टर पर गए तो वे शराब के नशे में धुत मिले। जोधपुर के ओसियां में एक महिला को पब्लिक टॉयलेट पर ताला मिला तो सरकार से पूछ लिया सवाल। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की ऐसी ही खरी-खरी बातें पढ़िए, आज के इस एपिसोड में... 1.ओये, SDM हूं मैं यहां का.. न्याय के पद पर बैठे अफसर के सिर पर गुरूर चढ़ गया। वे कार में परिवार को लेकर निकले। कानून को रुमाल बनाकर जेब में रख रखा था। वे पेट्रोल पंप पर पहुंचे। कार में CNG भरवाना था। दूसरी कार भी आकर खड़ी हुई। अफसर महोदय के माथे पर अफसर नहीं लिखा था, इसलिए कर्मचारी उन्हें पहचान नहीं सका। वह दूसरी कार में फ्यूल भरने लगा। SDM साहब तमतमा गए। कार से चौड़े होकर उतरे और कर्मचारी को ललकारा- ओये, मैं एसडीएम हूं यहां का। इसके बाद कर्मचारी को धक्का मारा और चांटा जड़ दिया। दूसरे कर्मचारी को भी चांटा मारा। उसने तुरंत उधार चुकाते हुए पलटवार कर दिया। घटना के वीडियो सामने आए। सोशल मीडिया पर लोगों ने एसडीएम साहब का इतिहास-भूगोल और गणित खोज निकाला। पूर्व पत्नी का किस्सा भी सामने आ गया। कितनी बार APO हुए हैं, ये लिस्ट भी निकल आई। साहब चौतरफा घिर गए। फिर सफाई पर उतर आए। कर्मचारियों के खिलाफ ही पत्नी से छेड़छाड़ का मामला दर्ज करा दिया। हालांकि सरकार ने सस्पेंड कर दिया लेकिन लोग कह रहे हैं-ऐसों को सबक मिलना चाहिए। 2. जब डॉक्टर साहब के रंग में भंग हो गया बच्चा बीमार पड़ा तो परिजन गोद में लेकर हॉस्पिटल दौड़े। पता चला कि डॉक्टर साहब सरकारी क्वार्टर पर हैं। परिजन मरीज को लेकर क्वार्टर पहुंच गए। दरवाजे के अंदर जाकर साहब को आवाजें लगाई। डॉक्टर साहब झूमते हुए निकले। परिजन ने दर्द बयान किया- साहब बच्चा बीमार है, देख लीजिए। साहब अबे-तबे करने लगे। अटेंडेंट जर्नलिज्म पर उतर आए। जेब से मोबाइल निकाला और वीडियो बनाने लगे। डॉक्टर साहब कमरे के अंदर गए और चद्दर मुंह पर डाल बिस्तर पर जा पड़े। मोबाइल का कैमरा टेबल पर सजे 'पेय पदार्थ' और चखने की तरफ घूमा। टेबल के नीचे एक्सट्रा स्टॉक। साहब ने फुल इंतजाम कर रखा था लेकिन रंग में भंग होने लगा। मोबाइल धारकों पर साहब झल्ला गए। चिल्ला पडे- जो करना है कर लो, किसी भी मंत्री से बोल दो, संतरी से बोल दो, मैं डरता नहीं हूं। अब साहब के खिलाफ जांच बैठ गई। साहब ने भी पलटी मारी। घर में घुसने वालों पर गाली-गलौज और चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। 3. छुट्टी पर पब्लिक टॉयलेट की भी छुट्टी ये कैसा स्वच्छ भारत है, जहां छुट्टी के दिन पब्लिक टॉयलेट की भी छुट्टी रहती है। हम नहीं कह रहे। जोधपुर के ओसियां बस स्टैंड पर पहुंची एक महिला ने ऐसा कहते हुए वीडियो बनाया है। वीडियो सोशल मीडिया पर चल रहा है। कार में बैठी महिला ने आपबीती सुनाई। कहा- ओसियां बस स्टैंड पहुंची थी। टॉयलेट इस्तेमाल करना था। लेकिन वहां टॉयलेट के चैनल गेट पर ताला जड़ा था। एक व्यक्ति से पूछा कि कहां जाऊं तो जवाब मिला कि दुकानों के पीछे कहीं भी चले जाओ। महिला ने परेशान होकर वीडियो बनाया और सवाल पर सवाल दाग दिया। पूछा- कौन है इस व्यवस्था का जिम्मेदार? महिलाएं कहां जाएं? स्वच्छता की बात की जाती है, महिला सुरक्षा की बात की जाती है। सरकार जवाब दे। खुले में टॉयलेट जाने पर सुरक्षा खतरे में पड़ी तो जवाब कौन देगा? 4. चलते-चलते... बात टांके की है। राजस्थान के बड़े इलाके में थार का रेगिस्तान फैला है। पानी की बूंद-बूंद के लिए लोग तरसते हैं। सदियों से घरों में टांका यानी वाटर टैंक बनाने की प्रथा है। ताकि बारिश के पानी को सहेज सकें। सालभर इसी पानी का इस्तेमाल कर लोग जीवनयापन करते हैं। अब सरकार का आदेश आया कि बिना अनुमति के निजी टांके घरों में नहीं बनाए जाएं। इसके बाद बाड़मेर की राजनीति में खलबली मच गई। पूर्व मंत्री ने टांके के पास खड़े होकर वीडियो बनाया। कहा- जो कभी नहीं हुआ, वह सरकार ने किया। विधायक रविंद्र भाटी ने ट्वीट किया। लिखा- थार में बूंद-बूंद का मोल है। टांके पर रोक लगाने के बजाय ये पता लगाएं कि थार का जलस्तर क्यों गिर रहा है। सांसद उम्मेदाराम भी सोशल मीडिया पर लिखा- यह ग्रामीण जनता के साथ अन्याय है। इस मामले के इतर सोशल मीडिया पर थार रेगिस्तान में जल संग्रहण का खूबसूरत वीडियो खूब चला है। वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। अब कल मुलाकात होगी...