गहलोत बोले- जिलाध्यक्षों में कोई नेता पंचायती नहीं करें:मंत्री बनना आसान है जिलाध्यक्ष बनना मुश्किल, किसी गुट का बने सबको साथ लेकर चले
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने संगठन सृजन अभियान के तहत नए जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया में चहेते नेताओं या अपने गुट के नेताओं की सिफारिश करने को लेकर तंज कसा है। गहलोत ने कहा- हाईकमान चाहता है जिलाध्यक्षों पर निष्पक्ष होकर असली फीडबैक हमारे पास आए। वह तभी आएगा जब कोई नेता पंचायती नहीं करें, पर्यवेक्षकों से सिफारिश नहीं करे, अपनी भावना उनको नहीं बताएं। पूर्व सीएम ने कहा कि किसी भी गुट का जिलाध्यक्ष बने वो सभी को साथ लेकर चले। दरअसल, राजस्थान के 48 जिलों के जिलाध्यक्ष के लिए पार्टी ने पैनल तैयार कर लिया है। नए जिलाध्यक्षों का ऐलान नवंबर में हो सकता है। पूर्व CM बोले- किसी नेता को अधिकार नहीं देना चाहिए गहलोत ने कहा- कोई बात है तो राहुल गांधी को बताएं, केसी वेणुगोपाल को बता दें। मैं फील करता हूं मेरे पास फीडबैक आया तो उस पर कोई बात नहीं, लेकिन पर्यवेक्षकों से कोई बात नहीं करनी चाहिए। इसलिए मैंने पोस्ट किया कि प्रस्ताव पास नहीं होना चाहिए कि अमुक नेता को हम अधिकार देते हैं, वो भी नहीं होना चाहिए। तो मेरा स्टैंड आज भी वही है और मैं चाहता हूं कि ईमानदारी से पूरा प्रोसेस हो जाए। जिलाध्यक्ष किसी ग्रुप का बने, सभी ग्रुप उसका साथ दें गहलोत ने कहा- भरा पड़ा था राजस्थान हाउस, तो मैंने उनको समझाया। आप सब आए हो अच्छी बात है पर दिमाग में रखो, हम ईमानदारी से काम करना चाहते हैं, वफादार हैं पार्टी के। आप में से कोई बन जाओ, सब वेलकम करेंगे आपका। हम भी वेलकम करेंगे और यदि आप में से कोई नहीं बन पाए, कोई दूसरा बन जाए तो हम सब उसका सहयोग करें। चाहे वो कोई व्यक्ति हो, चाहे वो मेरे खिलाफ है। इस बात का कोई मतलब नहीं है। एक बार हाईकमान ने फैसला कर दिया, तो उसको कामयाब करने से ही कांग्रेस मजबूत होगी। इसके लिए जरूरी है लिस्ट आते ही वेलकम हो, उसे सभी ग्रुपों का पूरा सहयोग मिले। सीनियर नेताओं को लगता है ये तो कल का बच्चा है गहलोत ने कहा- मैं खुद जिला अध्यक्ष बना था जोधपुर में। शिवचरण माथुर, हीरालाल देवपुरा हमारे सीनियर नेता थे वो पर्यवेक्षक बनकर आ गए। 1977 में वहां मैं बना और मैं भी जानता हूं कि उस वक्त में सीनियर भी होते हैं, जूनियर भी होते हैं, कई को डाइजेस्ट नहीं होता है कि ये तो कल का बच्चा है, हम तो 50-55-60 साल हो गए। नए जिलाध्यक्ष बनने वाले की ड्यूटी है कि वो सभी को साथ लेकर चले। संगठन में उम्र को लेकर उदयपुर में हुआ तय पूर्व सीएम ने कहा- उदयपुर डिक्लेरेशन में तय हुआ था कि 50 साल से कम उम्र के लोग संगठन में आने चाहिए। राजस्थान में 50 जिले हैं, अब उसमें जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया शुरू करवाई है। इस प्रक्रिया के केंद्रीय मंत्री रहे सीनियर नेताओं तक को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। सात दिन तक पर्यवेक्षक एक जिले में रहे हैं। डॉ सीपी जोशी जैसे वरिष्ठ नेता को पंजाब और फिर तेलंगाना भेजा। यह कितना महत्वपूर्ण प्रोग्राम है। तो मैंने तय किया कि यह प्रोग्राम बार-बार तो होगा नहीं, हाईकमान की मंशा के हिसाब से काम हो। .... कांग्रेस जिलाध्यक्ष से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में कई विधायक भी:पैनल तैयार, नवंबर में होगी घोषणा; जानिए- किस जिले से किस नेता का नाम कांग्रेस में राहुल गांधी के फॉर्मूले पर संगठन सृजन अभियान के तहत 50 में से 48 जिलों में जिलाध्यक्षों के पैनल तैयार कर लिए गए हैं। फिलहाल उनकी स्क्रूटनी की जा रही है। पूरी खबर पढ़िए...
पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने संगठन सृजन अभियान के तहत नए जिलाध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया में चहेते नेताओं या अपने गुट के नेताओं की सिफारिश करने को लेकर तंज कसा है। गहलोत ने कहा- हाईकमान चाहता है जिलाध्यक्षों पर निष्पक्ष होकर असली फीडबैक हमारे पास आए। वह तभी आएगा जब कोई नेता पंचायती नहीं करें, पर्यवेक्षकों से सिफारिश नहीं करे, अपनी भावना उनको नहीं बताएं। पूर्व सीएम ने कहा कि किसी भी गुट का जिलाध्यक्ष बने वो सभी को साथ लेकर चले। दरअसल, राजस्थान के 48 जिलों के जिलाध्यक्ष के लिए पार्टी ने पैनल तैयार कर लिया है। नए जिलाध्यक्षों का ऐलान नवंबर में हो सकता है। पूर्व CM बोले- किसी नेता को अधिकार नहीं देना चाहिए गहलोत ने कहा- कोई बात है तो राहुल गांधी को बताएं, केसी वेणुगोपाल को बता दें। मैं फील करता हूं मेरे पास फीडबैक आया तो उस पर कोई बात नहीं, लेकिन पर्यवेक्षकों से कोई बात नहीं करनी चाहिए। इसलिए मैंने पोस्ट किया कि प्रस्ताव पास नहीं होना चाहिए कि अमुक नेता को हम अधिकार देते हैं, वो भी नहीं होना चाहिए। तो मेरा स्टैंड आज भी वही है और मैं चाहता हूं कि ईमानदारी से पूरा प्रोसेस हो जाए। जिलाध्यक्ष किसी ग्रुप का बने, सभी ग्रुप उसका साथ दें गहलोत ने कहा- भरा पड़ा था राजस्थान हाउस, तो मैंने उनको समझाया। आप सब आए हो अच्छी बात है पर दिमाग में रखो, हम ईमानदारी से काम करना चाहते हैं, वफादार हैं पार्टी के। आप में से कोई बन जाओ, सब वेलकम करेंगे आपका। हम भी वेलकम करेंगे और यदि आप में से कोई नहीं बन पाए, कोई दूसरा बन जाए तो हम सब उसका सहयोग करें। चाहे वो कोई व्यक्ति हो, चाहे वो मेरे खिलाफ है। इस बात का कोई मतलब नहीं है। एक बार हाईकमान ने फैसला कर दिया, तो उसको कामयाब करने से ही कांग्रेस मजबूत होगी। इसके लिए जरूरी है लिस्ट आते ही वेलकम हो, उसे सभी ग्रुपों का पूरा सहयोग मिले। सीनियर नेताओं को लगता है ये तो कल का बच्चा है गहलोत ने कहा- मैं खुद जिला अध्यक्ष बना था जोधपुर में। शिवचरण माथुर, हीरालाल देवपुरा हमारे सीनियर नेता थे वो पर्यवेक्षक बनकर आ गए। 1977 में वहां मैं बना और मैं भी जानता हूं कि उस वक्त में सीनियर भी होते हैं, जूनियर भी होते हैं, कई को डाइजेस्ट नहीं होता है कि ये तो कल का बच्चा है, हम तो 50-55-60 साल हो गए। नए जिलाध्यक्ष बनने वाले की ड्यूटी है कि वो सभी को साथ लेकर चले। संगठन में उम्र को लेकर उदयपुर में हुआ तय पूर्व सीएम ने कहा- उदयपुर डिक्लेरेशन में तय हुआ था कि 50 साल से कम उम्र के लोग संगठन में आने चाहिए। राजस्थान में 50 जिले हैं, अब उसमें जिलाध्यक्ष चयन प्रक्रिया शुरू करवाई है। इस प्रक्रिया के केंद्रीय मंत्री रहे सीनियर नेताओं तक को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा है। सात दिन तक पर्यवेक्षक एक जिले में रहे हैं। डॉ सीपी जोशी जैसे वरिष्ठ नेता को पंजाब और फिर तेलंगाना भेजा। यह कितना महत्वपूर्ण प्रोग्राम है। तो मैंने तय किया कि यह प्रोग्राम बार-बार तो होगा नहीं, हाईकमान की मंशा के हिसाब से काम हो। .... कांग्रेस जिलाध्यक्ष से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए... कांग्रेस जिलाध्यक्ष बनने की दौड़ में कई विधायक भी:पैनल तैयार, नवंबर में होगी घोषणा; जानिए- किस जिले से किस नेता का नाम कांग्रेस में राहुल गांधी के फॉर्मूले पर संगठन सृजन अभियान के तहत 50 में से 48 जिलों में जिलाध्यक्षों के पैनल तैयार कर लिए गए हैं। फिलहाल उनकी स्क्रूटनी की जा रही है। पूरी खबर पढ़िए...