दिल्ली में दुकान-दफ्तरों में नाइट शिफ्ट कर सकेंगी महिला कर्मचारी:राज्य सरकार ने परमिशन दी; लिखित रजामंदी जरूर, 9 घंटे से ज्यादा की शिफ्ट नहीं होगी

दिल्ली में महिला कर्मचारी अब दुकानों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी औपचारिक अनुमति दे दी है। हालांकि, इसके लिए महिला कर्मचारियों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हर कर्मचारी को ओवरटाइम पर सामान्य वेतन का दोगुना भुगतान मिलेगा और साप्ताहिक कार्य की अधिकतम सीमा 48 घंटे तय की गई है। इसके साथ ही सभी प्रतिष्ठानों में आंतरिक शिकायत समिति (ICC) बनाना भी अनिवार्य किया गया है। महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने के प्रस्ताव को इस साल की शुरुआत में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दी थी। इसके बाद श्रम विभाग ने दिल्ली दुकानदार एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 में दो नए प्रावधान जोड़े हैं, जो महिलाओं की नियुक्ति और उनके कार्य की शर्तों से संबंधित हैं। जिम्मेदारों को इन बातों का रखना होगा ख्याल सुरक्षा और निगरानी के लिए भी प्रावधान नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हर प्रतिष्ठान जहां महिलाएं कार्यरत होंगी, वहां यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून, 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति (ICC) गठित की जाएगी। साथ ही ऐसे सभी वर्क प्लेस में सीसीटीवी लगाए जाएंगे और उनकी फुटेज कम से कम एक महीने तक सेव रखी जाएगी। जरूरत पड़ने पर यह रिकॉर्डिंग मुख्य निरीक्षक (शॉप्स विभाग) को प्रस्तुत करनी होगी। ......................... यह खबर भी पढ़ें... क्या 8 घंटे की शिफ्ट 8 घंटे की होती है?: ‘कॉर्पोरेट मजदूर’ ऑफिस में बिता रहे 14-15 घंटे, फैक्ट्रियों की जगह लैपटॉप ने ली; 8 घंटे शिफ्ट का कल्चर गायब साल 2025 में ‘अंतर्राष्ट्रीय लेबर्स डे’ (1 मई) की थीम ‘रिवोल्यूशनाइजिंग हेल्थ एंड सेफ्टी- द रोल ऑफ AI एंड डिजिटलाइजेशन एट वर्क’ रखी गई थी। 8 घंटे की शिफ्ट (काम करने के तय घंटे) के कॉन्सेप्ट को असलियत में बदलने की क्रांति में कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन के दिनों में लोग 12-13 घंटे काम किया करते थे। हफ्ते में एक दिन भी आराम का नहीं था। यहां तक की बच्चे भी इन हालातों में काम करने को मजबूर थे। पूरी खबर पढ़ें...

Oct 25, 2025 - 08:02
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दिल्ली में दुकान-दफ्तरों में नाइट शिफ्ट कर सकेंगी महिला कर्मचारी:राज्य सरकार ने परमिशन दी; लिखित रजामंदी जरूर, 9 घंटे से ज्यादा की शिफ्ट नहीं होगी
दिल्ली में महिला कर्मचारी अब दुकानों और अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी। दिल्ली सरकार ने गुरुवार को नोटिफिकेशन जारी कर इसकी औपचारिक अनुमति दे दी है। हालांकि, इसके लिए महिला कर्मचारियों की लिखित सहमति अनिवार्य होगी। नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हर कर्मचारी को ओवरटाइम पर सामान्य वेतन का दोगुना भुगतान मिलेगा और साप्ताहिक कार्य की अधिकतम सीमा 48 घंटे तय की गई है। इसके साथ ही सभी प्रतिष्ठानों में आंतरिक शिकायत समिति (ICC) बनाना भी अनिवार्य किया गया है। महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति देने के प्रस्ताव को इस साल की शुरुआत में उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंजूरी दी थी। इसके बाद श्रम विभाग ने दिल्ली दुकानदार एवं वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अधिनियम, 1954 में दो नए प्रावधान जोड़े हैं, जो महिलाओं की नियुक्ति और उनके कार्य की शर्तों से संबंधित हैं। जिम्मेदारों को इन बातों का रखना होगा ख्याल सुरक्षा और निगरानी के लिए भी प्रावधान नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हर प्रतिष्ठान जहां महिलाएं कार्यरत होंगी, वहां यौन उत्पीड़न रोकथाम कानून, 2013 के तहत आंतरिक शिकायत समिति (ICC) गठित की जाएगी। साथ ही ऐसे सभी वर्क प्लेस में सीसीटीवी लगाए जाएंगे और उनकी फुटेज कम से कम एक महीने तक सेव रखी जाएगी। जरूरत पड़ने पर यह रिकॉर्डिंग मुख्य निरीक्षक (शॉप्स विभाग) को प्रस्तुत करनी होगी। ......................... यह खबर भी पढ़ें... क्या 8 घंटे की शिफ्ट 8 घंटे की होती है?: ‘कॉर्पोरेट मजदूर’ ऑफिस में बिता रहे 14-15 घंटे, फैक्ट्रियों की जगह लैपटॉप ने ली; 8 घंटे शिफ्ट का कल्चर गायब साल 2025 में ‘अंतर्राष्ट्रीय लेबर्स डे’ (1 मई) की थीम ‘रिवोल्यूशनाइजिंग हेल्थ एंड सेफ्टी- द रोल ऑफ AI एंड डिजिटलाइजेशन एट वर्क’ रखी गई थी। 8 घंटे की शिफ्ट (काम करने के तय घंटे) के कॉन्सेप्ट को असलियत में बदलने की क्रांति में कई लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी। इंडस्ट्रियल रिवोल्यूशन के दिनों में लोग 12-13 घंटे काम किया करते थे। हफ्ते में एक दिन भी आराम का नहीं था। यहां तक की बच्चे भी इन हालातों में काम करने को मजबूर थे। पूरी खबर पढ़ें...