बड़े स्थानीय बाजार की बदौलत भारतीय उद्योग जगत सहज स्थिति में: गोयल
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत 1.4 अरब लोगों के घरेलू बाजार के कारण आरामदायक, सहज स्थिति में है और उन्हें वैश्विक स्तर पर अवसर तलाशने की जरूरत है। भारतीय अर्थव्यवस्था पर उच्च अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को लेकर गहरी चिंताओं के बीच गोयल ने यह टिप्पणी की। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत से किसी भी नकारात्मक दलील से प्रभावित न होने को कहा और याद दिलाया कि जून में देश की जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई है। गोयल ने भरोसा जताया कि इस साल कुल निर्यात बढ़ेगा और यह भी बताया कि अमेरिका को होने वाले 87 अरब डॉलर के निर्यात में 46 अरब डॉलर से ज्यादा पर शुल्क बढ़ाने का कोई असर नहीं है। गोयल ने कहा कि शुक्रवार को आए वृद्धि दर के आंकड़ों ने सरकार में किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं किया। उन्होंने कहा कि ये आंकड़े लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, अर्थशास्त्रियों और मीडिया के कुछ वर्गों जैसे नकारात्मक और निराशावादियों के लिए एक जोरदार जवाब है। गोयल ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान पीटीआई वीडियोज को बताया, भारत लचीलेपन और आत्मविश्वास से भरा है और अगले 22 वर्षों तक सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बने रहने के लिए उत्सुक है। भारत आगे भी इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा। हमारा निर्यात बढ़ता रहेगा, हम इस साल पिछले साल से ज्यादा निर्यात करेंगे और भविष्य बेहद उज्ज्वल है। उद्योग निकाय सीआईआई के कार्यक्रम भारत-यूएई व्यापार संवाद में गोयल ने स्वीकार किया कि घरेलू बाजार विकास के सबसे बड़े चालकों में से एक है और उन्होंने उद्योग की भूमिका पर भी खुलकर बात की। उन्होंने कहा, मुझे अक्सर लगता है कि 1.4 अरब का विशाल घरेलू बाजार एक तरह से आरामदायक क्षेत्र बन गया है। हमारे व्यवसाय यहां अच्छा मुनाफा कमाते हैं और दुनिया भर में अवसरों की तलाश में बाहर नहीं निकलते। गोयल ने कहा कि भारतीय उद्योग बहुत कम मूल्यवर्धन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें व्यवसायों और लोगों, दोनों पर भरोसा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग जगत के साथ मिलकर किसी भी बाधा का समाधान करने के लिए तैयार है।

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि भारतीय उद्योग जगत 1.4 अरब लोगों के घरेलू बाजार के कारण आरामदायक, सहज स्थिति में है और उन्हें वैश्विक स्तर पर अवसर तलाशने की जरूरत है।
भारतीय अर्थव्यवस्था पर उच्च अमेरिकी शुल्क के प्रभाव को लेकर गहरी चिंताओं के बीच गोयल ने यह टिप्पणी की। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत से किसी भी नकारात्मक दलील से प्रभावित न होने को कहा और याद दिलाया कि जून में देश की जीडीपी वृद्धि दर बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो गई है।
गोयल ने भरोसा जताया कि इस साल कुल निर्यात बढ़ेगा और यह भी बताया कि अमेरिका को होने वाले 87 अरब डॉलर के निर्यात में 46 अरब डॉलर से ज्यादा पर शुल्क बढ़ाने का कोई असर नहीं है। गोयल ने कहा कि शुक्रवार को आए वृद्धि दर के आंकड़ों ने सरकार में किसी को भी आश्चर्यचकित नहीं किया।
उन्होंने कहा कि ये आंकड़े लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, अर्थशास्त्रियों और मीडिया के कुछ वर्गों जैसे नकारात्मक और निराशावादियों के लिए एक जोरदार जवाब है।
गोयल ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान पीटीआई वीडियोज को बताया, भारत लचीलेपन और आत्मविश्वास से भरा है और अगले 22 वर्षों तक सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बने रहने के लिए उत्सुक है।
भारत आगे भी इसी तरह आगे बढ़ता रहेगा। हमारा निर्यात बढ़ता रहेगा, हम इस साल पिछले साल से ज्यादा निर्यात करेंगे और भविष्य बेहद उज्ज्वल है। उद्योग निकाय सीआईआई के कार्यक्रम भारत-यूएई व्यापार संवाद में गोयल ने स्वीकार किया कि घरेलू बाजार विकास के सबसे बड़े चालकों में से एक है और उन्होंने उद्योग की भूमिका पर भी खुलकर बात की।
उन्होंने कहा, मुझे अक्सर लगता है कि 1.4 अरब का विशाल घरेलू बाजार एक तरह से आरामदायक क्षेत्र बन गया है। हमारे व्यवसाय यहां अच्छा मुनाफा कमाते हैं और दुनिया भर में अवसरों की तलाश में बाहर नहीं निकलते।
गोयल ने कहा कि भारतीय उद्योग बहुत कम मूल्यवर्धन करते हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें व्यवसायों और लोगों, दोनों पर भरोसा करने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग जगत के साथ मिलकर किसी भी बाधा का समाधान करने के लिए तैयार है।