दिल्ली HC में महिला की दुष्कर्म याचिका खारिज की:कहा- स्वतंत्र-शिक्षित महिला का शादीशुदा से प्रेम संबंध शोषण नहीं, ये स्वेच्छा से हुआ
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई शिक्षित और स्वतंत्र महिला अपने साथी की शादीशुदा स्थिति जानने के बावजूद उसके साथ प्रेम संबंध में रहती है, तो उसे कानून में गुमराह या शोषित नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म का मामला खारिज करते हुए की। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा- 2 वयस्कों के बीच सहमति से बना रिश्ता अगर बाद में टूटता है, तो उसे दुष्कर्म का मामला नहीं बनाया जा सकता। यह न्याय की संवैधानिक भावना और यौन अपराध कानून के उद्देश्य के खिलाफ होगा। कोर्ट रूम लाइव... शिकायतकर्ता: आरोपी ने मेरे साथ कई बार दुष्कर्म किया। बाद में उसने किसी और महिला से शादी कर ली। कोर्ट ने पाया कि दोनों ने स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाए... जस्टिस शर्मा: यह साफ है कि दोनों के बीच संबंध सहमति से थे, न कि शादी के झूठे वादे के कारण। शिकायतकर्ता की यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी की याचिका खारिज की जाती है। केरल व कर्नाटक हाई कोर्ट में भी आ चुके हैं ऐसे मामले ........................... दिल्ली हाईकोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हाईकोर्ट बोला- ऑफिस में महिलाओं का सेक्सुअल हैरेसमेंट हो रहा: पुरुषों की सोच नहीं बदली; जज ने कहा- महिला डर, शिष्टाचार और माफी में जीती है दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को कहा कि भले ही सख्त कानून बने हों, लेकिन ऑफिस में महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट अभी भी हो रहा है। क्यों पुरुषों की सोच नहीं बदली है। वर्क-प्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामले में सुनवाई को दौरान जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा- एक महिला चाहे घर हो या ऑफिस हमेशा डर, शिष्टाचार और माफी के बीच जीती है। पूरी खबर पढ़ें...
दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई शिक्षित और स्वतंत्र महिला अपने साथी की शादीशुदा स्थिति जानने के बावजूद उसके साथ प्रेम संबंध में रहती है, तो उसे कानून में गुमराह या शोषित नहीं कहा जा सकता। कोर्ट ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति के खिलाफ दुष्कर्म का मामला खारिज करते हुए की। जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा ने कहा- 2 वयस्कों के बीच सहमति से बना रिश्ता अगर बाद में टूटता है, तो उसे दुष्कर्म का मामला नहीं बनाया जा सकता। यह न्याय की संवैधानिक भावना और यौन अपराध कानून के उद्देश्य के खिलाफ होगा। कोर्ट रूम लाइव... शिकायतकर्ता: आरोपी ने मेरे साथ कई बार दुष्कर्म किया। बाद में उसने किसी और महिला से शादी कर ली। कोर्ट ने पाया कि दोनों ने स्वेच्छा से शारीरिक संबंध बनाए... जस्टिस शर्मा: यह साफ है कि दोनों के बीच संबंध सहमति से थे, न कि शादी के झूठे वादे के कारण। शिकायतकर्ता की यौन उत्पीड़न, धोखाधड़ी की याचिका खारिज की जाती है। केरल व कर्नाटक हाई कोर्ट में भी आ चुके हैं ऐसे मामले ........................... दिल्ली हाईकोर्ट से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें... हाईकोर्ट बोला- ऑफिस में महिलाओं का सेक्सुअल हैरेसमेंट हो रहा: पुरुषों की सोच नहीं बदली; जज ने कहा- महिला डर, शिष्टाचार और माफी में जीती है दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 सितंबर को कहा कि भले ही सख्त कानून बने हों, लेकिन ऑफिस में महिलाओं के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट अभी भी हो रहा है। क्यों पुरुषों की सोच नहीं बदली है। वर्क-प्लेस पर सेक्सुअल हैरेसमेंट का जम्मू-कश्मीर से जुड़े मामले में सुनवाई को दौरान जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने कहा- एक महिला चाहे घर हो या ऑफिस हमेशा डर, शिष्टाचार और माफी के बीच जीती है। पूरी खबर पढ़ें...