25वें शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय बैठक की शुरुआत की, जिसमें भारत-रूस रणनीतिक संबंधों की स्थायी मज़बूती और गहराई की पुष्टि की गई। दोनों नेताओं ने अपनी साझेदारी की बहुआयामी प्रकृति पर ज़ोर दिया, जो रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों तक फैली हुई है। राष्ट्रपति पुतिन ने दोनों देशों के बीच संबंधों को सिद्धांतबद्ध और बहुआयामी बताया और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में ये संबंध सहयोग के एक मज़बूत ढाँचे के रूप में विकसित हुए हैं। द्विपक्षीय एजेंडे को मज़बूत करने में इस बैठक के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पुतिन ने कहा कि आज की वार्ता हमारे संबंधों को और मज़बूत व विस्तारित करने का एक और अच्छा अवसर प्रदान करती है।
उन्होंने वैश्विक दक्षिण और पूर्व के देशों को एकजुट करने के लिए एससीओ मंच की भी सराहना की और बहुपक्षीय सहयोग के महत्व को रेखांकित किया। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात पर प्रसन्नता व्यक्त की और शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) को वैश्विक दक्षिण और पूर्वी देशों को एकजुट करने के एक मंच के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने भारत-रूस की विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी की आगामी 15वीं वर्षगांठ का उल्लेख किया और कहा कि इस द्विपक्षीय बैठक से उनके बहुआयामी संबंधों को और मजबूती मिलने की उम्मीद है।
क्रेमलिन वीडियो फुटेज के अनुसार, द्विपक्षीय वार्ता के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को अपना प्रिय मित्र कहा और कहा कि उनके संबंध गतिशील रूप से विकसित हो रहे हैं। तियानजिन में पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन में हाल के शांति प्रयासों का स्वागत किया तथा सभी पक्षों से शीघ्र समाधान और स्थायी शांति की दिशा में रचनात्मक रूप से आगे बढ़ने का आग्रह किया।