गूगल ने ट्रेंड हो रही जीमेल मास सिक्योरिटी वॉर्निंग वाली खबरों को खारिज करते हुए कहा है कि ऐसे दावे गलत हैं और कंपनी ने कोई ब्रांड अलर्ट जारी नहीं किया है। कंपनी का कहना है कि जीमेल की प्रोटेक्शन लेयर्स सामान्य रूप से काम कर रही हैं। फिशिंग/मालवेयर के अधिकांश प्रयास प्लेटफॉर्म-लेवल पर ब्लॉक किए जाते हैं। इस बीच, वायरल हेडलाइन्स में 2.5 बिलियन यूजर्स, बड़े डेटा ब्रीच और तुरंत पासवर्ड बदलने जैसी बातों को कंपनी ने सिरे से नकार दिया है।
पिछले दिनों अचानक कुछ दावे सामने आएं, जिनमें बताया गया कि गूगल ने 2.5 बिलियन जीमेल यूजर्स को बड़े सिक्योरिटी इश्यू के बारे में चेतावनी दी है। अब अपने लेटेस्ट ब्लॉग में गूगल ने इस एंटायरली फॉल्स कहकर खारिज कर दिया है। कंपनी ने कहा है कि ऐसी कोई ब्रांड वार्निंग जारी नहीं हुई और गलत दावे अनावश्यक दहशत फैला रहे हैं।
कन्फ्यूजन का एक कारण पहले से चर्चित फिशिंग/इम्पर्सनेशन एक्टिविटी और Saleforce लिंक्ड इन्फो के दुरुपयोग की खबरों को मास जीमेल अलर्ट की तरह पेश कर देना रहा। गूगल में स्पष्ट किया कि पासवर्ड/जीमें अकाउंट्स के लीक होने जैसा कोई जनरल ब्रीच अलर्ट नहीं है और प्रभावित अकाउंट्स/कॉन्टैक्ट आधारित सूचनाएं पहले ही टार्गेटेड तरीके से हैंडल की गई थीं।
गूगल ने कहा कि जीमेल की प्रोटेक्शन मजबूत और इफेक्टिव है और मास सिक्योरिटी वार्निंग वाले दावे गलत हैं। साथ ही, कंपनी ने रिमाइंड किया कि फिशिंग जैसे थ्रेट्स लगातार रहते हैं, लेकिन सिस्टम्स 99.9 प्रतिशत से अधिक अटैक्स को ब्लॉक कर देते हैं।