अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान दुर्घटना को लेकर चौंकाने वाला विश्लेषण
Air India 171-A British Report: अहमदाबाद में 12 जून, 2025 को उड़ान भरने के केवल कुछ ही सेकंड बाद, एयर इंडिया की उड़ान 171 वाली दुर्घटना के बारे में ब्रिटिश विमानन विशेषज्ञ, रिचर्ड गॉडफ्रे ने अब तक उलब्ध तथ्यों के आधार पर एक चौंकाने वाला विश्लेषण ...

Air India 171-A British Report: अहमदाबाद में 12 जून, 2025 को उड़ान भरने के केवल कुछ ही सेकंड बाद, एयर इंडिया की उड़ान 171 वाली दुर्घटना के बारे में ब्रिटिश विमानन विशेषज्ञ, रिचर्ड गॉडफ्रे ने अब तक उलब्ध तथ्यों के आधार पर एक चौंकाने वाला विश्लेषण प्रस्तुत किया है।
उस दिन उड़ान भरने के केवल 32 सेकंड बाद, बोइंग 787-8 अहमदाबाद के एक रिहायशी इलाके में गिरकर घ्वस्त हो गया था। दुर्घटना के कुछ ही देर बाद, सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो वायरल हो गए। संभावित कारण को लेकर तरह-तरह की अटकलें तेज़ी से फैलने लगीं। चालक-कक्ष (कॉकपिट) में हुई एक बातचीत के आधार पर संदेह व्यक्त किए जाने लगे कि दुर्घटना शायद चालकों ने जानबूझकर की है। जाने-माने ब्रिटिश विमानन विशेषज्ञ रिचर्ड गॉडफ्रे ने, इस दुर्घटना का एक नया आकलन प्रस्तुत किया है।
सबसे संभावित कारण 'इलेक्ट्रॉनिक्स-बे में पानी' : रिचर्ड गॉडफ्रे ने 17-पृष्ठों की अपनी रिपोर्ट के अंत में लिखा है, "एयर इंडिया की उड़ान 171 की दुर्घटना का सबसे संभावित कारण रोटेशन के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स-बे में पानी का प्रवेश था। पानी विमान के किसी शौचालय (टॉयलेट) में रिसाव की देन रहा होगा। यह रिपोर्ट विमानन वेबसाइट 42kft.com पर उपलब्ध है। गॉडफ्रे इस बात पर ज़ोर देते हैं कि यह एक 'सत्याभासी परिकल्पना' है, 'लेकिन अप्रमाणित' है। भारतीय अधिकारियों द्वारा विमान के रखरखाव संबंधी संलेख सहित सभी तथ्य तथा आंकड़े जारी किए जाने चाहिए।
अपने विश्लेषण के लिए, विमानन विशेषज्ञ रिचर्ड गॉडफ्रे ने उड़ान के आंकड़ों, अहमदाबाद के हवाई अड्डे से प्राप्त निगरानी वीडियो और भारतीय हवाई दुर्घटना जांच बोर्ड (AAIB) की प्रारंभिक रिपोर्ट का अध्ययन किया है।
'रैम एयर टर्बाइन' की भूमिका : रिचर्ड गॉडफ्रे का दावा है कि 'रैम एयर टर्बाइन' (RAT), जो एक आपातकालीन प्रणाली है, ईंधन बंद होने से दो सेकंड पहले अपने आप सक्रिय हो गई थी। भारतीय दुर्घटना जांच बोर्ड की प्रारंभिक रिपोर्ट में RAT को दिखाने वाली एक तस्वीर शामिल है, पर कोई स्पष्टीकरण नहीं है। AAIB द्वारा जारी निगरानी कैमरे के फुटेज से यही पता चलता है कि दुर्घटना से कुछ ही क्षण पहले, रैम एयर टर्बाइन प्रणाली सक्रिय हो गई थी।
इस आपातकालीन प्रणाली को प्रभावी ढंग से काम करने के लिए विमान की पर्याप्त गति और ऊंचाई की आवश्यकता होती है। अगर उड़ान भरने के तुरंत बाद कोई आपात स्थिति उत्पन्न होती है, तो हो सकता है कि RAT इतनी तेज़ी से पर्याप्त शक्ति उत्पन्न न कर पाए कि दुर्घटना को रोका जा सके।
बिजली प्रणाली में पानी का रिसाव : गॉडफ्रे के अनुसार, RAT का खुद ही चालू हो जाना, बिजली प्रणाली में पानी के रिसाव के कारण उत्पन्न हुई तकनीकी समस्या के प्रति एक स्वचालित प्रतिक्रिया थी। इसके बाद पायलटों ने दोनों इंजनों को ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी। ऐसा संभवतः तनाव के या सही स्थिति का गलत आकलन करने के कारण हुआ था।
AAIB की प्रारंभिक रिपोर्ट में उद्धृत चालक-कक्ष (कॉकपिट) में पायलटों के बीच हुई बातचीत भी भ्रम, गलतफ़हमी और आकस्मिक भय से प्रेरित त्रुटि के संकेत देती है। गॉडफ्रे के अनुसार, दोनों इंजनों के बंद होने के समय का बिजली संकट, रैम एयर टर्बाइन के सक्रिय होने के समय के साथ मेल खाता है।
इंजन के अचानक ख़राब होने से पायलट हैरान : प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार, ईंधन स्विच के "रन" से "कटऑफ़" पर हो जाने के एक सेकंड के भीतर ही दोनों इंजन ख़राब हो गए। चालकों ने इंजनों को फिर से चालू करने का प्रयास किया, लेकिन उनके पास आवश्यक समय नहीं था। दुर्घटनास्थल पर इंजन "रन" स्थिति में पाए गए। गॉडफ्रे ने अपनी रिपोर्ट में संदेह व्यक्त किया है कि "इंजन को पुनः प्रज्वलित होने में कम से कम 20 सेकंड लगते हैं, जबकि सारी उड़ान केवल 30.715 सेकंड तक ही चली। एयर इंडिया की अभागी उड़ान 171 का समय बहुत जल्दी समाप्त हो गया।
गॉडफ्रे इस समस्या को रखरखाव संबंधी निगरानी की कमी और विमान चालकों के लिए आवश्यक, अमेरिकी 'संघीय विमानन प्रशासन' (फ़ेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रशन– FAA) के 2025 के निर्देश का पालन न करने में देखते हैं। यह निर्देश बोइंग 787 किस्म के विमानों के इलेक्ट्रॉनिक अनुभाग में पानी के प्रवेश के विरुद्ध स्पष्ट रूप से चेतावनी देता है और यात्रियों वाले केबिन की सीलिंग में सुधार की भी मांग करता है।
असामान्य रूप से धीमी गति : रिचर्ड गॉडफ्रे ने उड़ान भरते समय एयर इंडिया के विमान की असामान्य रूप से धीमी गति का भी उल्लेख किया है। उनका कहना है कि संभवतः ब्रेक की समस्याएं इस का कारण रही होंगी। उड़ान के निगरानी कैमरे के फुटेज में दिखाई देने वाले धुएं का कारण भी यही रहा हो सकता है।
रिचर्ड गॉडफ्रे के विचार से, उनके लिए यह देखना अभी बाकी है कि यह भीषण दुर्घटना वास्तव में रखरखाव संबंधी त्रुटियों के कारण हुई थी या नहीं। भारतीय हवाई दुर्घटना जांच बोर्ड (AAIB) ने स्पष्ट रूप से बताया है कि उसकी प्रारंभिक रिपोर्ट केवल घटना के बारे में जानकारी प्रदान करती है। बोइंग कंपनी और अमेरिका व ब्रिटेन के विशेषज्ञों के साथ मिलकर जाँच अभी जारी है। अंतिम, आधिकारिक रिपोर्ट आने में अभी कई महीने लगेंगे।