UP को ग्लोबल पहचान देंगे AI, बॉयोटेक, ग्रीन एनर्जी और एग्रीटेक आधारित उद्योग

Uttar Pradesh News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार 'विकसित उत्तर प्रदेश-समर्थ उत्तर प्रदेश @2047' विज़न को साकार करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर रही है। इस रूपरेखा में 3 मिशन- समग्र विकास, आर्थिक नेतृत्व और ...

Sep 15, 2025 - 19:27
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UP को ग्लोबल पहचान देंगे AI, बॉयोटेक, ग्रीन एनर्जी और एग्रीटेक आधारित उद्योग

  • लखनऊ और नोएडा बनेंगे वैश्विक क्षमता केंद्र (जीसीसी) हब, बड़े पैमाने पर होगा रोजगार सृजन
  • रोजगार सृजन में एग्रीटेक और रिन्युएबल एनर्जी सेक्टर निभाएगा अहम रोल
  • ग्रामीण और शहरी विकास का संतुलन साधेगी योगी सरकार की नई रणनीति

Uttar Pradesh News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार 'विकसित उत्तर प्रदेश-समर्थ उत्तर प्रदेश @2047' विज़न को साकार करने के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर रही है। इस रूपरेखा में 3 मिशन- समग्र विकास, आर्थिक नेतृत्व और सांस्कृतिक पुनर्जागरण तथा तीन थीम- अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति पर जोर दिया गया है। इस व्यापक खाके का आर्थिक लक्ष्य 2030 तक प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।

मुख्यमंत्री का स्पष्ट मत है कि अगले 22 साल में उत्तर प्रदेश की ग्लोबल पहचान भविष्योन्मुखी उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किए बगैर नहीं प्राप्त की जा सकती है। इसके लिए सरकार का विशेष ध्यान एआई, बॉयोटेक, ग्रीन एनर्जी और एग्रीटेक आधारित उद्योग पर है।

ALSO READ: उत्तर प्रदेश बना औद्योगिक विकास का नया हब इसके साथ ही सरकार प्रदेश के 12 प्रमुख सेक्टर (कृषि, औद्योगिक विकास, आईटी व इमर्जिंग टेक, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, नगर व ग्राम्य विकास, सतत विकास, पशुधन, पर्यटन, अवस्थापना और सुरक्षा-सुशासन) के जरिए भविष्य के उद्योगों की रूपरेखा तैयार करने में जुटी हुई है। इस व्यापक खाके का आर्थिक लक्ष्य 2030 तक प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर और 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाना है।

 

2017 से पहले की चुनौतियां

2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश की गिनती बीमारू और विकास की दौड़ में पिछड़े राज्य की बन चुकी थी। सुरक्षा तंत्र की कमजोरी, निवेश के लिए असुरक्षित माहौल, हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और कौशल विकास की अनुपस्थिति के कारण निवेशकों का विश्वास घटा हुआ था। पुलिस सशक्तीकरण और स्मार्ट मॉनिटरिंग का ढांचा न होने से अपराध पर नियंत्रण ढीला था। यही कारण था कि रोजगार और उद्योग दोनों ही सीमित स्तर पर ठहर गए थे। यहां तक कि अधिकांश उद्यमी अन्य राज्यों की ओर पलायन कर चुके थे। 

 

2017-2025 : सुशासन और सुरक्षा का नया युग

योगी सरकार ने 2017 के बाद से कानून-व्यवस्था में बड़े पैमाने पर सुधार किए। पुलिस भर्ती और आधुनिकीकरण, स्मार्ट निगरानी नेटवर्क, कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर और अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई से प्रदेश का सुरक्षा वातावरण पूरी तरह बदल गया। ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ जैसी पहलों ने सजा दर बढ़ाई और निवेशकों के लिए विश्वासपूर्ण माहौल तैयार किया।

ALSO READ: बड़े औद्योगिक और श्रम सुधारों की ओर बढ़ रहा उत्तर प्रदेश : योगी आदित्यनाथ इसका सीधा असर उद्योग और व्यापार पर पड़ा और प्रदेश निवेश का सुरक्षित गढ़ बन सका। यही वजह रही कि 2023 में आयोजित यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में देश-विदेश की नामचीन कंपनियों ने यूपी में 45 लाख करोड़ से अधिक के निवेश का प्रस्ताव सरकार के समक्ष रख दिया। इसमें से 15 लाख करोड़ के निवेश धरातल पर उतर भी चुके हैं। 

 

2017-2025 : ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स और टेक इन्वेस्टमेंट

यूपी ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) नीति लागू करके नोएडा और लखनऊ जैसे शहरों को अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का नया केंद्र बनाने की पहल की है। इस नीति का उद्देश्य फॉर्च्यून 500 कंपनियों को आकर्षित करना है ताकि प्रदेश में उच्च वेतन वाली नौकरियां, आरएंडडी, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सिक्योरिटी जैसी उच्च मूल्य सेवाएं विकसित हो सकें। राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जा रही जमीन, टैक्स छूट और बुनियादी ढांचे की सुविधा ने घरेलू और विदेशी निवेशकों का भरोसा और मजबूत किया है।

 

भविष्य के उद्योग : यूपी की नई आर्थिक धमनियां

प्रदेश अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), बायोटेक, अक्षय ऊर्जा, एग्रीटेक, क्वांटम, साइबर सिक्योरिटी और मेटावर्स जैसे भविष्य के उद्योगों को अपनी अर्थव्यवस्था का आधार बना रहा है। एआई से उत्पादकता बढ़ेगी, जबकि अक्षय ऊर्जा और ग्रीन टेक्नोलॉजी में नए विनिर्माण क्लस्टर और रोजगार सृजित होंगे। बायोटेक और हेल्थ-टेक पार्क राज्य को फार्मा और मेडिकल रिसर्च का हब बनाएंगे। एग्रीटेक और वर्टिकल फार्मिंग किसानों की आय बढ़ाकर ग्रामीण समृद्धि को मजबूत करेंगे।

 

6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की राह

विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च मूल्य सेवाएं, ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग और एग्रीटेक सुधार प्रदेश को 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएंगे। जीसीसी और आईटी-एआई हब से सेवाओं का निर्यात बढ़ेगा, रिन्युएबल और ई-मोबिलिटी क्लस्टर से विनिर्माण व एक्सपोर्ट में तेजी आएगी और कृषि आधारित प्रोसेसिंग से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। बायोटेक और मेडिकल आरएंडडी से विशेषीकृत रोजगार और निर्यात अवसर खुलेंगे।

 

रोजगार सृजन पर केंद्रित है सरकार का विजन

योगी सरकार का यह विजन रोजगार सृजन पर केंद्रित है। प्रत्यक्ष तौर पर लाखों उच्च वेतन नौकरियां ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स और आईटी हब से मिलेंगी। वहीं रिन्युएबल, स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर और सप्लाई चेन में लाखों मध्यम और निम्न-कुशल नौकरियां बनेंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में एग्रीटेक और कोल्ड चेन से स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा और शहरी पलायन कम होगा। स्किल-विकास योजनाएं और प्राइवेट पार्टनरशिप इस रोजगार रोडमैप को व्यवहार्य बनाएंगी।

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2047 तक उत्तर प्रदेश को 6 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए राज्य को लगातार 16% वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। इस विज़न के अंतर्गत प्रति व्यक्ति आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में प्रदेश का योगदान लगभग 20% तक पहुंचेगा। यह केवल तभी संभव होगा जब निजी और सार्वजनिक निवेश, क्लस्टर-बिल्डिंग, मानव संसाधन विकास और सुरक्षित निवेश माहौल निरंतर बनाए रखा जाए।
Edited By : Chetan Gour