OpenAI warns: कृत्रिम बुद्धिमत्ता तेज़ी से बढ़ रही है, समय पर सुरक्षा व्यवस्था नहीं बनी तो हो सकता है बड़ा खतरा

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर ओपनएआई ने एक बार फिर गंभीर चेतावनी जारी की है। कंपनी ने 6 नवंबर को अपने आधिकारिक ब्लॉग पर एक पोस्ट साझा की, जिसे सीईओ सैम ऑल्टमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया है। इस पोस्ट में कहा गया है कि एआई तकनीक जिस तेजी से विकसित हो रही है, उसका अंदाजा आम लोगों को अभी तक नहीं हो पाया है और यह अब असली वैज्ञानिक खोजों के स्तर के करीब पहुंच रही है।मौजूद जानकारी के अनुसार, ओपनएआई ने चेतावनी दी है कि जहां यह तकनीकी प्रगति अपार अवसर लेकर आ रही है, वहीं अगर सही सुरक्षा व्यवस्था समय पर नहीं बनाई गई तो इसके परिणाम “विनाशकारी” भी हो सकते हैं। कंपनी का कहना है कि आज की एआई प्रणालियाँ सिर्फ चैटबॉट या सर्च टूल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे जटिल बौद्धिक चुनौतियों में दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञों से भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखती हैं।गौरतलब है कि ओपनएआई का मानना है कि वर्तमान एआई अब “80%  तक एक एआई शोधकर्ता” बनने की दिशा में बढ़ चुकी है। कंपनी का कहना है कि आने वाले वर्षों में यह तकनीक नई जानकारी और खोजों को खुद उत्पन्न करने की क्षमता हासिल कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2026 तक एआई “छोटी वैज्ञानिक खोजें” करने में सक्षम हो जाएगी, जबकि 2028 तक यह बड़ी खोजों में भी अहम भूमिका निभा सकती है।ओपनएआई ने यह भी बताया है कि एआई विकास की गति बेहद तेज़ है। कंपनी के अनुसार, किसी निश्चित स्तर की बुद्धिमत्ता हासिल करने की लागत हर साल लगभग 40 गुना घट रही है। इसका अर्थ यह है कि जो कार्य पहले इंसानों को घंटे या दिन लगते थे, उन्हें अब एआई कुछ ही सेकंड में पूरा कर सकता है।बता दें कि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तेज़ी से हो रहे विकास के बीच समाज और नीति-निर्माताओं की तैयारी अभी बहुत पीछे है। ओपनएआई ने अपने बयान में कहा है कि एआई की वास्तविक क्षमताओं और उसके मौजूदा इस्तेमाल के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आने वाले समय में बड़ी सामाजिक और नैतिक चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं।इस चेतावनी को दुनिया के तकनीकी भविष्य के संदर्भ में एक अहम संकेत माना जा रहा है, क्योंकि अब एआई केवल सूचना देने वाला उपकरण नहीं, बल्कि ज्ञान सृजन करने वाली शक्ति बनता जा रहा है। यदि इस दिशा में सही दिशा-निर्देश और सुरक्षा ढांचे नहीं बनाए गए, तो इसके प्रभाव व्यापक और गहरे हो सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञों ने अब एआई सुरक्षा और नियंत्रण को वैश्विक प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया है।

Nov 10, 2025 - 20:29
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OpenAI warns: कृत्रिम बुद्धिमत्ता तेज़ी से बढ़ रही है, समय पर सुरक्षा व्यवस्था नहीं बनी तो हो सकता है बड़ा खतरा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को लेकर ओपनएआई ने एक बार फिर गंभीर चेतावनी जारी की है। कंपनी ने 6 नवंबर को अपने आधिकारिक ब्लॉग पर एक पोस्ट साझा की, जिसे सीईओ सैम ऑल्टमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी साझा किया है। इस पोस्ट में कहा गया है कि एआई तकनीक जिस तेजी से विकसित हो रही है, उसका अंदाजा आम लोगों को अभी तक नहीं हो पाया है और यह अब असली वैज्ञानिक खोजों के स्तर के करीब पहुंच रही है।

मौजूद जानकारी के अनुसार, ओपनएआई ने चेतावनी दी है कि जहां यह तकनीकी प्रगति अपार अवसर लेकर आ रही है, वहीं अगर सही सुरक्षा व्यवस्था समय पर नहीं बनाई गई तो इसके परिणाम “विनाशकारी” भी हो सकते हैं। कंपनी का कहना है कि आज की एआई प्रणालियाँ सिर्फ चैटबॉट या सर्च टूल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे जटिल बौद्धिक चुनौतियों में दुनिया के शीर्ष विशेषज्ञों से भी बेहतर प्रदर्शन करने की क्षमता रखती हैं।

गौरतलब है कि ओपनएआई का मानना है कि वर्तमान एआई अब “80%  तक एक एआई शोधकर्ता” बनने की दिशा में बढ़ चुकी है। कंपनी का कहना है कि आने वाले वर्षों में यह तकनीक नई जानकारी और खोजों को खुद उत्पन्न करने की क्षमता हासिल कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2026 तक एआई “छोटी वैज्ञानिक खोजें” करने में सक्षम हो जाएगी, जबकि 2028 तक यह बड़ी खोजों में भी अहम भूमिका निभा सकती है।

ओपनएआई ने यह भी बताया है कि एआई विकास की गति बेहद तेज़ है। कंपनी के अनुसार, किसी निश्चित स्तर की बुद्धिमत्ता हासिल करने की लागत हर साल लगभग 40 गुना घट रही है। इसका अर्थ यह है कि जो कार्य पहले इंसानों को घंटे या दिन लगते थे, उन्हें अब एआई कुछ ही सेकंड में पूरा कर सकता है।

बता दें कि विशेषज्ञों का मानना है कि इस तेज़ी से हो रहे विकास के बीच समाज और नीति-निर्माताओं की तैयारी अभी बहुत पीछे है। ओपनएआई ने अपने बयान में कहा है कि एआई की वास्तविक क्षमताओं और उसके मौजूदा इस्तेमाल के बीच का अंतर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आने वाले समय में बड़ी सामाजिक और नैतिक चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं।

इस चेतावनी को दुनिया के तकनीकी भविष्य के संदर्भ में एक अहम संकेत माना जा रहा है, क्योंकि अब एआई केवल सूचना देने वाला उपकरण नहीं, बल्कि ज्ञान सृजन करने वाली शक्ति बनता जा रहा है। यदि इस दिशा में सही दिशा-निर्देश और सुरक्षा ढांचे नहीं बनाए गए, तो इसके प्रभाव व्यापक और गहरे हो सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञों ने अब एआई सुरक्षा और नियंत्रण को वैश्विक प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया है।