Mirabai Chanu ने गोल्ड मेडल जीतकर किया कमबैक, कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में किया रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन
इंजरी के बाद वेटलिफ्टर स्टार मीराबाई चानू ने बेहतरीन कमबैक किया है। दरअसल, एक साल के लंबे इंतजार के बाद वापसी करते हुए मीराबाई चानू ने सोमवार को अहमदाबाद में राष्ट्रमंड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में नए रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीता है। टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई ने महिलाओं के 48 किग्रा वजन वर्ग में कुल 193 किग्रा वजन उठाकर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कुल, स्नैच और क्लीन एंड जर्क के रिकॉर्ड तोड़कर पहला स्थान हासिल किया। बता दें कि , 31 वर्षीय खिलाड़ी इससे पहले 49 किग्रा में भाग लेती थी लेकिन यह वजन वर्ग अब ओलंपिक में शामिल नहीं है। मीराबाई ने पिछले साल अगस्त में पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बार किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। पेरिस ओलंपिक में वह चौथे स्थान पर रही थीं। वहीं चोटिल होने के कारण वह पिछले एक साल में किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाई थीं जिस कारण उन्हें लय हासिल करने में भी समय लगा। स्नैच में 84 किग्रा के अपने पहले प्रयास में वह लड़खड़ा गईं। उनके दाहिने घुटने में तकलीफ़ दिखाई दी, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने उतना ही वज़न उठाया। 89 किग्रा का उनका तीसरा प्रयास भी असफल रहा। कोई वास्तविक प्रतिस्पर्धा न होने के कारण मीराबाई असल में खुद से ही मुकाबला कर रही थीं। मीराबाई ने क्लीन एंड जर्क में 105 किग्रा भार उठाकर शुरुआत की। उन्होंने इसे बढ़ाकर 109 किग्रा कर लिया, लेकिन 113 किग्रा का अपना अंतिम प्रयास पूरा नहीं कर सकीं। मलेशिया की इरीन हेनरी ने 161 किग्रा (73 किग्रा + 88 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक, जबकि वेल्स की निकोल रॉबर्ट्स ने 150 किग्रा (70 किग्रा + 80 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक जीता। मीराबाई ने इस तरह से 48 किग्रा में सफल वापसी की। उन्होंने इसी वजन वर्ग में अपना विश्व चैम्पियनशिप खिताब और राष्ट्रमंडल खेलों में दो पदक जीते लेकिन 2018 के बाद वह 49किग्रा वर्ग में चुनौती पेश कर रही थी। सौम्या दलवी ने जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।

इंजरी के बाद वेटलिफ्टर स्टार मीराबाई चानू ने बेहतरीन कमबैक किया है। दरअसल, एक साल के लंबे इंतजार के बाद वापसी करते हुए मीराबाई चानू ने सोमवार को अहमदाबाद में राष्ट्रमंड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में नए रिकॉर्ड बनाकर गोल्ड मेडल जीता है। टोक्यो ओलंपिक की सिल्वर मेडलिस्ट मीराबाई ने महिलाओं के 48 किग्रा वजन वर्ग में कुल 193 किग्रा वजन उठाकर कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कुल, स्नैच और क्लीन एंड जर्क के रिकॉर्ड तोड़कर पहला स्थान हासिल किया।
बता दें कि , 31 वर्षीय खिलाड़ी इससे पहले 49 किग्रा में भाग लेती थी लेकिन यह वजन वर्ग अब ओलंपिक में शामिल नहीं है। मीराबाई ने पिछले साल अगस्त में पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बार किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया। पेरिस ओलंपिक में वह चौथे स्थान पर रही थीं।
वहीं चोटिल होने के कारण वह पिछले एक साल में किसी भी प्रतियोगिता में भाग नहीं ले पाई थीं जिस कारण उन्हें लय हासिल करने में भी समय लगा। स्नैच में 84 किग्रा के अपने पहले प्रयास में वह लड़खड़ा गईं। उनके दाहिने घुटने में तकलीफ़ दिखाई दी, लेकिन दूसरे प्रयास में उन्होंने उतना ही वज़न उठाया। 89 किग्रा का उनका तीसरा प्रयास भी असफल रहा। कोई वास्तविक प्रतिस्पर्धा न होने के कारण मीराबाई असल में खुद से ही मुकाबला कर रही थीं।
मीराबाई ने क्लीन एंड जर्क में 105 किग्रा भार उठाकर शुरुआत की। उन्होंने इसे बढ़ाकर 109 किग्रा कर लिया, लेकिन 113 किग्रा का अपना अंतिम प्रयास पूरा नहीं कर सकीं। मलेशिया की इरीन हेनरी ने 161 किग्रा (73 किग्रा + 88 किग्रा) वजन उठाकर रजत पदक, जबकि वेल्स की निकोल रॉबर्ट्स ने 150 किग्रा (70 किग्रा + 80 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक जीता। मीराबाई ने इस तरह से 48 किग्रा में सफल वापसी की। उन्होंने इसी वजन वर्ग में अपना विश्व चैम्पियनशिप खिताब और राष्ट्रमंडल खेलों में दो पदक जीते लेकिन 2018 के बाद वह 49किग्रा वर्ग में चुनौती पेश कर रही थी। सौम्या दलवी ने जूनियर वर्ग में स्वर्ण पदक जीता।