Block Everything Protest: नेपाल की राह पर फ्रांस, सुलग उठी हिंसक आग, लोग मांग रहे मैक्रों का इस्तीफा
नेपाल में चल रहा जेन जेड आंदोलन अभी थमा भी नहीं था कि एक और मुल्क को हिंसक प्रदर्शनों ने अपनी चपेट में ले लिया। पहले से ही राजनीतिक संकट से जूझ रहे फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इस प्रोटेस्ट को ब्लॉक एवरिथिंग नाम दिया गया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए अपने नए उम्मीदवार की घोषणा के एक दिन बाद ही पूरे फ्रांस में दंगे और अशांति फैल गई है। मैक्रों पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ने के साथ ही पेरिस में आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है। इसे भी पढ़ें: France violence: प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प, 200 गिरफ्तार, बसों में लगाई गई आगगृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के शुरुआती घंटों में लगभग 250 लोगों की गिरफ्तारी की घोषणा की। विरोध प्रदर्शन हालांकि ऑनलाइन शुरू हुआ था, लेकिन बाद में यह तीव्र होता गया और 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती को चुनौती देते हुए प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने तेजी से गिरफ्तारियां कीं। गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा कि पश्चिमी शहर रेन्नेस में एक बस में आग लगा दी गई और दक्षिण-पश्चिम में एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचने से रेलगाड़ियां बाधित हुईं। इसे भी पढ़ें: मोदी के दोस्त मैंक्रों के साथ फ्रांस में ये क्या हो गया, 1 साल में तीसरे PM की गई कुर्सी, अब राष्ट्रपति के सामने चुनौती बड़ीफ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रात रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। लगभग एक साल में देश को चौथी बार नया प्रधानमंत्री मिला है। ये विरोध प्रदर्शन अब तक मैक्रों के पहले और दूसरे कार्यकाल में छिटपुट रूप से हुए पिछले प्रदर्शनों की तुलना में कम तीव्र दिखाई दे रहे हैं। वर्ष 2022 में अपने पुनर्निर्वाचन के बाद, मैक्रों को पेंशन सुधारों को लेकर लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू संसद में विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रहे थे, जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई थी। प्रदर्शनकारियों के समूहों ने सुबह पेरिस के बेल्टवे को अवरुद्ध करने की कोशिश की और पुलिस ने उन्हें तितर-बितर कर दिया। राजधानी के अन्य हिस्सों में, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर चीजें फेंकी। पेरिस पुलिस ने सुबह तक 159 गिरफ्तारियां दर्ज कीं। गृह मंत्रालय के अनुसार, फ्रांस में अन्य जगहों पर लगभग 100 अन्य लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया।

नेपाल में चल रहा जेन जेड आंदोलन अभी थमा भी नहीं था कि एक और मुल्क को हिंसक प्रदर्शनों ने अपनी चपेट में ले लिया। पहले से ही राजनीतिक संकट से जूझ रहे फ्रांस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की नीतियों के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आए हैं। इस प्रोटेस्ट को ब्लॉक एवरिथिंग नाम दिया गया है। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों द्वारा प्रधानमंत्री पद के लिए अपने नए उम्मीदवार की घोषणा के एक दिन बाद ही पूरे फ्रांस में दंगे और अशांति फैल गई है। मैक्रों पर अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव बढ़ने के साथ ही पेरिस में आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है।
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गृह मंत्रालय ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन के शुरुआती घंटों में लगभग 250 लोगों की गिरफ्तारी की घोषणा की। विरोध प्रदर्शन हालांकि ऑनलाइन शुरू हुआ था, लेकिन बाद में यह तीव्र होता गया और 80,000 पुलिसकर्मियों की तैनाती को चुनौती देते हुए प्रदर्शनकारियों ने अवरोधकों को तोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने तेजी से गिरफ्तारियां कीं। गृह मंत्री ब्रूनो रिटेलेउ ने कहा कि पश्चिमी शहर रेन्नेस में एक बस में आग लगा दी गई और दक्षिण-पश्चिम में एक बिजली लाइन को नुकसान पहुंचने से रेलगाड़ियां बाधित हुईं।
इसे भी पढ़ें: मोदी के दोस्त मैंक्रों के साथ फ्रांस में ये क्या हो गया, 1 साल में तीसरे PM की गई कुर्सी, अब राष्ट्रपति के सामने चुनौती बड़ी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने रात रक्षा मंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नू को देश का प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। लगभग एक साल में देश को चौथी बार नया प्रधानमंत्री मिला है। ये विरोध प्रदर्शन अब तक मैक्रों के पहले और दूसरे कार्यकाल में छिटपुट रूप से हुए पिछले प्रदर्शनों की तुलना में कम तीव्र दिखाई दे रहे हैं। वर्ष 2022 में अपने पुनर्निर्वाचन के बाद, मैक्रों को पेंशन सुधारों को लेकर लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ा था। फ्रांस के प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरू संसद में विश्वास मत हासिल करने में नाकाम रहे थे, जिसके बाद उनकी सरकार गिर गई थी। प्रदर्शनकारियों के समूहों ने सुबह पेरिस के बेल्टवे को अवरुद्ध करने की कोशिश की और पुलिस ने उन्हें तितर-बितर कर दिया। राजधानी के अन्य हिस्सों में, प्रदर्शनकारियों ने पुलिस अधिकारियों पर चीजें फेंकी। पेरिस पुलिस ने सुबह तक 159 गिरफ्तारियां दर्ज कीं। गृह मंत्रालय के अनुसार, फ्रांस में अन्य जगहों पर लगभग 100 अन्य लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया।