प्रदेश में पहली बार 5 जलापूर्ति परियोजनाएं शुरू होंगी:हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर, 4.20 लाख घरों को मिलेंगे नल कनेक्शन

जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) प्रदेश में पहली बार हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) पर आधारित पांच जलापूर्ति परियोजनाएं शुरू कर रहा है। इन परियोजनाओं के तहत जल जीवन मिशन (JJM) के अंतर्गत लगभग 5 हजार गांवों में 4 लाख 20 हजार घरेलू नल कनेक्शन दिए जाएंगे। इससे करीब 20 लाख की आबादी लाभान्वित होगी। इन परियोजनाओं पर लगभग 18 हजार 879 करोड़ रुपए की लागत आएगी। हाइब्रिड एन्युटी मॉडल एक प्रकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) है, जिसे जल जीवन मिशन के तहत पांच पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लागू किया जाएगा। इस मॉडल का उद्देश्य राज्य सरकार की जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए प्रारंभिक वित्तीय आवश्यकता को कम करना है। HAM के तहत विभाग कुल पूंजी लागत का 40 प्रतिशत निवेश करेगा मुख्य अभियंता (विशेष परियोजनाएं), राज सिंह चौधरी ने बताया कि HAM के तहत विभाग कुल पूंजी लागत का 40 प्रतिशत निवेश करेगा, जबकि शेष 60 प्रतिशत परियोजना लागत सफल ठेकेदार द्वारा निवेश की जाएगी। ठेकेदार को उसकी निवेश राशि 10 वर्षों की अवधि में 20 किस्तों के माध्यम से एन्युटी भुगतान के रूप में वापस की जाएगी। परियोजना का संचालन और रखरखाव भी 10 वर्षों तक उसी ठेकेदार द्वारा किया जाएगा, जिसने इसे क्रियान्वित किया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि संबंधित संवेदक गुणवत्ता के मानकों के अनुसार ही परियोजना के कार्य करेगा। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत पांच मेगा जलापूर्ति परियोजनाओं में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल लागू किया जाएगा जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक डॉ. रवीन्द्र गोस्वामी ने शुक्रवार को जल भवन में आयोजित ब्रीफिंग सत्र के दौरान मुख्य अभियंता सहित निविदाकारों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत पांच मेगा जलापूर्ति परियोजनाओं में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल लागू किया जाएगा। ब्रीफिंग सत्र में उपस्थित निविदाकारों को हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के प्री-क्वालिफिकेशन (PQ) मानदंडों के बारे में भी जानकारी दी गई। प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और निविदा दस्तावेज के विभिन्न प्रावधानों पर अपने सुझाव एवं टिप्पणियां प्रस्तुत कीं। जल जीवन मिशन के प्रबंध निदेशक और विभागीय मुख्य अभियंताओं ने अधिकांश प्रश्नों का मौके पर ही समाधान किया। उन्होंने बताया कि विभाग इन बिंदुओं पर आंतरिक रूप से विचार करेगा और ऐसे प्रावधानों को प्राथमिकता देगा जो निविदाकारों की अधिकतम भागीदारी को प्रोत्साहित करें, ताकि हाइब्रिड एन्युटी मॉडल परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य सफलतापूर्वक प्रारंभ किया जा सके। ब्रिफिंग सत्र में मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (तकनीकी) नीरज माथुर, मुख्य अभियंता (परियोजना उदयपुर) राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (प्रशासन) दिनेश गोयल सहित 67 निविदाकार प्रतिनिधि और 15 प्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे। इन जलापूर्ति परियोजनाओं में लागू होगा हाइब्रिड एन्युटी मॉडल

Oct 17, 2025 - 22:54
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प्रदेश में पहली बार 5 जलापूर्ति परियोजनाएं शुरू होंगी:हाइब्रिड एन्युटी मॉडल पर, 4.20 लाख घरों को मिलेंगे नल कनेक्शन
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (PHED) प्रदेश में पहली बार हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) पर आधारित पांच जलापूर्ति परियोजनाएं शुरू कर रहा है। इन परियोजनाओं के तहत जल जीवन मिशन (JJM) के अंतर्गत लगभग 5 हजार गांवों में 4 लाख 20 हजार घरेलू नल कनेक्शन दिए जाएंगे। इससे करीब 20 लाख की आबादी लाभान्वित होगी। इन परियोजनाओं पर लगभग 18 हजार 879 करोड़ रुपए की लागत आएगी। हाइब्रिड एन्युटी मॉडल एक प्रकार की सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) है, जिसे जल जीवन मिशन के तहत पांच पेयजल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए लागू किया जाएगा। इस मॉडल का उद्देश्य राज्य सरकार की जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए प्रारंभिक वित्तीय आवश्यकता को कम करना है। HAM के तहत विभाग कुल पूंजी लागत का 40 प्रतिशत निवेश करेगा मुख्य अभियंता (विशेष परियोजनाएं), राज सिंह चौधरी ने बताया कि HAM के तहत विभाग कुल पूंजी लागत का 40 प्रतिशत निवेश करेगा, जबकि शेष 60 प्रतिशत परियोजना लागत सफल ठेकेदार द्वारा निवेश की जाएगी। ठेकेदार को उसकी निवेश राशि 10 वर्षों की अवधि में 20 किस्तों के माध्यम से एन्युटी भुगतान के रूप में वापस की जाएगी। परियोजना का संचालन और रखरखाव भी 10 वर्षों तक उसी ठेकेदार द्वारा किया जाएगा, जिसने इसे क्रियान्वित किया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि संबंधित संवेदक गुणवत्ता के मानकों के अनुसार ही परियोजना के कार्य करेगा। सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत पांच मेगा जलापूर्ति परियोजनाओं में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल लागू किया जाएगा जल जीवन मिशन के मिशन निदेशक डॉ. रवीन्द्र गोस्वामी ने शुक्रवार को जल भवन में आयोजित ब्रीफिंग सत्र के दौरान मुख्य अभियंता सहित निविदाकारों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के तहत पांच मेगा जलापूर्ति परियोजनाओं में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल लागू किया जाएगा। ब्रीफिंग सत्र में उपस्थित निविदाकारों को हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के प्री-क्वालिफिकेशन (PQ) मानदंडों के बारे में भी जानकारी दी गई। प्रतिनिधियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और निविदा दस्तावेज के विभिन्न प्रावधानों पर अपने सुझाव एवं टिप्पणियां प्रस्तुत कीं। जल जीवन मिशन के प्रबंध निदेशक और विभागीय मुख्य अभियंताओं ने अधिकांश प्रश्नों का मौके पर ही समाधान किया। उन्होंने बताया कि विभाग इन बिंदुओं पर आंतरिक रूप से विचार करेगा और ऐसे प्रावधानों को प्राथमिकता देगा जो निविदाकारों की अधिकतम भागीदारी को प्रोत्साहित करें, ताकि हाइब्रिड एन्युटी मॉडल परियोजनाओं पर शीघ्र कार्य सफलतापूर्वक प्रारंभ किया जा सके। ब्रिफिंग सत्र में मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त सचिव संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (तकनीकी) नीरज माथुर, मुख्य अभियंता (परियोजना उदयपुर) राकेश लुहाड़िया, मुख्य अभियंता (प्रशासन) दिनेश गोयल सहित 67 निविदाकार प्रतिनिधि और 15 प्रतिनिधि ऑनलाइन माध्यम से उपस्थित रहे। इन जलापूर्ति परियोजनाओं में लागू होगा हाइब्रिड एन्युटी मॉडल