पुलिस भर्ती में दलालों से बरामद रकम में खेल:आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लगाए हड़पने के आरोप, डीजीपी से शिकायत

मेरठ में पुलिस भर्ती के दौरान पकड़े गए दलालों के पास से बरामद रकम में खेल कर दिया गया। यह खेल किसी और का नहीं बल्कि पुलिस का है। सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में जितनी रकम दर्शायी गई, वह वास्तविक रकम की एक चौथाई भी नहीं थी। आजाद अधिकार सेना ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए डीजीपी से शिकायत की है। आईए समझते हैं क्या थे वह मामले 30 अप्रैल, 2025 को सिविल लाइन थाने में पहली एफआईआर दर्ज हुई। अरुण पुत्र देवानंद की तरफ से सागर कुमार के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई। आरोप था कि सागर ने खुद को क्राइम ब्रांच का सब इंस्पेक्टर बताकर अरुण के छोटे भाई अनुभव को मेडिकल टेस्ट में पास कराने की एवज में 25 हजार रुपये लिए। ठीक चार दिन बाद फिर एक एफआईआर दर्ज हुई। इस बार आरोप गाजियाबाद निवासी एक डाक्टर सुरेश पर लगे। उन पर 2.5 लाख रुपये लेना पाया गया था। आजाद अधिकार सेना के गंभीर आरोप आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने दावा किया है कि उक्त दोनों मुकदमों में वास्तविक रकम नहीं खोली गई। बल्कि लाखों रुपये हड़पकर क्रमश: 21 हजार व 2.5 लाख रुपये की रकम दर्शायी गई। उन्होंने बताया कि दलाल सागर से एसओजी टीम ने 21 हजार रुपये नहीं बल्कि 1.08 लाख रुपये बरामद किए थे। जबकि डाक्टर सुरेश वाले प्रकरण में 5.5 लाख रुपये की बरामदगी हुई थी। डिप्टी एसपी को भेजे गए थे मैसेज पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने बताया कि जिस दिन यह कार्रवाई चल रही थीं, उस दिन डिप्टी एसपी एलआईयू को एक कांस्टेबल द्वारा रकम से जुड़े मैसेज सीयूजी नंबर पर भेजे गए। दोनों ही मैसेज में 1.08 लाख और 5.5 लाख रुपये का जिक्र था लेकिन यह रकम एफआईआर तक पहुंचते पहुंचते बहुत कम हो गई। स्पष्ट है कि इस मामले से जुड़े पुलिसकर्मियों के द्वारा यह रकम हड़पी गई है।

Jul 31, 2025 - 22:07
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पुलिस भर्ती में दलालों से बरामद रकम में खेल:आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लगाए हड़पने के आरोप, डीजीपी से शिकायत
मेरठ में पुलिस भर्ती के दौरान पकड़े गए दलालों के पास से बरामद रकम में खेल कर दिया गया। यह खेल किसी और का नहीं बल्कि पुलिस का है। सिविल लाइन थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में जितनी रकम दर्शायी गई, वह वास्तविक रकम की एक चौथाई भी नहीं थी। आजाद अधिकार सेना ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए डीजीपी से शिकायत की है। आईए समझते हैं क्या थे वह मामले 30 अप्रैल, 2025 को सिविल लाइन थाने में पहली एफआईआर दर्ज हुई। अरुण पुत्र देवानंद की तरफ से सागर कुमार के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई। आरोप था कि सागर ने खुद को क्राइम ब्रांच का सब इंस्पेक्टर बताकर अरुण के छोटे भाई अनुभव को मेडिकल टेस्ट में पास कराने की एवज में 25 हजार रुपये लिए। ठीक चार दिन बाद फिर एक एफआईआर दर्ज हुई। इस बार आरोप गाजियाबाद निवासी एक डाक्टर सुरेश पर लगे। उन पर 2.5 लाख रुपये लेना पाया गया था। आजाद अधिकार सेना के गंभीर आरोप आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने दावा किया है कि उक्त दोनों मुकदमों में वास्तविक रकम नहीं खोली गई। बल्कि लाखों रुपये हड़पकर क्रमश: 21 हजार व 2.5 लाख रुपये की रकम दर्शायी गई। उन्होंने बताया कि दलाल सागर से एसओजी टीम ने 21 हजार रुपये नहीं बल्कि 1.08 लाख रुपये बरामद किए थे। जबकि डाक्टर सुरेश वाले प्रकरण में 5.5 लाख रुपये की बरामदगी हुई थी। डिप्टी एसपी को भेजे गए थे मैसेज पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने बताया कि जिस दिन यह कार्रवाई चल रही थीं, उस दिन डिप्टी एसपी एलआईयू को एक कांस्टेबल द्वारा रकम से जुड़े मैसेज सीयूजी नंबर पर भेजे गए। दोनों ही मैसेज में 1.08 लाख और 5.5 लाख रुपये का जिक्र था लेकिन यह रकम एफआईआर तक पहुंचते पहुंचते बहुत कम हो गई। स्पष्ट है कि इस मामले से जुड़े पुलिसकर्मियों के द्वारा यह रकम हड़पी गई है।