त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा को साहस से भरी बताते हुए कहा कि उनके पूर्वजों ने जो कष्ट झेले, वे ‘‘सबसे मजबूत लोगों को भी तोड़ सकते थे।’’ मोदी ने बृहस्पतिवार को कोउवा के ‘नेशनल साइक्लिंग वेलोड्रोम’ में एक सामुदायिक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। प्रधानमंत्री दो दिवसीय यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को त्रिनिदाद एवं टोबैगो पहुंचे। मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेकर की और कहा कि उन्हें यह पूरी तरह से स्वाभाविक लगा, क्योंकि ‘‘हम एक परिवार का हिस्सा हैं।’’ त्रिनिदाद एवं टोबैगो की आबादी लगभग 13 लाख है, जिनमें से 45 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं। मोदी ने कहा, ‘‘त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी है। आपके पूर्वजों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया, वे सबसे मजबूत लोगों को भी तोड़ सकती थीं लेकिन उन्होंने उम्मीद के साथ कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने समस्याओं का डटकर सामना किया।’’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने गंगा और यमुना को पीछे छोड़ दिया लेकिन रामायण को अपने दिलों में संजोए रखा।’ उन्होंने भारतीय समुदाय को ‘‘शाश्वत सभ्यता’’ का संदेशवाहक बताया।

Jul 4, 2025 - 10:49
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त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी है: प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा को साहस से भरी बताते हुए कहा कि उनके पूर्वजों ने जो कष्ट झेले, वे ‘‘सबसे मजबूत लोगों को भी तोड़ सकते थे।’’

मोदी ने बृहस्पतिवार को कोउवा के ‘नेशनल साइक्लिंग वेलोड्रोम’ में एक सामुदायिक कार्यक्रम में यह टिप्पणी की। प्रधानमंत्री दो दिवसीय यात्रा के तहत बृहस्पतिवार को त्रिनिदाद एवं टोबैगो पहुंचे। मोदी ने अपनी यात्रा की शुरुआत भारतीय समुदाय के कार्यक्रम में भाग लेकर की और कहा कि उन्हें यह पूरी तरह से स्वाभाविक लगा, क्योंकि ‘‘हम एक परिवार का हिस्सा हैं।’’

त्रिनिदाद एवं टोबैगो की आबादी लगभग 13 लाख है, जिनमें से 45 प्रतिशत भारतीय मूल के लोग हैं। मोदी ने कहा, ‘‘त्रिनिदाद एवं टोबैगो में भारतीय समुदाय की यात्रा साहस से भरी है। आपके पूर्वजों ने जिन परिस्थितियों का सामना किया, वे सबसे मजबूत लोगों को भी तोड़ सकती थीं लेकिन उन्होंने उम्मीद के साथ कठिनाइयों का सामना किया। उन्होंने समस्याओं का डटकर सामना किया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘उन्होंने गंगा और यमुना को पीछे छोड़ दिया लेकिन रामायण को अपने दिलों में संजोए रखा।’ उन्होंने भारतीय समुदाय को ‘‘शाश्वत सभ्यता’’ का संदेशवाहक बताया।