पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष असीम मुनीर की अमेरिका यात्रा के ठीक बाद अब पाकिस्तान वायुसेना (PAF) के प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू भी अमेरिका होकर आये हैं। हालांकि उनको राष्ट्रपति ट्रंप ने भोजन नहीं कराया लेकिन पेंटागन के अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख कई आश्वासन हासिल करने में जरूर सफल रहे। हम आपको बता दें कि यह एक दशक से अधिक समय में किसी सेवारत पाकिस्तानी वायु सेना प्रमुख की पहली अमेरिका यात्रा थी, जो दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों में वृद्धि का संकेत है।
पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब दक्षिण एशिया की रणनीतिक स्थिति निरंतर परिवर्तनशील है और अमेरिका अपने वैश्विक सैन्य सहयोग को पुनर्परिभाषित कर रहा है। हम आपको बता दें कि पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख की यह यात्रा अमेरिका के साथ सैन्य सहयोग को गहरा करने, रक्षा तकनीक में सहयोग के रास्ते तलाशने और दोनों देशों के वायुसेना अधिकारियों के बीच समन्वय को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है। रिपोर्टों के मुताबिक एयर चीफ मार्शल ज़ाहिद महमूद ने पेंटागन में अमेरिकी वायुसेना अधिकारियों से मुलाकात की और विभिन्न रक्षा प्रतिष्ठानों का दौरा किया।
हम आपको बता दें कि पाकिस्तान लंबे समय से अमेरिकी वायुसेना से प्रशिक्षण और तकनीकी मदद प्राप्त करता रहा है। बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा के दौरान उन्नत प्रशिक्षण कार्यक्रमों, संयुक्त युद्धाभ्यास और ड्रोन तकनीक जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इसके अलावा, अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दिए गए F-16 विमानों के रखरखाव और अपग्रेडिंग से संबंधित तकनीकी सहायता भी इस यात्रा का प्रमुख मुद्दा रही। यह विमानों की परिचालन क्षमता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
दूसरी ओर, भारत इस यात्रा पर नजर बनाए रहा क्योंकि पाकिस्तान की सैन्य क्षमताओं में अमेरिकी सहायता का सीधा प्रभाव क्षेत्रीय संतुलन पर पड़ सकता है। हालांकि अमेरिका ने हमेशा यह कहा है कि वह पाकिस्तान को केवल आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए सैन्य सहायता देता है। देखा जाये तो अमेरिका भारत के साथ अपनी सामरिक साझेदारी को अधिक प्राथमिकता दे रहा है, परंतु पाकिस्तान के साथ सैन्य संवाद को पूरी तरह बंद नहीं करना चाहता। पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख की यात्रा संकेत देती है कि अमेरिका पाकिस्तान के साथ सामरिक संबंध बनाए रखना चाहता है, ताकि वह आतंकवाद नियंत्रण, क्षेत्रीय स्थिरता और चीन के प्रभाव को संतुलित करने में अपनी भूमिका बनाए रख सके।
उधर, इस दौरे के बारे में पाकिस्तानी वायु सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘पाकिस्तान वायु सेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल जहीर अहमद बाबर सिद्धू ने अमेरिका की आधिकारिक यात्रा की। इससे द्विपक्षीय रक्षा सहयोग और परस्पर हितों को बढ़ावा मिलेगा।’’ बयान में कहा गया है कि जहीर ने अमेरिका यात्रा के दौरान देश के शीर्ष सैन्य और राजनीतिक नेतृत्व के साथ कई महत्वपूर्ण बैठकें कीं। बयान में कहा गया है कि विस्तृत चर्चा के दौरान दोनों पक्षों ने भविष्य में उच्च स्तरीय सैन्य संबंध स्थापित करने पर भी सहमति व्यक्त की। बयान के मुताबिक, पेंटागन में पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख ने अमेरिकी वायुसेना के अंतरराष्ट्रीय मामलों की उपमंत्री केली एल. सेबोल्ट और वायुसेना प्रमुख जनरल डेविड डब्ल्यू. एलोन से मुलाकात की, जहां दोनों पक्ष द्विपक्षीय सैन्य सहयोग, संयुक्त प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी आदान-प्रदान के लिए नए पहल पर सहमत हुए।
बहरहाल, पाकिस्तानी वायुसेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा प्रतीकात्मक और रणनीतिक, दोनों ही दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह न केवल अमेरिका-पाकिस्तान सैन्य संबंधों में एक नए अध्याय की ओर संकेत करती है, बल्कि दक्षिण एशिया की सुरक्षा संरचना में संभावित बदलावों का भी संकेत देती है। इसलिए भारत को इस यात्रा के दीर्घकालिक प्रभावों का सूक्ष्मता से विश्लेषण करना होगा।