करनाल के युवक से 16.50 लाख रुपए ठगे:हैदराबाद बुलाकर अमेरिका का फर्जी वीजा व टिकट थमाई; मां-बेटे पर केस दर्ज
करनाल। जिले के गांव हंसू माजरा निवासी एक व्यक्ति से अमेरिका भेजने का झांसा देकर 16 लाख 50 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित को अंबाला कैंट के एक व्यक्ति ने कनाडा और अमेरिका का वीजा दिलाने का भरोसा दिया और हैदराबाद बुलाकर फर्जी वीजा व टिकट भेज दिए। जब पीड़ित ने दूतावास में जांच करवाई तो पूरा मामला फर्जी निकला। पुलिस ने आरोपी और उसकी मां के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साले के माध्यम से हुई पहचान गांव हंसू माजरा निवासी कुश मंढाण ने पुलिस अधीक्षक करनाल को दी शिकायत में बताया कि उसकी पहचान अमेरिका में रह रहे साले गौरव के माध्यम से अंबाला कैंट निवासी संदीप चौहान से हुई थी। 29 सितंबर 2024 को संदीप ने वॉट्सएप पर संदेश भेजकर कहा कि वह उसके परिवार को कनाडा या अमेरिका का टूरिस्ट वीजा दिला सकता है और भुगतान बाद में लिया जाएगा। आरोपी ने बताया कि वीजा प्रक्रिया में करीब 25 लाख रुपए का खर्च आएगा। फीस मांगी और हैदराबाद बुलाया 7 अक्टूबर 2024 को संदीप ने फोन कर एम्बेसी फीस के लिए 46,620 रुपए मांगे। शिकायतकर्ता ने यह रकम गूगल पे से भेज दी और अपने दस्तावेज ऑनलाइन साझा किए। इसके बाद आरोपी ने 28 और 29 अक्टूबर को हैदराबाद में बायोमैट्रिक और इंटरव्यू की कन्फर्मेशन भेजी। शिकायतकर्ता, उसकी पत्नी और बेटी हैदराबाद पहुंचे, जहां संदीप ने उन्हें सिकंदर नामक व्यक्ति से मिलवाया। सिकंदर ने पासपोर्ट और दस्तावेज अपने पास रख लिए और कहा कि आगे की प्रक्रिया संदीप बताएगा। फर्जी वीजा और टिकट भेजकर हड़पे पैसे 10 नवंबर 2024 को संदीप ने वॉट्सएप पर फर्जी वीजा भेजा और डाक से उसकी कॉपी भी भिजवाई। उसने कहा कि उसकी मां स्नेह देवी को अंबाला में कुछ नकद पैसे दे दो और बाकी रकम अकाउंट में भेज दो। शिकायतकर्ता ने अंबाला जाकर स्नेह देवी को 1 लाख 68 हजार रुपए नकद दिए। इसके बाद 12 नवंबर को 7 लाख, 13 दिसंबर को 6 लाख 32 हजार, 16 दिसंबर को 1 लाख और 17 दिसंबर को 50 हजार रुपए ट्रांसफर किए। दूतावास जांच में खुला फर्जीवाड़ा कुछ समय बाद संदीप ने 4 से 6 दिसंबर 2024 और 16 जनवरी 2025 की टिकटें भेजीं। जब परिवार ने दूतावास में टिकटों और वीजा की जांच करवाई तो दोनों ही फर्जी निकले। वीजा और पासपोर्ट पर कंट्रोल नंबर और वीजा नंबर मेल नहीं खाते थे। जब शिकायतकर्ता ने अपने दस्तावेज और पासपोर्ट वापस मांगे तो आरोपी टालमटोल करने लगा और बाद में मोबाइल बंद कर फरार हो गया। पुलिस ने दर्ज की एफआईआर पीड़ित ने पुलिस को फर्जी वीजा, टिकटें, बैंक स्टेटमेंट और गूगल पे रिकॉर्ड साक्ष्य के रूप में सौंपे। जांच में पाया गया कि संदीप चौहान, उसकी मां स्नेह देवी और सहयोगी सिकंदर ने आपस में साजिश कर 16 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की। पुलिस अधीक्षक करनाल के निर्देश पर थाना इन्द्री में मामला दर्ज किया गया है। जांच सब इंस्पेक्टर राजाराम को सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।
करनाल। जिले के गांव हंसू माजरा निवासी एक व्यक्ति से अमेरिका भेजने का झांसा देकर 16 लाख 50 हजार रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित को अंबाला कैंट के एक व्यक्ति ने कनाडा और अमेरिका का वीजा दिलाने का भरोसा दिया और हैदराबाद बुलाकर फर्जी वीजा व टिकट भेज दिए। जब पीड़ित ने दूतावास में जांच करवाई तो पूरा मामला फर्जी निकला। पुलिस ने आरोपी और उसकी मां के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। साले के माध्यम से हुई पहचान गांव हंसू माजरा निवासी कुश मंढाण ने पुलिस अधीक्षक करनाल को दी शिकायत में बताया कि उसकी पहचान अमेरिका में रह रहे साले गौरव के माध्यम से अंबाला कैंट निवासी संदीप चौहान से हुई थी। 29 सितंबर 2024 को संदीप ने वॉट्सएप पर संदेश भेजकर कहा कि वह उसके परिवार को कनाडा या अमेरिका का टूरिस्ट वीजा दिला सकता है और भुगतान बाद में लिया जाएगा। आरोपी ने बताया कि वीजा प्रक्रिया में करीब 25 लाख रुपए का खर्च आएगा। फीस मांगी और हैदराबाद बुलाया 7 अक्टूबर 2024 को संदीप ने फोन कर एम्बेसी फीस के लिए 46,620 रुपए मांगे। शिकायतकर्ता ने यह रकम गूगल पे से भेज दी और अपने दस्तावेज ऑनलाइन साझा किए। इसके बाद आरोपी ने 28 और 29 अक्टूबर को हैदराबाद में बायोमैट्रिक और इंटरव्यू की कन्फर्मेशन भेजी। शिकायतकर्ता, उसकी पत्नी और बेटी हैदराबाद पहुंचे, जहां संदीप ने उन्हें सिकंदर नामक व्यक्ति से मिलवाया। सिकंदर ने पासपोर्ट और दस्तावेज अपने पास रख लिए और कहा कि आगे की प्रक्रिया संदीप बताएगा। फर्जी वीजा और टिकट भेजकर हड़पे पैसे 10 नवंबर 2024 को संदीप ने वॉट्सएप पर फर्जी वीजा भेजा और डाक से उसकी कॉपी भी भिजवाई। उसने कहा कि उसकी मां स्नेह देवी को अंबाला में कुछ नकद पैसे दे दो और बाकी रकम अकाउंट में भेज दो। शिकायतकर्ता ने अंबाला जाकर स्नेह देवी को 1 लाख 68 हजार रुपए नकद दिए। इसके बाद 12 नवंबर को 7 लाख, 13 दिसंबर को 6 लाख 32 हजार, 16 दिसंबर को 1 लाख और 17 दिसंबर को 50 हजार रुपए ट्रांसफर किए। दूतावास जांच में खुला फर्जीवाड़ा कुछ समय बाद संदीप ने 4 से 6 दिसंबर 2024 और 16 जनवरी 2025 की टिकटें भेजीं। जब परिवार ने दूतावास में टिकटों और वीजा की जांच करवाई तो दोनों ही फर्जी निकले। वीजा और पासपोर्ट पर कंट्रोल नंबर और वीजा नंबर मेल नहीं खाते थे। जब शिकायतकर्ता ने अपने दस्तावेज और पासपोर्ट वापस मांगे तो आरोपी टालमटोल करने लगा और बाद में मोबाइल बंद कर फरार हो गया। पुलिस ने दर्ज की एफआईआर पीड़ित ने पुलिस को फर्जी वीजा, टिकटें, बैंक स्टेटमेंट और गूगल पे रिकॉर्ड साक्ष्य के रूप में सौंपे। जांच में पाया गया कि संदीप चौहान, उसकी मां स्नेह देवी और सहयोगी सिकंदर ने आपस में साजिश कर 16 लाख 50 हजार रुपए की ठगी की। पुलिस अधीक्षक करनाल के निर्देश पर थाना इन्द्री में मामला दर्ज किया गया है। जांच सब इंस्पेक्टर राजाराम को सौंपी गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश जारी है और जल्द गिरफ्तारी की जाएगी।