आंधी-बारिश से बिजली विभाग को 8 करोड़ का नुकसान:25 दिन में 12 हजार बिजली खंभे और 450 ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त, 33 हजार लाइनें प्रभावित
पिछले 25 दिनों में जिले में तीन बार आई भीषण आंधी और बारिश ने बिजली विभाग की व्यवस्था को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा ने 8 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। बिजली वितरण का आधारभूत ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसमें 12,000 से अधिक बिजली के खंभे और 450 से अधिक ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके साथ ही, 33,000 बिजली लाइनों में बार-बार ब्रेकडाउन की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसके परिणामस्वरूप 40 प्रतिशत से अधिक लाइन लॉस दर्ज किया गया। आंधी और बारिश के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कई दिनों तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। इस वजह से लोगों का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खेती से जुड़े कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय, विशेष रूप से छोटे उद्यम और दुकानें, बिजली की कमी के कारण ठप हो गए। कई इलाकों में पानी की आपूर्ति और संचार सेवाएं भी प्रभावित हुईं, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल आपातकालीन बैठकें बुलाई हैं। नुकसान के सटीक आकलन और मरम्मत कार्यों को तेज करने के लिए विशेष टीमें प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि क्षतिग्रस्त खंभों, ट्रांसफार्मरों और लाइनों की मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू किया गया है। विद्युत विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह आपदा न केवल आर्थिक बोझ बनकर उभरी है, बल्कि बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। बार-बार बिजली आपूर्ति बाधित होने से जनता में असंतोष बढ़ रहा है। विभाग ने स्वीकार किया कि मौजूदा बुनियादी ढांचा ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं था। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मरम्मत कार्यों के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है।
पिछले 25 दिनों में जिले में तीन बार आई भीषण आंधी और बारिश ने बिजली विभाग की व्यवस्था को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया है। प्रारंभिक आकलन के अनुसार, इस प्राकृतिक आपदा ने 8 करोड़ रुपये से अधिक का आर्थिक नुकसान पहुंचाया है। बिजली वितरण का आधारभूत ढांचा बुरी तरह प्रभावित हुआ है, जिसमें 12,000 से अधिक बिजली के खंभे और 450 से अधिक ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके साथ ही, 33,000 बिजली लाइनों में बार-बार ब्रेकडाउन की स्थिति उत्पन्न हुई, जिसके परिणामस्वरूप 40 प्रतिशत से अधिक लाइन लॉस दर्ज किया गया। आंधी और बारिश के कारण ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में कई दिनों तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। इस वजह से लोगों का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खेती से जुड़े कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ा, वहीं शहरी क्षेत्रों में व्यवसाय, विशेष रूप से छोटे उद्यम और दुकानें, बिजली की कमी के कारण ठप हो गए। कई इलाकों में पानी की आपूर्ति और संचार सेवाएं भी प्रभावित हुईं, जिससे लोगों की परेशानी और बढ़ गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए बिजली विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने तत्काल आपातकालीन बैठकें बुलाई हैं। नुकसान के सटीक आकलन और मरम्मत कार्यों को तेज करने के लिए विशेष टीमें प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रही हैं। अधिकारियों ने बताया कि क्षतिग्रस्त खंभों, ट्रांसफार्मरों और लाइनों की मरम्मत के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू किया गया है। विद्युत विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह आपदा न केवल आर्थिक बोझ बनकर उभरी है, बल्कि बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर रही है। बार-बार बिजली आपूर्ति बाधित होने से जनता में असंतोष बढ़ रहा है। विभाग ने स्वीकार किया कि मौजूदा बुनियादी ढांचा ऐसी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं था। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मरम्मत कार्यों के साथ-साथ भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है।