नीतीश के बिना BJP बना सकती है सरकार:जदयू के बगैर NDA 118 पार, जानिए नए समीकरण; 1 बजे तक का एनालिसिस
बिहार में नई सरकार बनाने का एक नया समीकरण बन गया है। वो समीकरण है नीतीश के बिना NDA सरकार। यानी पहली बार बीजेपी बिहार में अपना सीएम बना सकती है। फिलहाल आंकड़े तो ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। आखिर कैसे… दोपहर 1 बजे तक के रुझानों के मुताबिक NDA में बीजेपी 90, जदयू 79, चिराग की पार्टी LJP(R) 20, मांझी की पार्टी HAM 4 और कुशवाहा की पार्टी RLM 4 सीटों पर आगे चल रही है। नीतीश के बिना नंबर : बीजेपी की 90 सीट+ चिराग की LJP ® 20 सीट+ मांझी की (HAM) 4 सीट+ कुशवाहा (RLM) की 4 सीट= 118 सीट। सरकार कैसे बनेगी : बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए। यानी नीतीश के बिना बीजेपी सरकार बनाती है, तो उसे कम से कम 4 सीटें और चाहिए। एक्सपर्ट्स का मानना है बीजेपी कांग्रेस के 5, लेफ्ट के 6 और बसपा के 1 विधायकों को मिलाकर बहुमत का आंकड़ा जुटा सकती है। अगर नीतीश महागठबंधन में चले गए तब क्या होगा : अब बीजेपी ऐसा होने नहीं देगी बिहार यूनिवर्सिटी के प्रो. प्रमोद कुमार कहते हैं, ‘BJP जोड़-तोड़ में माहिर है और राज्यपाल भी उसी का है। नतीजों से साफ है कि नीतीश कुमार अब NDA को छोड़ेंगे, तो वह कांग्रेस और बाकी पार्टियों को तोड़कर सरकार बना लेगी।’ पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘भाजपा के लिए अब अपना मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता साफ हो रहा है। उसके लिए 8-10 विधायकों का जुगाड़ करना कोई बड़ी बात नहीं है। भाजपा अगर ऐसा नहीं करेगी तो सिर्फ गठबंधन धर्म बचाने के लिए, वर्ना अब उस पर नीतीश का प्रेशर ज्यादा काम नहीं करेगा।’ प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘NDA के सीट बंटवारे के समय से ही लग रहा था कि भाजपा ने जरूर इस समीकरण को ध्यान में रखा है। आज के रिजल्ट में नीतीश कुमार भले ही 2020 के चुनाव से मजबूत दिख रहे हैं, लेकिन भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।’ बीजेपी ने नीतीश कुमार के CM फेस पर असमंजस बनाए रखा जून 2025 में एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा था- 'बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह तो वक्त ही तय करेगा, लेकिन ये साफ है कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही ये चुनाव लड़ेंगे।' 16 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह से एक इंटरव्यू में सीएम बनाने को लेकर सवाल पूछा गया। तब शाह ने जवाब दिया- ‘ये तय करने वाला मैं कौन होता हूं कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? चुनाव बाद सभी सहयोगी मिलकर विधायक दल का नेता चुनेंगे।’ हालांकि विवाद बढ़ा तो अमित शाह ने सफाई दी। 1 नंवबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- ‘इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है। मैं फिर से एक बार स्पष्ट करता हूं कि नीतीश ही मुख्यमंत्री हैं और चुनाव जीतने के बाद भी वही रहेंगे।’
बिहार में नई सरकार बनाने का एक नया समीकरण बन गया है। वो समीकरण है नीतीश के बिना NDA सरकार। यानी पहली बार बीजेपी बिहार में अपना सीएम बना सकती है। फिलहाल आंकड़े तो ऐसा ही संकेत दे रहे हैं। आखिर कैसे… दोपहर 1 बजे तक के रुझानों के मुताबिक NDA में बीजेपी 90, जदयू 79, चिराग की पार्टी LJP(R) 20, मांझी की पार्टी HAM 4 और कुशवाहा की पार्टी RLM 4 सीटों पर आगे चल रही है। नीतीश के बिना नंबर : बीजेपी की 90 सीट+ चिराग की LJP ® 20 सीट+ मांझी की (HAM) 4 सीट+ कुशवाहा (RLM) की 4 सीट= 118 सीट। सरकार कैसे बनेगी : बहुमत के लिए 122 सीटें चाहिए। यानी नीतीश के बिना बीजेपी सरकार बनाती है, तो उसे कम से कम 4 सीटें और चाहिए। एक्सपर्ट्स का मानना है बीजेपी कांग्रेस के 5, लेफ्ट के 6 और बसपा के 1 विधायकों को मिलाकर बहुमत का आंकड़ा जुटा सकती है। अगर नीतीश महागठबंधन में चले गए तब क्या होगा : अब बीजेपी ऐसा होने नहीं देगी बिहार यूनिवर्सिटी के प्रो. प्रमोद कुमार कहते हैं, ‘BJP जोड़-तोड़ में माहिर है और राज्यपाल भी उसी का है। नतीजों से साफ है कि नीतीश कुमार अब NDA को छोड़ेंगे, तो वह कांग्रेस और बाकी पार्टियों को तोड़कर सरकार बना लेगी।’ पॉलिटिकल एनालिस्ट प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘भाजपा के लिए अब अपना मुख्यमंत्री बनाने का रास्ता साफ हो रहा है। उसके लिए 8-10 विधायकों का जुगाड़ करना कोई बड़ी बात नहीं है। भाजपा अगर ऐसा नहीं करेगी तो सिर्फ गठबंधन धर्म बचाने के लिए, वर्ना अब उस पर नीतीश का प्रेशर ज्यादा काम नहीं करेगा।’ प्रियदर्शी रंजन कहते हैं, ‘NDA के सीट बंटवारे के समय से ही लग रहा था कि भाजपा ने जरूर इस समीकरण को ध्यान में रखा है। आज के रिजल्ट में नीतीश कुमार भले ही 2020 के चुनाव से मजबूत दिख रहे हैं, लेकिन भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है।’ बीजेपी ने नीतीश कुमार के CM फेस पर असमंजस बनाए रखा जून 2025 में एक इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा था- 'बिहार का मुख्यमंत्री कौन होगा, यह तो वक्त ही तय करेगा, लेकिन ये साफ है कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही ये चुनाव लड़ेंगे।' 16 अक्टूबर को गृहमंत्री अमित शाह से एक इंटरव्यू में सीएम बनाने को लेकर सवाल पूछा गया। तब शाह ने जवाब दिया- ‘ये तय करने वाला मैं कौन होता हूं कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा? चुनाव बाद सभी सहयोगी मिलकर विधायक दल का नेता चुनेंगे।’ हालांकि विवाद बढ़ा तो अमित शाह ने सफाई दी। 1 नंवबर को एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा- ‘इसमें कोई कन्फ्यूजन नहीं है। मैं फिर से एक बार स्पष्ट करता हूं कि नीतीश ही मुख्यमंत्री हैं और चुनाव जीतने के बाद भी वही रहेंगे।’