दिल्ली कॉलेज केस- पीड़ित के दोस्त पर शक:अश्लील मैसेज भेजने वाली ID का एक्सेस था; मेल पर पीड़ित की न्यूड तस्वीर बनाई गई
दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (SAU) में 18 साल की स्टूडेंट से गैंगरेप की कोशिश मामले में पुलिस को उसके दोस्त पर भी शक है। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि, जिस मेल आईडी से पीड़ित को अश्लील मैसेज भेजे गए उसका एक्सेस दोस्त के पास भी था। दरअसल पीड़ित को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'आर्यन यश' नाम की ईमेल आईडी से अश्लील और धमकी भरे मैसेज आ रहे थे। पुलिस ने जांच में पाया कि इस ईमेल का एक्सेस कई डिवाइस पर है, जिनमें से एक पीड़ित के दोस्त का फोन है। यह घटना 12 अक्टूबर की है। पीड़ित ने शिकायत में बताया, "चार आरोपियों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में मुझे पकड़ लिया और टी-शर्ट फाड़ दी। आरोपियों ने पैंट उतारने की भी कोशिश की। एक आरोपी ने जबरदस्ती अबॉर्शन पिल खिला दी।" हालांकि, दवाई खिलाने की वजह सामने नहीं आई है। सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझिए… कैंपस की बिल्डिंग में कपड़े फाड़े, रेप की कोशिश की
वैशाली ने FIR में आगे बताया, ‘मैं पहले सी-ब्लॉक की तरफ गई, वहां काफी भीड़ थी। मुझे लगा कि शायद मैसेज भेजने वालों में से कोई यहीं मिल जाए। इसके बाद मैं एडमिन ब्लॉक की तरफ बढ़ी, लेकिन भीड़ की वजह से मैं वहां से कॉन्वोकेशन सेंटर की ओर चली गई। यहां बिल्डिंग का काम चल रहा है। रात में यहां कोई आता-जाता नहीं है।‘ ‘थोड़ी दूर चलने के बाद एक गार्ड मिला। उसने पूछा कि क्या हो गया। मैंने बताया कि मेस में खाना खाने जा रही और वहीं थोड़ी दूरी पर बैठ गई। तभी गार्ड ने किसी को फोन किया। थोड़ी देर बाद वहां एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति आया। वो लोग आपस में बात करने लगे और मेरे पास आकर खड़े हो गए। उन्होंने फिर पूछा कि क्या हुआ, यहां क्यों आई हो। तभी दो और लड़के आ गए।‘ मैं उन्हें देखकर वहां से जाने लगी तो उनमें से एक ने पहले जैकेट उतारने की कोशिश की, जबकि दूसरे ने मेरी दोनों आंखों में उंगली डाल दी। वो लोग मुझे खींचकर कॉन्वोकेशन सेंटर के पास खाली रूम में ले जाने लगे। ‘इसी बीच उनमें से एक मेरी टी-शर्ट ऊपर कर ब्रेस्ट पर मारने और दबाने लगा। वो मेरी पैंट पकड़कर खींच रहे थे। इसी धक्का-मुक्की में मैं गिर गई। फिर जबरदस्ती मुझे एक पिल खिलाने की कोशिश की गई। मुझे किस करने लगे। तभी मेस-1 की तरफ से खाने का कार्ट लेकर कोई बाहर आ गया और आवाज सुनकर चारों भाग गए।‘ वैशाली ने बताया, ‘भागते वक्त भी उन चारों ने मेरे साथ मारपीट की। जब मैं उठी तो मेरा फोन ऑफ था। मैंने फोन ऑन किया और वहां से बाहर भागी। मैं इतनी घबरा गई थी कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कहां जा रही हूं। मैं रास्ते में दो-तीन बार बैठी। फिर मेरी रूम मेट आई और वो मुझे वापस हॉस्टल लेकर गई।‘ दोस्त ने बताया- पूरी रात सदमे में थी वैशाली
वैशाली की दोस्त बताती हैं, ‘जिस नाम से उसे ई-मेल भेजे जा रहे थे, कैंपस में उस नाम का कोई स्टूडेंट ही नहीं है। हालांकि वैशाली ने हमें बताया कि ई-मेल भेजने वाले को हॉस्टल के रूम नंबर और बाकी कई सारी चीजों के बारे में पता था।‘ दोस्त के मुताबिक, वैशाली जब 12 अक्टूबर की रात उसे मिली तो सदमे में थी। उसके कपड़े फटे हुए थे। उसने पूछने के बाद भी पूरी रात हमें कुछ नहीं बताया।‘ रात को सोते हुए अचानक उठ जाती और बोलने लगती- मेरे कपड़े मत फाड़ो। सुबह उठने के बाद उसने धीरे-धीरे पूरी घटना बताई। ये सब उसके साथ रात 8 बजे से 10 बजे के बीच हुआ। ‘सुबह करीब 9:30 बजे हमने हॉस्टल की केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा को पूरी बात बताई लेकिन वो वैशाली पर ही सवाल उठाने लगीं। जब हमने उसे हॉस्पिटल ले जाने और पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कही तो बोलने लगीं कि उसके कपड़े बदलवाओ और नहाने के लिए बोलो, ठीक हो जाएगी।‘ विक्टिम की दोस्त बताती है, ‘सुबह से सबकुछ पता होने और वैशाली की हालत देखने के बावजूद उन्होंने न जल्दी एंबुलेंस बुलाई और न ही पुलिस को जानकारी दी। कैम्पस में हर जगह सीसीटीवी लगे हैं, यूनिवर्सिटी को सबकुछ सामने रखना चाहिए।‘ हॉस्टल केयरटेकर बोली- कपड़े फटे नहीं ब्लेड से काटे लग रहे
इस घटना को लेकर दैनिक भास्कर को हॉस्टल केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है। इसमें वो स्टूडेंट्स से कह रही हैं, ‘आप लोग ऐसा मत बोलो कि कुछ गलत हुआ है। क्योंकि बच्ची के साथ कुछ नहीं हुआ है, वो बस थोड़ी मानसिक रूप से परेशान है।‘ ‘उसके कपड़े कैसे फटे हैं, आपने देखा है? कपड़ा कोई खींचेगा तो अलग तरीके से फटेगा। वो ब्लेड से कटा हुआ लग रहा है। किसी पहचान वाले ने फोन किया होगा, तभी वहां गई होगी। कोई भी लड़की अकेले कैसे चली जाएगी? मुझे पूरा यकीन है कि वो किसी जानने वाले के पास ही गई थी। मैं यहां 15 साल से हूं। आज तक यहां ऐसा केस नहीं हुआ।‘ FIR में विक्टिम ने भी शिकायत की है, ‘हमने उन्हें रात में ही कॉल किया था लेकिन वो बोलीं- सुबह आती हूं। स्टूडेंट रात से ही कह रहे थे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। यूनिवर्सिटी किसी भी बाहर के व्यक्ति को इसमें शामिल नहीं करना चाह रही थी। मैंने मम्मी को वीडियो कॉल पर सब बताना चाहा लेकिन अनुपमा मैम और गार्ड मुझे कवर कर रहे थे, बताने नहीं दे रहे थे। अनुपमा मैडम ने बोला कि तुम लोगों के बहुत सारे बॉयफ्रेंड होते हैं।’ यूनिवर्सिटी अफसरों को अगले दिन दोपहर मिली खबर
13 अक्टूबर की दोपहर 1:45 बजे हॉस्टल वॉर्डन रिंकू गुप्ता ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को ई-मेल भेजा कि बी.टेक फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट वैशाली को पैनिक अटैक आ रहे हैं। वो खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उसकी टी-शर्ट फटी हुई है। ई-मेल में आगे लिखा- ‘डॉ प्रियदर्शिनी (यूनिवर्सिटी की डॉक्टर) ने उसकी जांच की है और बताया कि ये उत्पीड़न का मामला हो सकता है। डॉ प्रियदर्शिनी ने FIR दर्ज कराने और उसे सफदरजंग हॉस्पिटल ले जाकर फुल चेक-अप कराने की सिफारिश की है।‘ इसके 19 मिनट बाद 2 बजकर 4 मिनट पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने ई-मेल का जवाब दिया कि स्टूडेंट डीन डॉ नवनीत से इस बारे में चर्चा की गई और उन्होंने भी FIR दर्ज करवाने की सलाह दी है। ये जल्द से जल्द करवाना चाहिए जैसा कि कॉ
दिल्ली की साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (SAU) में 18 साल की स्टूडेंट से गैंगरेप की कोशिश मामले में पुलिस को उसके दोस्त पर भी शक है। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि, जिस मेल आईडी से पीड़ित को अश्लील मैसेज भेजे गए उसका एक्सेस दोस्त के पास भी था। दरअसल पीड़ित को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 'आर्यन यश' नाम की ईमेल आईडी से अश्लील और धमकी भरे मैसेज आ रहे थे। पुलिस ने जांच में पाया कि इस ईमेल का एक्सेस कई डिवाइस पर है, जिनमें से एक पीड़ित के दोस्त का फोन है। यह घटना 12 अक्टूबर की है। पीड़ित ने शिकायत में बताया, "चार आरोपियों ने यूनिवर्सिटी कैंपस में मुझे पकड़ लिया और टी-शर्ट फाड़ दी। आरोपियों ने पैंट उतारने की भी कोशिश की। एक आरोपी ने जबरदस्ती अबॉर्शन पिल खिला दी।" हालांकि, दवाई खिलाने की वजह सामने नहीं आई है। सबसे पहले पूरा घटनाक्रम समझिए… कैंपस की बिल्डिंग में कपड़े फाड़े, रेप की कोशिश की
वैशाली ने FIR में आगे बताया, ‘मैं पहले सी-ब्लॉक की तरफ गई, वहां काफी भीड़ थी। मुझे लगा कि शायद मैसेज भेजने वालों में से कोई यहीं मिल जाए। इसके बाद मैं एडमिन ब्लॉक की तरफ बढ़ी, लेकिन भीड़ की वजह से मैं वहां से कॉन्वोकेशन सेंटर की ओर चली गई। यहां बिल्डिंग का काम चल रहा है। रात में यहां कोई आता-जाता नहीं है।‘ ‘थोड़ी दूर चलने के बाद एक गार्ड मिला। उसने पूछा कि क्या हो गया। मैंने बताया कि मेस में खाना खाने जा रही और वहीं थोड़ी दूरी पर बैठ गई। तभी गार्ड ने किसी को फोन किया। थोड़ी देर बाद वहां एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति आया। वो लोग आपस में बात करने लगे और मेरे पास आकर खड़े हो गए। उन्होंने फिर पूछा कि क्या हुआ, यहां क्यों आई हो। तभी दो और लड़के आ गए।‘ मैं उन्हें देखकर वहां से जाने लगी तो उनमें से एक ने पहले जैकेट उतारने की कोशिश की, जबकि दूसरे ने मेरी दोनों आंखों में उंगली डाल दी। वो लोग मुझे खींचकर कॉन्वोकेशन सेंटर के पास खाली रूम में ले जाने लगे। ‘इसी बीच उनमें से एक मेरी टी-शर्ट ऊपर कर ब्रेस्ट पर मारने और दबाने लगा। वो मेरी पैंट पकड़कर खींच रहे थे। इसी धक्का-मुक्की में मैं गिर गई। फिर जबरदस्ती मुझे एक पिल खिलाने की कोशिश की गई। मुझे किस करने लगे। तभी मेस-1 की तरफ से खाने का कार्ट लेकर कोई बाहर आ गया और आवाज सुनकर चारों भाग गए।‘ वैशाली ने बताया, ‘भागते वक्त भी उन चारों ने मेरे साथ मारपीट की। जब मैं उठी तो मेरा फोन ऑफ था। मैंने फोन ऑन किया और वहां से बाहर भागी। मैं इतनी घबरा गई थी कि मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं कहां जा रही हूं। मैं रास्ते में दो-तीन बार बैठी। फिर मेरी रूम मेट आई और वो मुझे वापस हॉस्टल लेकर गई।‘ दोस्त ने बताया- पूरी रात सदमे में थी वैशाली
वैशाली की दोस्त बताती हैं, ‘जिस नाम से उसे ई-मेल भेजे जा रहे थे, कैंपस में उस नाम का कोई स्टूडेंट ही नहीं है। हालांकि वैशाली ने हमें बताया कि ई-मेल भेजने वाले को हॉस्टल के रूम नंबर और बाकी कई सारी चीजों के बारे में पता था।‘ दोस्त के मुताबिक, वैशाली जब 12 अक्टूबर की रात उसे मिली तो सदमे में थी। उसके कपड़े फटे हुए थे। उसने पूछने के बाद भी पूरी रात हमें कुछ नहीं बताया।‘ रात को सोते हुए अचानक उठ जाती और बोलने लगती- मेरे कपड़े मत फाड़ो। सुबह उठने के बाद उसने धीरे-धीरे पूरी घटना बताई। ये सब उसके साथ रात 8 बजे से 10 बजे के बीच हुआ। ‘सुबह करीब 9:30 बजे हमने हॉस्टल की केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा को पूरी बात बताई लेकिन वो वैशाली पर ही सवाल उठाने लगीं। जब हमने उसे हॉस्पिटल ले जाने और पुलिस में रिपोर्ट करने की बात कही तो बोलने लगीं कि उसके कपड़े बदलवाओ और नहाने के लिए बोलो, ठीक हो जाएगी।‘ विक्टिम की दोस्त बताती है, ‘सुबह से सबकुछ पता होने और वैशाली की हालत देखने के बावजूद उन्होंने न जल्दी एंबुलेंस बुलाई और न ही पुलिस को जानकारी दी। कैम्पस में हर जगह सीसीटीवी लगे हैं, यूनिवर्सिटी को सबकुछ सामने रखना चाहिए।‘ हॉस्टल केयरटेकर बोली- कपड़े फटे नहीं ब्लेड से काटे लग रहे
इस घटना को लेकर दैनिक भास्कर को हॉस्टल केयरटेकर अनुपमा अरोड़ा की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी मिली है। इसमें वो स्टूडेंट्स से कह रही हैं, ‘आप लोग ऐसा मत बोलो कि कुछ गलत हुआ है। क्योंकि बच्ची के साथ कुछ नहीं हुआ है, वो बस थोड़ी मानसिक रूप से परेशान है।‘ ‘उसके कपड़े कैसे फटे हैं, आपने देखा है? कपड़ा कोई खींचेगा तो अलग तरीके से फटेगा। वो ब्लेड से कटा हुआ लग रहा है। किसी पहचान वाले ने फोन किया होगा, तभी वहां गई होगी। कोई भी लड़की अकेले कैसे चली जाएगी? मुझे पूरा यकीन है कि वो किसी जानने वाले के पास ही गई थी। मैं यहां 15 साल से हूं। आज तक यहां ऐसा केस नहीं हुआ।‘ FIR में विक्टिम ने भी शिकायत की है, ‘हमने उन्हें रात में ही कॉल किया था लेकिन वो बोलीं- सुबह आती हूं। स्टूडेंट रात से ही कह रहे थे लेकिन किसी ने नहीं सुनी। यूनिवर्सिटी किसी भी बाहर के व्यक्ति को इसमें शामिल नहीं करना चाह रही थी। मैंने मम्मी को वीडियो कॉल पर सब बताना चाहा लेकिन अनुपमा मैम और गार्ड मुझे कवर कर रहे थे, बताने नहीं दे रहे थे। अनुपमा मैडम ने बोला कि तुम लोगों के बहुत सारे बॉयफ्रेंड होते हैं।’ यूनिवर्सिटी अफसरों को अगले दिन दोपहर मिली खबर
13 अक्टूबर की दोपहर 1:45 बजे हॉस्टल वॉर्डन रिंकू गुप्ता ने यूनिवर्सिटी के अधिकारियों को ई-मेल भेजा कि बी.टेक फर्स्ट ईयर की स्टूडेंट वैशाली को पैनिक अटैक आ रहे हैं। वो खुद को चोट पहुंचाने की कोशिश कर रही है। उसकी टी-शर्ट फटी हुई है। ई-मेल में आगे लिखा- ‘डॉ प्रियदर्शिनी (यूनिवर्सिटी की डॉक्टर) ने उसकी जांच की है और बताया कि ये उत्पीड़न का मामला हो सकता है। डॉ प्रियदर्शिनी ने FIR दर्ज कराने और उसे सफदरजंग हॉस्पिटल ले जाकर फुल चेक-अप कराने की सिफारिश की है।‘ इसके 19 मिनट बाद 2 बजकर 4 मिनट पर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने ई-मेल का जवाब दिया कि स्टूडेंट डीन डॉ नवनीत से इस बारे में चर्चा की गई और उन्होंने भी FIR दर्ज करवाने की सलाह दी है। ये जल्द से जल्द करवाना चाहिए जैसा कि कॉल पर भी बताया गया है। हालांकि स्टूडेंट्स का आरोप है कि सुबह से जानकारी होने के बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। दोपहर करीब साढ़े 3 बजे एक स्टूडेंट ने कॉल करके पुलिस को जानकारी दी। तब पुलिस कॉलेज पहुंची और विक्टिम को एंबुलेंस से मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया। स्टूडेंट्स बोले- केयरटेकर और हॉस्टल वॉर्डन को सस्पेंड करें
इंटरनेशनल रिलेशन के स्टूडेंट शिवराज सिंह राठौड़ उन छात्रों में से हैं, जो विक्टिम वैशाली के साथ हॉस्पिटल गए थे। वे बताते हैं कि 12 तारीख को जब उन्हें पता चला तो कई सारे स्टूडेंट शाम को बी-ब्लॉक के पास पहुंच गए। शिवराज कहते हैं, ‘यूनिवर्सिटी प्रशासन इस घटना को कवर करने की कोशिश कर रहा था। घटना के बारे में काफी पहले पता चल गया था, लेकिन उन्होंने पुलिस को खबर नहीं की। ई-मेल से एडिटेड फोटो भेजे जाने के कारण वैशाली काफी तनाव में थी। इसी के आधार पर यूनिवर्सिटी प्रशासन बोल रहा है कि वो पहले से तनाव में थी, वो मानसिक रूप से सही नहीं है। उसके लिए ऐसे शब्द इस्तेमाल किए जा रहे हैं।‘ शिवराज कहते हैं कि प्रशासन के अब तक के कदमों से साफ लग रहा है कि केस दबाए जाने की कोशिश की जा रही थी। हमारी मांग है कि केयरटेकर और हॉस्टल वॉर्डन को सस्पेंड किया जाए क्योंकि उन्होंने इस घटना को छिपाने की कोशिश की। शिवराज सवाल करते हुए कहते हैं कि विक्टिम ने जिस गार्ड के बारे में बयान दिया है, पुलिस और यूनिवर्सिटी उसकी पहचान क्यों नहीं कर रही है। यूनिवर्सिटी की एक और स्टूडेंट शुभांगी केसरवानी भी प्रशासन पर सवाल उठाती हैं। वे कहती हैं, ‘अगर वॉर्डन को रात में ही बता दिया गया है कि ऐसी घटना हुई है तो उनमें इतनी हिम्मत कैसे आई कि वो कहती हैं- सुबह आएंगी।‘ ‘अगर ऐसे ही चलता रहा तो ये चीजें बढ़ेंगी। यूनिवर्सिटी को पहले अपने स्टाफ को ही संवेदनशील बनाना पड़ेगा।‘ शुभांगी कैंपस की सुरक्षा पर भी सवाल उठाती हैं। वे कहती हैं, ‘यूनिवर्सिटी के बाहर जो सड़क मेन रोड को कनेक्ट करती है, वो अब पूरी तरह अंधेरे में डूबी है। मैं भी रात में इस कैंपस में घूमती हूं। अब ऐसी घटना होने के बाद हमें रात में बाहर निकलने में भी डर लगेगा। शिकायत होने के बाद भी अब तक यूनिवर्सिटी की इंटरनल कमेटी ने किसी को सजा नहीं दी।‘ यूनिवर्सिटी प्रशासन बोला- जांच के बाद तुरंत एक्शन लेंगे
इस घटना के बाद साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने 13 अक्टूबर को 4 सदस्यों की एक जांच कमेटी बनाई है। ये कमेटी 10 दिनों के अंदर जांच रिपोर्ट जमा करेगी। हमने यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट केके अग्रवाल के OSD एसपी अग्रवाल से बात की। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, इसलिए हम इस पर ज्यादा नहीं बता सकते। कार्रवाई में देरी के आरोपों पर एसपी अग्रवाल ने कहा, ‘जैसे ही प्रशासन को पता चला, घटना की रिपोर्ट तुरंत की गई। जांच पूरी होने के बाद ही तस्वीर साफ होगी। जो भी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अभी कोई फाइंडिंग्स सामने नहीं आई है। जैसे ही हमें कुछ मिलेगा, तुरंत एक्शन लेंगे। अग्रवाल दावा करते हैं कि यूनिवर्सिटी ने पुलिस से अनुरोध किया है कि इस घटना की जांच प्राथमिकता के आधार पर की जाए। पुलिस ने कहा- IP एड्रेस निकाल रहे, सीसीटीवी भी खंगाल रहे
इस मामले पर दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी ने बताया कि पुलिस विक्टिम के सारे बयानों की जांच कर रही है। सीसीटीवी फुटेज भी खंगाल रहे हैं। अभी तक फुटेज में कोई संदिग्ध गतिविधि नहीं दिखी है। अधिकारी ने बताया, ‘लड़की ने कुछ ई-मेल आने की बात कही है, हम उसकी जांच कर रहे हैं। उसे ई-मेल भेजने वाले का IP एड्रेस निकालने की कोशिश कर रहे हैं।‘ ‘यूनिवर्सिटी के अंदर लगभग सभी जगहों पर कैमरे लगे हैं, हम उसकी छानबीन कर रहे हैं। विक्टिम को घटनास्थल पर भी लेकर जाएंगे और वहां भी जांच करेंगे। हम सीन रीक्रिएट भी करवा सकते हैं। वो घटनास्थल पर जो भी बताएंगी, उसके आधार पर जांच को आगे बढ़ाएंगे। इसके अलावा हम उनके दोस्तों से भी पूछताछ करेंगे।‘ ----------------------- दुर्गापुर गैंगरेप- पीड़ित छात्रा का दोस्त भी गिरफ्तार: मुख्य आरोपी समेत पांचों आरोपी अरेस्ट पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में MBBS स्टूडेंट से गैंगरेप केस में पुलिस ने मंगलवार को पीड़ित के दोस्त वासिफ अली को गिरफ्तार कर लिया है। इससे पहले पुलिस ने मुख्य आरोपी सफीक एसके को भी गिरफ्तार कर लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुख्य आरोपी की बड़ी बहन रोजीना ने अपने फरार भाई को गिरफ्तार कराने में मदद की। पूरी खबर पढ़ें...