अमेरिका के न्यू यॉर्क में इतिहास रचा गया। इस शहर ने 34 साल के भारतवंशी नेता जोहरान ममदानी को मेयर चुना। वह न्यू यॉर्क के पहले मुस्लिम, पहले भारतवंशी और पहले दक्षिण एशियाई मेयर बने। ममदानी ने इस मंहगाई में आमजन को राहत देने वाले मुद्दे उठाकर यह चुनाव जीता। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने उनके खिलाफ कैंपेन की थी। न्यू यॉर्क ही नहीं, वर्जिनिया, सिनसिनाटी के नतीजे भी ट्रंप और उनकी पार्टी के उलट रहे।
ममदानी ने अपने भाषण में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर करारे हमले किए। उन्होंने कहा, हमने ट्रम्प की दबदबे वाली राजनीति को हरा दिया है। ममदानी के साथ उनकी मां मशहूर फिल्ममेकर मीरा नायर, पिता महमूद ममदानी और पत्नी रमा दुवाजी भी मौजूद रहीं। ममदानी के विक्ट्री सेलिब्रेशन में बॉलीवुड का हिट गाना 'धूम मचा ले' भी बजाया गया। इस पर ममदानी भी झूमते नजर आए। न्यूयॉर्क के चुनाव में ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी का सूपड़ा ही साफ हो गया, उनके प्रत्याशी कर्टिस स्लिवा तीसरे नंबर पर खिसक गए। इससे खिन्न ट्रम्प ने कहा, बैलेट में मेरा फोटो नहीं था और शटडाउन (बजट के अभाव में आर्थिक गतिरोध) चलने के कारण हमारी पार्टी की हार हुई है।
ममदानी की जीत ट्रंप के लिए किसी बड़े झटके से कम नहीं है। क्योंकि ट्रंप ने चुनाव के दौरान जोहरान को झुकाने और हराने के लिए बड़ी-बड़ी धमकियां और हथकंडों का सहारा लिया था। ट्रंप ने सबसे बड़ी धमकी यह दी थी कि अगर जोहरान चुनाव जीत गए तो वो न्यूयॉर्क का सारा फंड रोक देंगे। यानी कि एक तरह से ट्रंप ने इस धमकी के जरिए बताने की कोशिश की थी कि भले ही जोरान चुनाव जीत जाए लेकिन सत्ता उनके हिसाब से चलेगी। जो वह चाहेंगे वही होगा। लेकिन अब जब जोरान चुनाव जीत गए हैं तो अब हर कोई यह जानना चाहता है कि क्या सच में ट्रंप के पास यह अधिकार है कि वो अब न्यूयॉर्क का फंड रोक देंगे। क्या ट्रंप जोहरान को अपने हिसाब से काम करने नहीं देंगे? तो आपको बता दे कि ऐसा कुछ नहीं है। बल्कि इससे उलट अब ट्रंप न्यूयॉर्क में कई सारे फैसले नहीं ले पाएंगे।
दरअसल ममदानी के मेयर बनने के बाद अब राष्ट्रपति ट्रंप शहर से जुड़े कई फैसले सीधे नहीं ले पाएंगे। जिसमें पहला यह कि वह न्यूयॉर्क की नीतियां बनाने में दखलअंदाजी नहीं दे पाएंगे। अब ममदानी न्यूयॉर्क शहर की नीतियां बना सकेंगे। जिसमें किराया नियंत्रण, पब्लिक ट्रांसपोर्ट, स्कूलों और बच्चों की देखभाल की योजनाएं शामिल है। ट्रंप भले ही अमेरिका के राष्ट्रपति हैं, लेकिन वो किसी शहर की नीतियों में दखल नहीं दे सकते। इसलिए अगर ममदानी किराया घटाएं या नई सामाजिक योजनाएं शुरू करें तो ट्रंप उन्हें रोक नहीं पाएंगे। ममदानी अपने चुनावी वादों के चलते भी ट्रंप के निशाने पर थे। ममदानी ने घरों का किराया, फ्रिज करने, सभी के लिए फ्री बस, सर्विस और सरकारी किराना, दुकानें खुलवाने का वादा किया था। दूसरा यह कि जिस तरह से ट्रंप ने धमकी दी थी कि वो शहर की फंडिंग रोक देंगे।
25 साल की बड़ी जीत
ममदानी को 10.36 लाख वोट मिले। ये 25 साल की सबसे बड़ी जीत। कुल बोटिंग 20.55 लाख, कुमो को 8.54 लाख वोट। ममदानी बोले ट्रम्प मेरा भाषण सुन रहे हैं, अब वक्त आ गया है कि वे अपने कान खोल लें।
प्रवासियों का स्वागत न्यूयॉर्क हमेशा प्रवासियों का शहर रहा है। अब प्रवासी के पास कमान है, प्रवासियों का स्वागत है।