नई दिल्ली : एशिया कप 2025 के दौरान भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। दोनों देशों के बीच खेले गए मुकाबलों में मैदान पर कई बार तनावपूर्ण माहौल देखने को मिला था, जिसके चलते आईसीसी ने जांच बैठाई थी। बता दें कि ये मैच 14, 21 और 28 सितंबर को खेले गए थे।
पहले मैच में भारत के सूर्यकुमार यादव और पाकिस्तान के हारिस रऊफ़ और साहिबजादा फ़रहान पर आरोप तय हुए। इन तीनों खिलाड़ियों पर आईसीसी के अनुशासनात्मक नियमों के उल्लंघन का मामला दर्ज हुआ। मौजूद जानकारी के अनुसार, सूर्यकुमार यादव पर मैच फीस का 30 प्रतिशत जुर्माना लगाया गया और उन्हें दो डिमेरिट अंक भी दिए गए। वहीं, फ़रहान को आधिकारिक चेतावनी के साथ एक डिमेरिट अंक मिला। हारिस रऊफ़ को भी 30 प्रतिशत जुर्माने और दो डिमेरिट अंकों का सामना करना पड़ा।
21 सितंबर को खेले गए मैच में भारतीय तेज गेंदबाज़ अर्शदीप सिंह पर अशोभनीय इशारा करने का आरोप लगाकर मामला दर्ज किया गया था। हालांकि, मैट रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट की सुनवाई में अर्शदीप बरी कर दिए गए। गौरतलब है कि उन पर लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं मिले।
इस बीच, फाइनल मुकाबले में 28 सितंबर को फिर से विवाद हुआ। इस बार भारत के जसप्रीत बुमराह ने आचरण संहिता का उल्लंघन स्वीकार किया। उन्हें आधिकारिक चेतावनी दी गई और एक डिमेरिट अंक जोड़ा गया। चूंकि उन्होंने अपना दोष मान लिया था, इसलिए कोई औपचारिक सुनवाई नहीं हुई। दूसरी ओर, पाकिस्तान के हारिस रऊफ़ एक बार फिर से गलत आचरण के दोषी पाए गए। इस बार भी उन पर 30 प्रतिशत जुर्माना और दो डिमेरिट अंक लगे। इनके साथ ही उनके कुल डिमेरिट अंक 24 महीनों की अवधि में चार हो गए, जिस वजह से उन्हें दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होने वाले दो वनडे मुकाबलों से निलंबित कर दिया गया है।
गौर करने वाली बात है कि आईसीसी के नियमों के मुताबिक, लेवल 1 उल्लंघन पर खिलाड़ी पर अधिकतम 50 प्रतिशत मैच फीस का जुर्माना और दो डिमेरिट अंक तक का प्रावधान है। यदि कोई खिलाड़ी दो साल में चार या उससे अधिक डिमेरिट अंक जमा कर लेता है, तो उसे निलंबन का सामना करना पड़ता है।
बताते चलें कि इस पूरे प्रकरण ने खेल भावना और खिलाड़ियों के आचरण पर एक बार फिर से सवाल खड़े कर दिए हैं, क्योंकि आईसीसी लगातार ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करती रही है। इन सभी घटनाओं के बावजूद दोनों टीमें टूर्नामेंट में अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन देने में जुटी रहीं और दर्शकों में भी इन मुकाबलों को लेकर काफी उत्साह रहता है। यह उम्मीद की जा रही है कि आगे ऐसे मामलों में और भी सख्त रुख अपनाया जाएगा ताकि खेल की गरिमा बनी रहे हैं.