मधुबनी में जिलाधिकारी आनंद शर्मा की समीक्षा बैठक:लंबित मामलों के त्वरित निपटान के लिए निर्देश दिए
मधुबनी जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने विभिन्न विभागों से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिला नीलाम पत्र वाद, जिला स्तरीय जनता दरबार में प्राप्त आवेदन, सीपी ग्राम, मुख्यमंत्री कार्यक्रम में प्राप्त आवेदनों, माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामलों, सूचना का अधिकार और मानवाधिकार से संबंधित प्रकरणों की बारी-बारी से समीक्षा की। नीलाम पत्र वादों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर तेजी से निष्पादित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी नीलाम पत्र पदाधिकारी बड़े राशि वाले कम से कम पाँच मामलों का चयन कर उनका निष्पादन सुनिश्चित करें। विभागीय कार्यवाही के मामलों की समीक्षा के दौरान, डीएम ने संचालन पदाधिकारियों को निर्धारित अवधि के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कर्मियों के लॉगबुक की समीक्षा करते हुए, उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को कार्यालयों में लॉगबुक की नियमित जाँच करने के लिए कहा। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि समय पर संचिकाएँ प्रस्तुत न करने वाले सहायकों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियों को जन शिकायतों का सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय में लंबित मामलों पर विशेष जोर देते हुए, जिलाधिकारी ने कहा कि इन मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए और इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अनावश्यक रूप से मामलों को लंबित रखने वाले पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने का भी निर्देश दिया। समीक्षा में पाया गया कि सिडब्लूजेसी (CWJC) के तहत शिक्षा विभाग और भू-अर्जन विभाग में सबसे अधिक मामले लंबित हैं। जिलाधिकारी ने इन विभागों को एक सप्ताह के भीतर प्रगति लाने का निर्देश दिया। इस बैठक में एडीएम मुकेश रंजन झा, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजेश कुमार, डीटीओ मधुबनी, सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार, निदेशक डीआरडीए, डीपीओ नमामि गंगे आनंद अंकित, जिला समन्वयक आईसीडीएस स्मित प्रतीक, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।
मधुबनी जिलाधिकारी आनंद शर्मा ने विभिन्न विभागों से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने जिला नीलाम पत्र वाद, जिला स्तरीय जनता दरबार में प्राप्त आवेदन, सीपी ग्राम, मुख्यमंत्री कार्यक्रम में प्राप्त आवेदनों, माननीय उच्च न्यायालय में लंबित मामलों, सूचना का अधिकार और मानवाधिकार से संबंधित प्रकरणों की बारी-बारी से समीक्षा की। नीलाम पत्र वादों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने सभी संबंधित अधिकारियों को इन्हें सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर तेजी से निष्पादित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी नीलाम पत्र पदाधिकारी बड़े राशि वाले कम से कम पाँच मामलों का चयन कर उनका निष्पादन सुनिश्चित करें। विभागीय कार्यवाही के मामलों की समीक्षा के दौरान, डीएम ने संचालन पदाधिकारियों को निर्धारित अवधि के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। कर्मियों के लॉगबुक की समीक्षा करते हुए, उन्होंने संबंधित पदाधिकारियों को कार्यालयों में लॉगबुक की नियमित जाँच करने के लिए कहा। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि समय पर संचिकाएँ प्रस्तुत न करने वाले सहायकों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने उपस्थित पदाधिकारियों को जन शिकायतों का सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ समय पर निष्पादन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उच्च न्यायालय में लंबित मामलों पर विशेष जोर देते हुए, जिलाधिकारी ने कहा कि इन मामलों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा जाए और इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अनावश्यक रूप से मामलों को लंबित रखने वाले पदाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगने का भी निर्देश दिया। समीक्षा में पाया गया कि सिडब्लूजेसी (CWJC) के तहत शिक्षा विभाग और भू-अर्जन विभाग में सबसे अधिक मामले लंबित हैं। जिलाधिकारी ने इन विभागों को एक सप्ताह के भीतर प्रगति लाने का निर्देश दिया। इस बैठक में एडीएम मुकेश रंजन झा, जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी राजेश कुमार, डीटीओ मधुबनी, सिविल सर्जन डॉ. हरेंद्र कुमार, निदेशक डीआरडीए, डीपीओ नमामि गंगे आनंद अंकित, जिला समन्वयक आईसीडीएस स्मित प्रतीक, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी सहित सभी विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी उपस्थित थे।