किसानों ने भूमाफिया पर कार्रवाई की मांग की:कृषि व सिंचाई अफसरों पर भी जताई नाराजगी, समस्याओं का समाधान नहीं

प्रयागराज के सिविल लाइंस में सोमवार को हुई किसान महापंचायत में किसानों ने कृषि, सिंचाई और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गहरा रोष व्यक्त किया। इस दौरान भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई। विभिन्न जिलों से आए किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस पहल नहीं हो रही है। किसानों को डीएपी और यूरिया के लिए सहकारी समितियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। किसानों ने बताया कि सिंचाई की सबसे अधिक आवश्यकता होने पर नहरें सूखी रहती हैं, जबकि पानी की जरूरत न होने पर वे लबालब भर जाती हैं। बिजली कटौती के कारण नलकूप चलाना भी मुश्किल हो गया है, जिससे सिंचाई पर बुरा असर पड़ रहा है। बीज वितरण में भी अधिकारियों की मनमानी जारी है। किसानों का आरोप है कि तहसील और जिला स्तर पर उनकी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं होती। किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भू-माफिया खुलेआम सरकारी और किसानों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। प्रशासन इस पर मूकदर्शक बना हुआ है और कई बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती। मंडल स्तर पर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। किसान यूनियन के नेताओं ने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर संघर्ष करने और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ मोर्चा मजबूत करने का आह्वान किया।

Oct 27, 2025 - 18:59
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किसानों ने भूमाफिया पर कार्रवाई की मांग की:कृषि व सिंचाई अफसरों पर भी जताई नाराजगी, समस्याओं का समाधान नहीं
प्रयागराज के सिविल लाइंस में सोमवार को हुई किसान महापंचायत में किसानों ने कृषि, सिंचाई और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ गहरा रोष व्यक्त किया। इस दौरान भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई गई। विभिन्न जिलों से आए किसानों ने आरोप लगाया कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात तो करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस पहल नहीं हो रही है। किसानों को डीएपी और यूरिया के लिए सहकारी समितियों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। किसानों ने बताया कि सिंचाई की सबसे अधिक आवश्यकता होने पर नहरें सूखी रहती हैं, जबकि पानी की जरूरत न होने पर वे लबालब भर जाती हैं। बिजली कटौती के कारण नलकूप चलाना भी मुश्किल हो गया है, जिससे सिंचाई पर बुरा असर पड़ रहा है। बीज वितरण में भी अधिकारियों की मनमानी जारी है। किसानों का आरोप है कि तहसील और जिला स्तर पर उनकी शिकायतों की कोई सुनवाई नहीं होती। किसानों ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भू-माफिया खुलेआम सरकारी और किसानों की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। प्रशासन इस पर मूकदर्शक बना हुआ है और कई बार शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती। मंडल स्तर पर भी स्थिति जस की तस बनी हुई है। किसान यूनियन के नेताओं ने मंच से किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने किसानों से एकजुट होकर संघर्ष करने और प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ मोर्चा मजबूत करने का आह्वान किया।