हांसी अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी:आंखों के मरीज बिना इलाज लौट रहे, प्रदूषण के कारण बढ़ रही समस्या
हिसार के हांसी स्थित सामान्य अस्पताल में पिछले कई दिनों से नेत्र रोग विशेषज्ञों की भारी कमी बनी हुई है। इसका सीधा असर आंखों के मरीजों पर पड़ रहा है, जिन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ रहा है। हर दिन बड़ी संख्या में मरीज आंखों की जांच के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। बता दें कि, इन दिनों प्रदूषण और कोहरे के कारण आंखों से संबंधित समस्याओं में लगातार वृद्धि हो रही है। आंखों में जलन, लालपन, संक्रमण और धुंधला दिखने जैसी शिकायतों के साथ हांसी और आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी मरीज इस अस्पताल में पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ की ना होने के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों या अन्य शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है, जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। रोजाना ओपीडी में पहुंचते है करीब 40 मरीज अस्पताल सूत्रों के अनुसार, औसतन प्रतिदिन 35 से 40 मरीज आंखों की जांच के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं। इनमें बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं सभी शामिल होते हैं। कई मरीजों को घंटों इंतजार के बाद पता चलता है कि विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं हैं, जिससे उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। मरीजों का कहना है कि वे सरकारी अस्पताल में मुफ्त और सस्ते इलाज की उम्मीद से आते हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण उन्हें बाहर महंगे इलाज के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के लिए यह समस्या और भी गंभीर है, क्योंकि उन्हें यात्रा का अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग को भेजी डिमांड- सीएमओ इस संबंध में हांसी के सामान्य अस्पताल के सीएमओ डॉ. राहुल बुद्धिराजा ने बताया कि पिछले कई दिनों से नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी चल रही है। औसतन प्रतिदिन 35 से 40 मरीज आंखों की जांच के लिए अस्पताल पहुंचते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि, प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को नेत्र रोग विशेषज्ञ की मांग भेजी जा चुकी है और अब इस पर जल्द कार्रवाई होने की उम्मीद है।
हिसार के हांसी स्थित सामान्य अस्पताल में पिछले कई दिनों से नेत्र रोग विशेषज्ञों की भारी कमी बनी हुई है। इसका सीधा असर आंखों के मरीजों पर पड़ रहा है, जिन्हें बिना इलाज के ही लौटना पड़ रहा है। हर दिन बड़ी संख्या में मरीज आंखों की जांच के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं, लेकिन डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं। बता दें कि, इन दिनों प्रदूषण और कोहरे के कारण आंखों से संबंधित समस्याओं में लगातार वृद्धि हो रही है। आंखों में जलन, लालपन, संक्रमण और धुंधला दिखने जैसी शिकायतों के साथ हांसी और आसपास के ग्रामीण इलाकों से भी मरीज इस अस्पताल में पहुंच रहे हैं। नेत्र रोग विशेषज्ञ की ना होने के कारण मरीजों को निजी अस्पतालों या अन्य शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ रहा है, जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है। रोजाना ओपीडी में पहुंचते है करीब 40 मरीज अस्पताल सूत्रों के अनुसार, औसतन प्रतिदिन 35 से 40 मरीज आंखों की जांच के लिए ओपीडी में पहुंचते हैं। इनमें बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं सभी शामिल होते हैं। कई मरीजों को घंटों इंतजार के बाद पता चलता है कि विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं हैं, जिससे उन्हें निराश होकर लौटना पड़ता है। मरीजों का कहना है कि वे सरकारी अस्पताल में मुफ्त और सस्ते इलाज की उम्मीद से आते हैं, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण उन्हें बाहर महंगे इलाज के लिए मजबूर होना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले मरीजों के लिए यह समस्या और भी गंभीर है, क्योंकि उन्हें यात्रा का अतिरिक्त खर्च भी उठाना पड़ता है। स्वास्थ्य विभाग को भेजी डिमांड- सीएमओ इस संबंध में हांसी के सामान्य अस्पताल के सीएमओ डॉ. राहुल बुद्धिराजा ने बताया कि पिछले कई दिनों से नेत्र रोग विशेषज्ञ की कमी चल रही है। औसतन प्रतिदिन 35 से 40 मरीज आंखों की जांच के लिए अस्पताल पहुंचते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि, प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग को नेत्र रोग विशेषज्ञ की मांग भेजी जा चुकी है और अब इस पर जल्द कार्रवाई होने की उम्मीद है।