राजस्थान में 4 संस्कृत आदर्श वेद विद्यालय शुरू:दिलावर बोले- संभाग स्तर पर करेंगे विस्तार, वैदिक पर्यटन को देंगे बढ़ावा
राजस्थान में संस्कृत शिक्षा के विस्तार के लिए रेवासा (सीकर) में संचालित आदर्श वेद आवासीय विद्यालय की तर्ज पर अब सरकार संभाग स्तर पर आदर्श वेद विद्यालय स्थापित करने का रही हैं। इसी कड़ी में पहले चरण में चार आदर्श वेद विद्यालय प्रारंभ हो गए हैं। संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को विभागीय समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। मंत्री दिलावर ने बताया कि जयपुर के हाथोज में 20, बाड़मेर के तारातरा मठ में 40, अजमेर के पुष्कर में 4 और भरतपुर के ग्राम पीली में 6 विद्यार्थियों का प्रवेश हो चुका है। इन सभी विद्यालयों में वर्तमान सत्र में अध्ययन-अध्यापन जारी है। शेष संभागों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। विद्यार्थियों को फ्री पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि वेद विद्यालयों का संचालन अस्थायी भवनों में किया जा रहा है। जयपुर में राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय, हाथोज में, अजमेर में पुष्कर स्थित राजकीय विद्यालय भवन में, बाड़मेर में तारातरा मठ, राजस्व ग्राम गोमरख धाम में भरतपुर में ग्राम पीली (तहसील नदबई) के राजकीय विद्यालय भवन में कक्षाएं संचालित हैं। अब दूसरे चरण में बीकानेर (आडसर बास, श्री डूंगरगढ़), उदयपुर (वल्लभनगर जनजातीय छात्रावास) और कोटा (देवली कला, चेचट) में भी संचालन शुरू होगा। जिनके अस्थाई संचालन के लिए प्रत्येक विद्यालय को 16.97 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है, जिससे छात्रावास और क्लासरूम फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय में चार वेद शिक्षक और पांच विभागीय कार्मिकों की नियुक्ति की जा रही है। सभी सातों संभागों में वेद विद्यालयों की स्थाई स्थापना हेतु भूमि आवंटन भी प्राप्त हो चुका है। जहां जल्द ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में वैदिक गुरुकुल और वैदिक पर्यटन केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन केंद्रों के विकास के लिए विभाग की टीम अगले सप्ताह पतंजलि वैदिक गुरुकुल (हरिद्वार), मेरठ वैदिक गुरुकुल और पुणे वैदिक गुरुकुल का अध्ययन दौरा करेगी। दिलावर ने बताया कि प्रदेश के 20 संस्कृत महाविद्यालयों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें से 16 महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण दिसंबर 2025 से मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दो महाविद्यालयों के निर्माण के लिए कार्यादेश जारी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक और मंत्रालयिक संवर्ग के 1757 पदों पर पदोन्नति की जा चुकी है, जबकि सत्र 2025–26 के लिए पदोन्नति प्रक्रिया जारी है। सभी लंबित पदोन्नतियां जल्द से जल्द पूरी कर ली जाएगी।
राजस्थान में संस्कृत शिक्षा के विस्तार के लिए रेवासा (सीकर) में संचालित आदर्श वेद आवासीय विद्यालय की तर्ज पर अब सरकार संभाग स्तर पर आदर्श वेद विद्यालय स्थापित करने का रही हैं। इसी कड़ी में पहले चरण में चार आदर्श वेद विद्यालय प्रारंभ हो गए हैं। संस्कृत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को विभागीय समीक्षा बैठक के बाद यह जानकारी दी। मंत्री दिलावर ने बताया कि जयपुर के हाथोज में 20, बाड़मेर के तारातरा मठ में 40, अजमेर के पुष्कर में 4 और भरतपुर के ग्राम पीली में 6 विद्यार्थियों का प्रवेश हो चुका है। इन सभी विद्यालयों में वर्तमान सत्र में अध्ययन-अध्यापन जारी है। शेष संभागों में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। विद्यार्थियों को फ्री पाठ्य पुस्तकें भी उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने बताया कि वेद विद्यालयों का संचालन अस्थायी भवनों में किया जा रहा है। जयपुर में राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय, हाथोज में, अजमेर में पुष्कर स्थित राजकीय विद्यालय भवन में, बाड़मेर में तारातरा मठ, राजस्व ग्राम गोमरख धाम में भरतपुर में ग्राम पीली (तहसील नदबई) के राजकीय विद्यालय भवन में कक्षाएं संचालित हैं। अब दूसरे चरण में बीकानेर (आडसर बास, श्री डूंगरगढ़), उदयपुर (वल्लभनगर जनजातीय छात्रावास) और कोटा (देवली कला, चेचट) में भी संचालन शुरू होगा। जिनके अस्थाई संचालन के लिए प्रत्येक विद्यालय को 16.97 लाख रुपए की स्वीकृति जारी की गई है, जिससे छात्रावास और क्लासरूम फर्नीचर की व्यवस्था की जाएगी। प्रत्येक विद्यालय में चार वेद शिक्षक और पांच विभागीय कार्मिकों की नियुक्ति की जा रही है। सभी सातों संभागों में वेद विद्यालयों की स्थाई स्थापना हेतु भूमि आवंटन भी प्राप्त हो चुका है। जहां जल्द ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही जयपुर, जोधपुर और उदयपुर में वैदिक गुरुकुल और वैदिक पर्यटन केंद्र स्थापित करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन केंद्रों के विकास के लिए विभाग की टीम अगले सप्ताह पतंजलि वैदिक गुरुकुल (हरिद्वार), मेरठ वैदिक गुरुकुल और पुणे वैदिक गुरुकुल का अध्ययन दौरा करेगी। दिलावर ने बताया कि प्रदेश के 20 संस्कृत महाविद्यालयों में भवन निर्माण कार्य प्रगति पर है। इनमें से 16 महाविद्यालयों के भवनों का निर्माण दिसंबर 2025 से मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। दो महाविद्यालयों के निर्माण के लिए कार्यादेश जारी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक और मंत्रालयिक संवर्ग के 1757 पदों पर पदोन्नति की जा चुकी है, जबकि सत्र 2025–26 के लिए पदोन्नति प्रक्रिया जारी है। सभी लंबित पदोन्नतियां जल्द से जल्द पूरी कर ली जाएगी।