दरभंगा में पानी में डूबने से हुई लड़की की मौत:पोस्टामार्टम रिपोर्ट में खुलासा; मां का आरोप- गैंगरेप के बाद मार डाला, गले पर रस्सी के निशान थे
दरभंगा के जाले इलाके में रविवार सुबह पोखर में नाबालिग लड़की शव मिला था। परिजनों ने गैंगरेप के बाद हत्या की आशंका जताई है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि पानी में डूबने से मौत हुई है। आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताया है। जमीन विवाद में फंसाने का आरोप लगाया है। घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती गई है। सिमरी, कमतौल, मब्बी, भालपट्टी, सिंहवाड़ा थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। बीएमपी की टीम को भी तैनात किया गया है। जांच के लिए घटनास्थल पर FSL की टीम को बुलाया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने तीन घंटे तक जाले-भरवाड़ा मुख्य मार्ग को जाम रखा था। मृतका के मां के आवेदन पर थाने में FIR दर्ज की गई है। गांव के मनीष उर्फ हरिओम महतो, अमर महतो और समेत अन्य युवकों पर गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया है। पानी में डूबने से बच्ची की मौत हुई है सिटी एसपी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि तालाब में मिली बच्ची की मौत पानी में डूबने से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट से साफ हो गया है। मृतका की मां के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले में जो भी संदिग्ध है, उन पर जांच जारी है। फिलहाल गांव में स्थिति सामान्य बनी हुई है। बेटी से पहले भी छेड़खानी कर चुका है मां ने बताया कि गले पर रस्सी और सिर के पीछे चोट के निशान थे। शनिवार दोपहर बकरी के लिए पत्ता लाने गई थी। देर शाम तक नहीं लौटी। जिसके बाद भाई खोजने गया था। पोखर के पास हरिओम और अमर के साथ कुछ लोग खड़े थे। हरिओम पहले भी बेटी से छेड़खानी कर चुका है। कुछ दिन पहले पिता से भी झगड़ा हुआ था। दोषियों को फांसी होनी चाहिए। बेटी का किसी से प्रेम प्रसंग नहीं था। जान के बदले जान चाहिए। पोखर के पास कुछ लोग खड़े थे पिता ने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे बेटी घर से निकली थी। रात 9 बजे उसका पता चला। अगले दिन तालाब से बाहर शव निकाला गया। पोखर के पास 2 लड़के दिखे थे। 3 महीने पहले आरोपियों से झगड़ा हुआ था। शक है कि इन्हीं लोगों ने कुछ किया है। मृतका की चाची ने बताया, 'तालाब के बाहर बच्ची का चप्पल पड़ा था। ऑटो से डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए DMCH भेजा गया था। एंबुलेंस तक नहीं दी गई। जंगल, आम गाछी तक खोजबीन की गई। लेकिन वो नहीं मिली। उसके साथ क्या हुआ अब ऊपर वाले ही जानें।' हत्या की बात गलत है आरोपी अमर दीप पूर्वे(38) शादीशुदा हैं। उसके दो बेटे हैं। दूसरे आरोपी मनीष कुमार(30) की अभी शादी नहीं हुई है। दोनों ने खुद बेकसूर बताया है। वार्ड नंबर-3 से सदस्य अमर ने कहा कि आश्रम की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचा थ। इस दौरान पंचायत के पूर्व मुखिया का फोन आया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में तुम फंस चुके हो। यह सुनकर मैं चौक गया। 'जिस जमीन को लेकर विवाद है, वह सरकारी है। आश्रम के नाम दान की गई है। पूर्व मुखिया उस जमीन को बेचने की कोशिश कर रहे थे। हमलोग इस पर कानूनी कार्रवाई कर रहे थे। इसी वजह से फंसाने की कोशिश की जा रही है। वर्तमान मुखिया को फोन कर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि जब आप इस मामले में शामिल ही नहीं हैं तो डरने की जरूरत नहीं है।' शाम को फिर पूर्व मुखिया ने फोन करके कहा कि आप यहां से भाग जाइए, आपके ऊपर FIR हो चुकी है। मोबाइल बंद कर लीजिए। डराने की कोशिश की गई। इसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मेरी दुकान से बच्ची के घर की दूरी सिर्फ 50 मीटर है। बच्ची छोटी थी, उनके साथ ऐसा कुछ करना संभव नहीं है। 10-15 दिन पहले उसने खुदकुशी की कोशिश की थी। इसलिए गले पर निशान दिख रहा होगा। जमीन विवाद में फंसाया जा रहा है वहीं, दूसरे आरोपी मनीष कुमार ने कहा, 'सुबह अपने दुकान पर बैठा था। इस बीच एक ग्राहक ने बताया कि मोहल्ले की एक लड़की को तालाब में फेंका गया है। दुकान के पास भीड़ जमा हो गई। पिताजी के साथ शनिवार को पूरे दिन दुकान पर था। इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। दोपहर 1 बजे के बाद फोन आने लगा कि उनका और अमर चाचा का नाम इस केस में आ रहा है। रात 10:30 बजे के करीब FIR की कॉपी मेरे मोबाइल पर आ गई। उस पर अपना नाम देखकर मैं चौंक गया। पूर्व मुखिया फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। आश्रम की जमीन को लेकर विरोध किया था। जमीन खरीदने वाला व्यक्ति एक बार दुकान पर आया था। उसने पिताजी से कहा कि वह जमीन खरीदना चाहता है। इस पर जवाब दिया कि यह जमीन आश्रम के लिए दान की गई है, इसका कोई उपयोग नहीं होगा। यह बात जाकर उसने पूर्व मुखिया को बता दी। इसी जमीन में फंसाया जा रहा है।
दरभंगा के जाले इलाके में रविवार सुबह पोखर में नाबालिग लड़की शव मिला था। परिजनों ने गैंगरेप के बाद हत्या की आशंका जताई है। जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस का कहना है कि पानी में डूबने से मौत हुई है। आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताया है। जमीन विवाद में फंसाने का आरोप लगाया है। घटना के बाद से गांव में तनाव का माहौल है। सुरक्षा के लिए पुलिस बल की तैनाती गई है। सिमरी, कमतौल, मब्बी, भालपट्टी, सिंहवाड़ा थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। बीएमपी की टीम को भी तैनात किया गया है। जांच के लिए घटनास्थल पर FSL की टीम को बुलाया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर परिजनों ने तीन घंटे तक जाले-भरवाड़ा मुख्य मार्ग को जाम रखा था। मृतका के मां के आवेदन पर थाने में FIR दर्ज की गई है। गांव के मनीष उर्फ हरिओम महतो, अमर महतो और समेत अन्य युवकों पर गैंगरेप और हत्या का आरोप लगाया है। पानी में डूबने से बच्ची की मौत हुई है सिटी एसपी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि तालाब में मिली बच्ची की मौत पानी में डूबने से हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है। रिपोर्ट से साफ हो गया है। मृतका की मां के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले में जो भी संदिग्ध है, उन पर जांच जारी है। फिलहाल गांव में स्थिति सामान्य बनी हुई है। बेटी से पहले भी छेड़खानी कर चुका है मां ने बताया कि गले पर रस्सी और सिर के पीछे चोट के निशान थे। शनिवार दोपहर बकरी के लिए पत्ता लाने गई थी। देर शाम तक नहीं लौटी। जिसके बाद भाई खोजने गया था। पोखर के पास हरिओम और अमर के साथ कुछ लोग खड़े थे। हरिओम पहले भी बेटी से छेड़खानी कर चुका है। कुछ दिन पहले पिता से भी झगड़ा हुआ था। दोषियों को फांसी होनी चाहिए। बेटी का किसी से प्रेम प्रसंग नहीं था। जान के बदले जान चाहिए। पोखर के पास कुछ लोग खड़े थे पिता ने बताया कि शनिवार दोपहर 12 बजे बेटी घर से निकली थी। रात 9 बजे उसका पता चला। अगले दिन तालाब से बाहर शव निकाला गया। पोखर के पास 2 लड़के दिखे थे। 3 महीने पहले आरोपियों से झगड़ा हुआ था। शक है कि इन्हीं लोगों ने कुछ किया है। मृतका की चाची ने बताया, 'तालाब के बाहर बच्ची का चप्पल पड़ा था। ऑटो से डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए DMCH भेजा गया था। एंबुलेंस तक नहीं दी गई। जंगल, आम गाछी तक खोजबीन की गई। लेकिन वो नहीं मिली। उसके साथ क्या हुआ अब ऊपर वाले ही जानें।' हत्या की बात गलत है आरोपी अमर दीप पूर्वे(38) शादीशुदा हैं। उसके दो बेटे हैं। दूसरे आरोपी मनीष कुमार(30) की अभी शादी नहीं हुई है। दोनों ने खुद बेकसूर बताया है। वार्ड नंबर-3 से सदस्य अमर ने कहा कि आश्रम की जमीन को लेकर विवाद चल रहा है। राजनीतिक साजिश के तहत फंसाया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर पहुंचा थ। इस दौरान पंचायत के पूर्व मुखिया का फोन आया था। उन्होंने कहा कि इस मामले में तुम फंस चुके हो। यह सुनकर मैं चौक गया। 'जिस जमीन को लेकर विवाद है, वह सरकारी है। आश्रम के नाम दान की गई है। पूर्व मुखिया उस जमीन को बेचने की कोशिश कर रहे थे। हमलोग इस पर कानूनी कार्रवाई कर रहे थे। इसी वजह से फंसाने की कोशिश की जा रही है। वर्तमान मुखिया को फोन कर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा था कि जब आप इस मामले में शामिल ही नहीं हैं तो डरने की जरूरत नहीं है।' शाम को फिर पूर्व मुखिया ने फोन करके कहा कि आप यहां से भाग जाइए, आपके ऊपर FIR हो चुकी है। मोबाइल बंद कर लीजिए। डराने की कोशिश की गई। इसकी रिकॉर्डिंग मेरे पास है। मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। मेरी दुकान से बच्ची के घर की दूरी सिर्फ 50 मीटर है। बच्ची छोटी थी, उनके साथ ऐसा कुछ करना संभव नहीं है। 10-15 दिन पहले उसने खुदकुशी की कोशिश की थी। इसलिए गले पर निशान दिख रहा होगा। जमीन विवाद में फंसाया जा रहा है वहीं, दूसरे आरोपी मनीष कुमार ने कहा, 'सुबह अपने दुकान पर बैठा था। इस बीच एक ग्राहक ने बताया कि मोहल्ले की एक लड़की को तालाब में फेंका गया है। दुकान के पास भीड़ जमा हो गई। पिताजी के साथ शनिवार को पूरे दिन दुकान पर था। इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। दोपहर 1 बजे के बाद फोन आने लगा कि उनका और अमर चाचा का नाम इस केस में आ रहा है। रात 10:30 बजे के करीब FIR की कॉपी मेरे मोबाइल पर आ गई। उस पर अपना नाम देखकर मैं चौंक गया। पूर्व मुखिया फंसाने की कोशिश कर रहे हैं। आश्रम की जमीन को लेकर विरोध किया था। जमीन खरीदने वाला व्यक्ति एक बार दुकान पर आया था। उसने पिताजी से कहा कि वह जमीन खरीदना चाहता है। इस पर जवाब दिया कि यह जमीन आश्रम के लिए दान की गई है, इसका कोई उपयोग नहीं होगा। यह बात जाकर उसने पूर्व मुखिया को बता दी। इसी जमीन में फंसाया जा रहा है।