झज्जर की बहू की बदौलत भारत ने जीता कबड्डी वर्ल्डकप:बांग्लादेश में लहराया तिरंगा, भीम अवॉर्ड से हो चुकी सम्मानित, पति स्विमंग कोच
हरियाणा ने एक बार फिर भारतीय खेल दुनिया में अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी है। चरखी दादरी जिले के गांव आदमपुर दाढ़ी की बेटी और झज्जर की बहू प्रियंका कादियान के मार्गदर्शन में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने बांग्लादेश में आयोजित वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। प्रियंका इस टूर्नामेंट में असिस्टेंट कोच के रूप में टीम से जुड़ी थीं और उनके रणनीतिक कौशल और मैदान से बाहर के नेतृत्व ने टीम को विश्व चैंम्पियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रियंका कादियान का खेल सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 2010 में कबड्डी खेलना शुरू किया, और कुछ ही वर्षों में अपनी जगह राष्ट्रीय टीम में पक्की कर ली। 2012 के कबड्डी विश्वकप में बतौर खिलाड़ी उन्होंने भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में अहम योगदान दिया था। खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें राज्य का सबसे बड़ा खेल सम्मान भीम अवॉर्ड भी प्रदान किया जा चुका है। रेडर प्लेयर के रूप में बनाया खास पहचान खेल के दौरान प्रियंका की पहचान एक बेहतरीन कैचर प्लेयर के रूप में रही। उनकी मजबूत पकड़, तेज प्रतिक्रिया और अच्छे रेडर क्षमता के कारण टीम ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में सफलता हासिल की। वे अब तक कई अंतरराष्ट्रीय मेडल भारत के नाम कर चुकी हैं। एशिया कप में भी मिला गोल्ड, अब कोचिंग में चमक खिलाड़ी के रूप में शानदार प्रदर्शन के बाद प्रियंका ने कोचिंग की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली। एशिया कप में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल दिलाने के बाद अब वर्ल्ड कप में भी उनके नेतृत्व में टीम ने सोना जीतकर दुनिया को भारतीय दमखम दिखाया है। शादी के बाद छोड़ने वाली थीं खेल, परिवार ने संभाला प्रियंका का सफर हमेशा आसान नहीं रहा। शादी के बाद उन्होंने खेल से दूरी बनाने का फैसला कर लिया था, लेकिन उनके पति अंकित कादियान और ससुर ने उन्हें खेल जारी रखने के लिए प्रेरित किया। अंकित कादियान भारतीय सेना में कार्यरत हैं और पेशे से स्विमिंग कोच हैं। परिवार से मिला मजबूत समर्थन ही प्रियंका की आज की सफलता का सबसे बड़ा आधार साबित हुआ। हरियाणा की बेटियों के लिए प्रेरणा बनी प्रियंका वर्ल्ड कप में भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद खेल जगत में प्रियंका की कोचिंग की जमकर सराहना हो रही है। स्थानीय गाँव से लेकर पूरे हरियाणा में जश्न का माहौल है। उनकी उपलब्धि न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश की बेटियों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है कि अगर हौसला मजबूत हो और परिवार साथ खड़ा हो, तो हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। देश के लिए एक और गौरव का क्षण भारत की वर्ल्ड कप जीत में प्रियंका कादियान की भूमिका यह साबित करती है कि मैदान के अंदर और बाहर, दोनों जगह महिलाओं की नेतृत्व क्षमता किसी से कम नहीं। हरियाणा की इस बेटी ने एक बार फिर तिरंगे को ऊँचा फहराकर पूरे देश को गर्व महसूस कराया है।
हरियाणा ने एक बार फिर भारतीय खेल दुनिया में अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी है। चरखी दादरी जिले के गांव आदमपुर दाढ़ी की बेटी और झज्जर की बहू प्रियंका कादियान के मार्गदर्शन में भारतीय महिला कबड्डी टीम ने बांग्लादेश में आयोजित वर्ल्ड कप में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। प्रियंका इस टूर्नामेंट में असिस्टेंट कोच के रूप में टीम से जुड़ी थीं और उनके रणनीतिक कौशल और मैदान से बाहर के नेतृत्व ने टीम को विश्व चैंम्पियन बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। प्रियंका कादियान का खेल सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने 2010 में कबड्डी खेलना शुरू किया, और कुछ ही वर्षों में अपनी जगह राष्ट्रीय टीम में पक्की कर ली। 2012 के कबड्डी विश्वकप में बतौर खिलाड़ी उन्होंने भारत को गोल्ड मेडल दिलाने में अहम योगदान दिया था। खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें राज्य का सबसे बड़ा खेल सम्मान भीम अवॉर्ड भी प्रदान किया जा चुका है। रेडर प्लेयर के रूप में बनाया खास पहचान खेल के दौरान प्रियंका की पहचान एक बेहतरीन कैचर प्लेयर के रूप में रही। उनकी मजबूत पकड़, तेज प्रतिक्रिया और अच्छे रेडर क्षमता के कारण टीम ने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में सफलता हासिल की। वे अब तक कई अंतरराष्ट्रीय मेडल भारत के नाम कर चुकी हैं। एशिया कप में भी मिला गोल्ड, अब कोचिंग में चमक खिलाड़ी के रूप में शानदार प्रदर्शन के बाद प्रियंका ने कोचिंग की जिम्मेदारी भी बखूबी संभाली। एशिया कप में भारतीय टीम को गोल्ड मेडल दिलाने के बाद अब वर्ल्ड कप में भी उनके नेतृत्व में टीम ने सोना जीतकर दुनिया को भारतीय दमखम दिखाया है। शादी के बाद छोड़ने वाली थीं खेल, परिवार ने संभाला प्रियंका का सफर हमेशा आसान नहीं रहा। शादी के बाद उन्होंने खेल से दूरी बनाने का फैसला कर लिया था, लेकिन उनके पति अंकित कादियान और ससुर ने उन्हें खेल जारी रखने के लिए प्रेरित किया। अंकित कादियान भारतीय सेना में कार्यरत हैं और पेशे से स्विमिंग कोच हैं। परिवार से मिला मजबूत समर्थन ही प्रियंका की आज की सफलता का सबसे बड़ा आधार साबित हुआ। हरियाणा की बेटियों के लिए प्रेरणा बनी प्रियंका वर्ल्ड कप में भारत की ऐतिहासिक जीत के बाद खेल जगत में प्रियंका की कोचिंग की जमकर सराहना हो रही है। स्थानीय गाँव से लेकर पूरे हरियाणा में जश्न का माहौल है। उनकी उपलब्धि न सिर्फ राज्य बल्कि पूरे देश की बेटियों के लिए प्रेरणादायक उदाहरण है कि अगर हौसला मजबूत हो और परिवार साथ खड़ा हो, तो हर कठिनाई को पार किया जा सकता है। देश के लिए एक और गौरव का क्षण भारत की वर्ल्ड कप जीत में प्रियंका कादियान की भूमिका यह साबित करती है कि मैदान के अंदर और बाहर, दोनों जगह महिलाओं की नेतृत्व क्षमता किसी से कम नहीं। हरियाणा की इस बेटी ने एक बार फिर तिरंगे को ऊँचा फहराकर पूरे देश को गर्व महसूस कराया है।