चीन-रूस के कारण परमाणु हथियारों की नई होड़ का खतरा! 30 साल बाद परमाणु परीक्षण करेगा अमेरिका, क्या लौटेगा शीत युद्ध?
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सैन्य नेताओं से रूस और चीन जैसे अन्य देशों के साथ कदमताल मिलाने के लिए अमेरिकी परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करने का आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि अमेरिका परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करेगा। उन्होंने इस कदम के औचित्य के रूप में अन्य देशों द्वारा किए जा रहे इसी तरह के कार्यक्रमों का हवाला दिया। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, दो बार रिपब्लिकन राष्ट्रपति रहे ट्रंप ने कहा कि उनके देश के पास "किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक परमाणु हथियार" हैं। उन्होंने दावा किया कि यह क्षमता उनके पहले कार्यकाल के दौरान व्यापक आधुनिकीकरण के माध्यम से हासिल की गई थी।इसे भी पढ़ें: Bihar Elections 2025 | बिहार में दिग्गजों का जमावड़ा, मोदी, राहुल, शाह, नड्डा आज करेंगे चुनावी शंखनाद ऐसे हथियारों की अपार विनाशकारी क्षमता को स्वीकार करते हुए, ट्रंप ने लिखा कि उन्हें "ऐसा करने से नफ़रत है" लेकिन बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए उनके पास "कोई विकल्प नहीं" है। उन्होंने आगे कहा कि परमाणु क्षमता के मामले में रूस दूसरे और चीन "काफी दूर तीसरे" स्थान पर है, लेकिन चेतावनी दी कि बीजिंग पाँच वर्षों के भीतर बराबरी पर पहुँच सकता है। अमेरिकी सेना पहले से ही परमाणु मुखास्त्र ले जाने में सक्षम मिसाइलों के परीक्षण करती रही है, लेकिन 1992 से अमेरिका ने परमाणु विस्फोट परीक्षणों पर रोक लगा रखी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अब बदलाव जरूरी है क्योंकि अन्य देश हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किन देशों की बात कर रहे हैं, लेकिन यह बयान शीत युद्ध काल जैसी परमाणु होड़ की याद दिलाता है।इसे भी पढ़ें: Donald Trump, Xi Jinping Meeting | क्या खत्म होगा व्यापार युद्ध? ट्रंप-शी की मुलाकात से वैश्विक अर्थव्यवस्था को उम्मीद उन्होंने कहा, ‘‘अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण मैंने युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि हमारे परमाणु हथियारों का समान स्तर पर परीक्षण शुरू करें। यह प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के अधिकारियों ने भी परमाणु मिसाइल परीक्षणों पर ट्रंप की घोषणा पर सवालों का जवाब नहीं दिया।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिकी सैन्य नेताओं से रूस और चीन जैसे अन्य देशों के साथ कदमताल मिलाने के लिए अमेरिकी परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करने का आह्वान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि अमेरिका परमाणु हथियारों का परीक्षण फिर से शुरू करेगा। उन्होंने इस कदम के औचित्य के रूप में अन्य देशों द्वारा किए जा रहे इसी तरह के कार्यक्रमों का हवाला दिया। ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट में, दो बार रिपब्लिकन राष्ट्रपति रहे ट्रंप ने कहा कि उनके देश के पास "किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक परमाणु हथियार" हैं। उन्होंने दावा किया कि यह क्षमता उनके पहले कार्यकाल के दौरान व्यापक आधुनिकीकरण के माध्यम से हासिल की गई थी।
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ऐसे हथियारों की अपार विनाशकारी क्षमता को स्वीकार करते हुए, ट्रंप ने लिखा कि उन्हें "ऐसा करने से नफ़रत है" लेकिन बढ़ती वैश्विक प्रतिस्पर्धा को देखते हुए उनके पास "कोई विकल्प नहीं" है। उन्होंने आगे कहा कि परमाणु क्षमता के मामले में रूस दूसरे और चीन "काफी दूर तीसरे" स्थान पर है, लेकिन चेतावनी दी कि बीजिंग पाँच वर्षों के भीतर बराबरी पर पहुँच सकता है।
अमेरिकी सेना पहले से ही परमाणु मुखास्त्र ले जाने में सक्षम मिसाइलों के परीक्षण करती रही है, लेकिन 1992 से अमेरिका ने परमाणु विस्फोट परीक्षणों पर रोक लगा रखी है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि अब बदलाव जरूरी है क्योंकि अन्य देश हथियारों का परीक्षण कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किन देशों की बात कर रहे हैं, लेकिन यह बयान शीत युद्ध काल जैसी परमाणु होड़ की याद दिलाता है।
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उन्होंने कहा, ‘‘अन्य देशों के परीक्षण कार्यक्रमों के कारण मैंने युद्ध विभाग को निर्देश दिया है कि हमारे परमाणु हथियारों का समान स्तर पर परीक्षण शुरू करें। यह प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।’’ अमेरिकी राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी। अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पेंटागन के अधिकारियों ने भी परमाणु मिसाइल परीक्षणों पर ट्रंप की घोषणा पर सवालों का जवाब नहीं दिया।



