क्या है भारत-रूस का Relos समझौता, जिससे शुरू होगा दोस्ती का नया दौर

रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारत आ रहे हैं। माना जा रहा है कि वो जंगी हथियारों का सौदा तोहफे में ला रहे हैं। पूरी दुनिया को पता है कि रूस भारत का सबसे मजबूत सैन्य साझेदार है। आज भी रूस के कई जंगबाज भारत की सुरक्षा में मुस्तैद है। सुखोई मिग जैसे फाइटर जेट्स रूस ने ही हमें दिए हैं। तो वहीं दुनिया का सबसे मजबूत सुरक्षा चक्र S400 डिफेंस सिस्टम भी रूस ने ही भारत को दिया है। दुनिया इस डिफेंस सिस्टम के दमदार परफॉर्मेंस को ऑपरेशन सिंदूर के दौर में परख चुकी है। यह वही डिफेंस सिस्टम है जिसने पाकिस्तान के सारे हथियारों को कबाड़ बनाके रख दिया था। बहरहाल पुतिन के भारत दौरे से बड़ी उम्मीदें हैं।इसे भी पढ़ें: पुतिन भारत को देंगे वर्ल़्ड पॉवर की मिसाइल, तुर्किए-NATO हुए बेचैन हिंदुस्तान की बढ़ती ताकत से चीन और पाकिस्तान घबराए हुए हैं। भारत के जंगी दमखम से दुश्मनों के चेहरे पर शिकन दिख रहा है। इसकी वजह है वो हथियार जिनकी ताकत ने पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने लगाई। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के जिन वेपन्स का बाहुबल दुनिया ने देखा। लेकिन अब भारत की जंगी ताकत कई गुना बढ़ने वाली है। अब हिंदुस्तान के तरकश में ऐसे ऐसे वेपन आने वाले हैं जो पलक झपकते ही पाकिस्तान का काम तमाम कर सकते हैं। तो बीजिंग में बर्बादी का बवंडर ला सकते हैं। भारत के सबसे भरोसेमंद दोस्त रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन भारत आ रहे हैं। उससे पहले दोनों देशों के बीच सैन्य दोस्ती और मजबूत करने वाले कदम उठाए जा रहे हैं। जिसका ट्रेलर है रेलोस समझौता।इसे भी पढ़ें: डुप्लीकेट कॉपी, पॉटी सूटकेस, न्यूक्लिर बटन, भारत में ऐसे बीतेंगे पुतिन के 30 घंटे भारत और रूस के बीच इस अहम समझौते का नाम रे लॉस यानी रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट है। इस समझौते से पहले रूस की संसद ने इसे मंजूरी दी है और इस समझौते के मुताबिक भारत और रूस एक दूसरे के मिलिट्री अड्डों का इस्तेमाल कर पाएंगे। वहां युद्धाभ्यास से लेकर के लॉजिस्टिकल सपोर्ट जैसे कि ईंधन भरने और आपदा प्रबंधन के लिए उन अड्डों का इस्तेमाल करना शामिल है। बड़ी मीटिंग के साथ ही कई हस्ताक्षर हो सकते हैं। कई समझौतों पर। उसके अलावा और जो उनका रूट है वो पूरा रूट इस वक्त गुप्त रखा गया है। लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से ट्रैफिक पुलिस को अलर्ट रखा गया है। ट्रैफिक के कई ऐसे रूट बनाए गए हैं जो अंतिम समय में बदले भी जा सकते हैं। वहीं साथ ही उनकी जो पूरी सुरक्षा है उसको एसपीजी के साथ यहां पर शेयर किया जाएगा। 

Dec 3, 2025 - 16:32
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क्या है भारत-रूस का Relos समझौता, जिससे शुरू होगा दोस्ती का नया दौर

रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन 4 दिसंबर को भारतरहे हैंमाना जा रहा है कि वो जंगी हथियारों का सौदा तोहफे में ला रहे हैंपूरी दुनिया को पता है कि रूस भारत का सबसे मजबूत सैन्य साझेदार हैआज भी रूस के कई जंगबाज भारत की सुरक्षा में मुस्तैद हैसुखोई मिग जैसे फाइटर जेट्स रूस ने ही हमें दिए हैंतो वहीं दुनिया का सबसे मजबूत सुरक्षा चक्र S400 डिफेंस सिस्टम भी रूस ने ही भारत को दिया हैदुनिया इस डिफेंस सिस्टम के दमदार परफॉर्मेंस को ऑपरेशन सिंदूर के दौर में परख चुकी हैयह वही डिफेंस सिस्टम है जिसने पाकिस्तान के सारे हथियारों को कबाड़ बनाके रख दिया थाबहरहाल पुतिन के भारत दौरे से बड़ी उम्मीदें हैं

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हिंदुस्तान की बढ़ती ताकत से चीन और पाकिस्तान घबराए हुए हैं। भारत के जंगी दमखम से दुश्मनों के चेहरे पर शिकन दिख रहा है। इसकी वजह है वो हथियार जिनकी ताकत ने पाकिस्तान की अक्ल ठिकाने लगाई। ऑपरेशन सिंदूर में भारत के जिन वेपन्स का बाहुबल दुनिया ने देखालेकिन अब भारत की जंगी ताकत कई गुना बढ़ने वाली हैअब हिंदुस्तान के तरकश में ऐसे ऐसे वेपन आने वाले हैं जो पलक झपकते ही पाकिस्तान का काम तमाम कर सकते हैं। तो बीजिंग में बर्बादी का बवंडर ला सकते हैं। भारत के सबसे भरोसेमंद दोस्त रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन भारत आ रहे हैं। उससे पहले दोनों देशों के बीच सैन्य दोस्ती और मजबूत करने वाले कदम उठाए जा रहे हैं। जिसका ट्रेलर है रेलोस समझौता।

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भारत और रूस के बीच इस अहम समझौते का नाम रे लॉस यानी रेसिप्रोकल एक्सचेंज ऑफ लॉजिस्टिक्स एग्रीमेंट है। इस समझौते से पहले रूस की संसद ने इसे मंजूरी दी है और इस समझौते के मुताबिक भारत और रूस एक दूसरे के मिलिट्री अड्डों का इस्तेमाल कर पाएंगे। वहां युद्धाभ्यास से लेकर के लॉजिस्टिकल सपोर्ट जैसे कि ईंधन भरने और आपदा प्रबंधन के लिए उन अड्डों का इस्तेमाल करना शामिल है। बड़ी मीटिंग के साथ ही कई हस्ताक्षर हो सकते हैं। कई समझौतों पर। उसके अलावा और जो उनका रूट है वो पूरा रूट इस वक्त गुप्त रखा गया है। लेकिन सुरक्षा कारणों की वजह से ट्रैफिक पुलिस को अलर्ट रखा गया है। ट्रैफिक के कई ऐसे रूट बनाए गए हैं जो अंतिम समय में बदले भी जा सकते हैं। वहीं साथ ही उनकी जो पूरी सुरक्षा है उसको एसपीजी के साथ यहां पर शेयर किया जाएगा।