अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर सुप्रीम कोर्ट बोला:देश में कोई नहीं मानता यह पायलट की गलती थी; पिता की याचिका पर केंद्र-DGCA से जवाब मांगा

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद प्लेन हादसे में मारे गए पायलट में से एक सुमित सभरवाल के 91 साल के पिता पुष्कर राज सभरवाल की याचिका पर यह बात कही। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय माल्या बागची की बेंच ने कहा कि देश में कोई भी यह नहीं मानता कि यह पायलट की गलती थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी पायलट के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। पुष्कर ने हादसे की स्वतंत्र जांच की मांग की है, जिस पर कोर्ट ने केंद्र और डीजीसीए से जवाब मांगा है। इस याचिका पर 10 नवंबर को एक और मामले के साथ सुनवाई की जाएगी। 12 जून को एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 क्रैश हो गई थी। हादसे में प्लेन में सवार 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर समेत 241 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, जहां प्लेन गिरा था, वहां मौजूद 29 लोग मारे गए थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया था। कोर्ट ने कहा- विदेशी मीडिया ने घटिया रिपोर्टिंग की याचिकाकर्ता ने एपी एंड जे चैंबर्स के माध्यम से 10 अक्टूबर को याचिका दायर की थी। इसमें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए और एएआईबी को पार्टी बनाया गया है। वकील ने कोर्ट को बताया कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर में दावा किया गया था कि हादसा पायलट की गलती से हुआ था। रिपोर्ट ने भारत सरकार के एक गुमनाम सोर्स का हवाला दिया था। हालांकि, बेंच ने यह साफ कर दिया कि विदेशी मीडिया की रिपोर्टें भारत में ज्यूडीशियल सिस्टम को प्रभावित नहीं करेंगी। बेंच ने कहा- हमें विदेशी रिपोर्टों से कोई परेशानी नहीं है। ऐसे में आपका समाधान किसी विदेशी अदालत में होना चाहिए। जस्टिस कांत ने कहा- यह घटिया रिपोर्टिंग है। भारत में कोई भी यह नहीं मानता कि यह पायलट की गलती थी। AAIB की रिपोर्ट पढ़कर कहा- जरूरत पड़ी तो हम ही साफ कर देंगे बेंच ने विमान दुर्घटना जांच बोर्ड (AAIB) की 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट का एक पैरा पढ़ा और कहा कि कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी ठहराया जाए। इसमें केवल विमान के दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत का जिक्र है। बेंच ने कहा- "AAIB जांच का दायरा दोष देना नहीं है, बल्कि भविष्य में होने वाली त्रासदियों से बचने के लिए उपाय सुझाना है। यदि जरूरत पड़ी तो हम ही स्पष्ट करेंगे कि पायलट को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।" प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का चुनिंदा और टुकड़ों में पब्लिश किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था। जांच पूरी होने तक, गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। --------------- यह खबर भी पढ़ें... अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बचे विश्वास बोले- रात में डरकर उठ जाता हूं, घंटों अकेला रहता हूं अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे के इकलौते जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने कहा, 'मैं खुद को सबसे भाग्यशाली मानता हूं, लेकिन हर दिन शारीरिक और मानसिक पीड़ा से गुजर रहा हूं। मैं पत्नी-बेटे से बात नहीं कर पाता। रात में कई बार डरकर उठ जाता हूं। विश्वास अभी यूके के लेस्टर में अपने परिवार पत्नी और 4 साल के बेटे के साथ रह रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर...

Nov 7, 2025 - 22:36
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अहमदाबाद प्लेन क्रैश पर सुप्रीम कोर्ट बोला:देश में कोई नहीं मानता यह पायलट की गलती थी; पिता की याचिका पर केंद्र-DGCA से जवाब मांगा
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि 12 जून को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे के लिए पायलट को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने अहमदाबाद प्लेन हादसे में मारे गए पायलट में से एक सुमित सभरवाल के 91 साल के पिता पुष्कर राज सभरवाल की याचिका पर यह बात कही। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉय माल्या बागची की बेंच ने कहा कि देश में कोई भी यह नहीं मानता कि यह पायलट की गलती थी। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में भी पायलट के खिलाफ कोई आरोप नहीं है। पुष्कर ने हादसे की स्वतंत्र जांच की मांग की है, जिस पर कोर्ट ने केंद्र और डीजीसीए से जवाब मांगा है। इस याचिका पर 10 नवंबर को एक और मामले के साथ सुनवाई की जाएगी। 12 जून को एअर इंडिया की अहमदाबाद से लंदन जा रही फ्लाइट AI 171 क्रैश हो गई थी। हादसे में प्लेन में सवार 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर समेत 241 लोगों की मौत हो गई थी। वहीं, जहां प्लेन गिरा था, वहां मौजूद 29 लोग मारे गए थे। हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का भी निधन हो गया था। कोर्ट ने कहा- विदेशी मीडिया ने घटिया रिपोर्टिंग की याचिकाकर्ता ने एपी एंड जे चैंबर्स के माध्यम से 10 अक्टूबर को याचिका दायर की थी। इसमें केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय, डीजीसीए और एएआईबी को पार्टी बनाया गया है। वकील ने कोर्ट को बताया कि वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर में दावा किया गया था कि हादसा पायलट की गलती से हुआ था। रिपोर्ट ने भारत सरकार के एक गुमनाम सोर्स का हवाला दिया था। हालांकि, बेंच ने यह साफ कर दिया कि विदेशी मीडिया की रिपोर्टें भारत में ज्यूडीशियल सिस्टम को प्रभावित नहीं करेंगी। बेंच ने कहा- हमें विदेशी रिपोर्टों से कोई परेशानी नहीं है। ऐसे में आपका समाधान किसी विदेशी अदालत में होना चाहिए। जस्टिस कांत ने कहा- यह घटिया रिपोर्टिंग है। भारत में कोई भी यह नहीं मानता कि यह पायलट की गलती थी। AAIB की रिपोर्ट पढ़कर कहा- जरूरत पड़ी तो हम ही साफ कर देंगे बेंच ने विमान दुर्घटना जांच बोर्ड (AAIB) की 12 जुलाई को जारी प्रारंभिक रिपोर्ट का एक पैरा पढ़ा और कहा कि कहीं भी यह नहीं कहा गया है कि दुर्घटना के लिए पायलट को दोषी ठहराया जाए। इसमें केवल विमान के दोनों पायलटों के बीच हुई बातचीत का जिक्र है। बेंच ने कहा- "AAIB जांच का दायरा दोष देना नहीं है, बल्कि भविष्य में होने वाली त्रासदियों से बचने के लिए उपाय सुझाना है। यदि जरूरत पड़ी तो हम ही स्पष्ट करेंगे कि पायलट को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।" प्रारंभिक जांच रिपोर्ट का चुनिंदा और टुकड़ों में पब्लिश किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण था। जांच पूरी होने तक, गोपनीयता बनाए रखना जरूरी है। --------------- यह खबर भी पढ़ें... अहमदाबाद प्लेन क्रैश में बचे विश्वास बोले- रात में डरकर उठ जाता हूं, घंटों अकेला रहता हूं अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे के इकलौते जीवित बचे विश्वास कुमार रमेश ने कहा, 'मैं खुद को सबसे भाग्यशाली मानता हूं, लेकिन हर दिन शारीरिक और मानसिक पीड़ा से गुजर रहा हूं। मैं पत्नी-बेटे से बात नहीं कर पाता। रात में कई बार डरकर उठ जाता हूं। विश्वास अभी यूके के लेस्टर में अपने परिवार पत्नी और 4 साल के बेटे के साथ रह रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर...