SMS इमरजेंसी में हार्ट की जांच बंद:नर्सिंग इंचार्ज चार्ज देकर गया छुट्टी पर, जिसे चार्ज दिया वह भी चला गया छुट्टी पर; नतीजा, दो-तीन दिन से बंद पड़ी है जांच
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सवाई मानसिंह (SMS) की इमरजेंसी में इन दिनों हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ गई। यहां इमरजेंसी में दिखाने आने वाले और भर्ती मरीजों को जांच के लिए हॉस्पिटल से बाहर प्राइवेट लैब में भेजा जा रहा है। क्योंकि यहां हार्ट फेलियर का पता लगाने के लिए की जाने वाली जांच NT-ProBNP जांच बंद पड़ी है। वजह जांच की किट उपलब्ध नहीं होना है। हैरानी कि बात यह है कि जांच की किट स्टोर में उपलब्ध है, लेकिन उसे लाने की जहमत कोई नहीं उठा रहा। इस लापरवाही का खामियाजा मरीज भुगत रहे है। इन मरीजों को डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ बाहर प्राइवेट लैब भेज रहे है, जहां इस जांच के लिए मरीज को 2200 रुपए से 2600 रुपए तक देने पड़ रहे है। तेज सर्दी के मौसम में बड़े बुजुर्ग और हार्ट के पुराने मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। सामान्य दिन की तुलना में ज्यादा सर्दी में हार्ट पेशेंट को परेशानी ज्यादा आती है, यही कारण है कि इन दिनों कार्डियक ओपीडी और इमरजेंसी में सांस फूलने, सीने में दर्द होने समेत अन्य शिकायत के मरीज ज्यादा आते है। ऐसे मरीजों में प्रारंभिक जांच में कार्डियक समस्या दिखने के बाद ट्रॉप-टी, NT-ProBNP जैसी जांच इमरजेंसी में ही की जाती है और उनका रिजल्ट भी कुछ देरी में ही दिया जाता है। इस कारण बंद हुई जांच इमरजेंसी में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों के मुताबिक यहां जांच के लिए किट मंगवाने की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ की है। नर्सिंग इंचार्ज गोवर्धन छुट्टी पर गए और उन्होंने चार्ज नर्सिंग कर्मचारी विजय को सौंपा। लेकिन विजय भी अब छुट्टी पर चले गए वो भी बिना किसी जिम्मेदार को चार्ज दिए। इसी का नतीजा रहा कि यहां जांच दो-तीन दिन से बंद पड़ी है। किट मंगवाने के लिए बोल दिया है इमरजेंसी के इंचार्ज डॉ. सतीश मीणा ने बताया- मैंने आज ही इमरजेंसी का चार्ज संभाला है। मरीज की शिकायत आने के बाद मैंने स्टाफ से जांच बंद होने का कारण पूछा, तो पता चला नर्सिंग के दोनों इंचार्ज छुट्टी पर है और जांच किट नहीं है। मैंने तुरंत स्टोर में संपर्क करके किट जारी करने के लिए कहा है। जल्द किट आने पर मरीजों की जांच फिर से शुरू करवा दी जाएगी।
प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी हॉस्पिटल सवाई मानसिंह (SMS) की इमरजेंसी में इन दिनों हार्ट के मरीजों की परेशानी बढ़ गई। यहां इमरजेंसी में दिखाने आने वाले और भर्ती मरीजों को जांच के लिए हॉस्पिटल से बाहर प्राइवेट लैब में भेजा जा रहा है। क्योंकि यहां हार्ट फेलियर का पता लगाने के लिए की जाने वाली जांच NT-ProBNP जांच बंद पड़ी है। वजह जांच की किट उपलब्ध नहीं होना है। हैरानी कि बात यह है कि जांच की किट स्टोर में उपलब्ध है, लेकिन उसे लाने की जहमत कोई नहीं उठा रहा। इस लापरवाही का खामियाजा मरीज भुगत रहे है। इन मरीजों को डॉक्टर या नर्सिंग स्टाफ बाहर प्राइवेट लैब भेज रहे है, जहां इस जांच के लिए मरीज को 2200 रुपए से 2600 रुपए तक देने पड़ रहे है। तेज सर्दी के मौसम में बड़े बुजुर्ग और हार्ट के पुराने मरीजों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। सामान्य दिन की तुलना में ज्यादा सर्दी में हार्ट पेशेंट को परेशानी ज्यादा आती है, यही कारण है कि इन दिनों कार्डियक ओपीडी और इमरजेंसी में सांस फूलने, सीने में दर्द होने समेत अन्य शिकायत के मरीज ज्यादा आते है। ऐसे मरीजों में प्रारंभिक जांच में कार्डियक समस्या दिखने के बाद ट्रॉप-टी, NT-ProBNP जैसी जांच इमरजेंसी में ही की जाती है और उनका रिजल्ट भी कुछ देरी में ही दिया जाता है। इस कारण बंद हुई जांच इमरजेंसी में तैनात कर्मचारियों और अधिकारियों के मुताबिक यहां जांच के लिए किट मंगवाने की जिम्मेदारी नर्सिंग स्टाफ की है। नर्सिंग इंचार्ज गोवर्धन छुट्टी पर गए और उन्होंने चार्ज नर्सिंग कर्मचारी विजय को सौंपा। लेकिन विजय भी अब छुट्टी पर चले गए वो भी बिना किसी जिम्मेदार को चार्ज दिए। इसी का नतीजा रहा कि यहां जांच दो-तीन दिन से बंद पड़ी है। किट मंगवाने के लिए बोल दिया है इमरजेंसी के इंचार्ज डॉ. सतीश मीणा ने बताया- मैंने आज ही इमरजेंसी का चार्ज संभाला है। मरीज की शिकायत आने के बाद मैंने स्टाफ से जांच बंद होने का कारण पूछा, तो पता चला नर्सिंग के दोनों इंचार्ज छुट्टी पर है और जांच किट नहीं है। मैंने तुरंत स्टोर में संपर्क करके किट जारी करने के लिए कहा है। जल्द किट आने पर मरीजों की जांच फिर से शुरू करवा दी जाएगी।