31 अगस्त के दिन बांग्लादेश के फाइव स्टार होटल में एक अमेरिकी नागरिक का शव मिला जिसने अब पूरी दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा है कि बांग्लादेश में भारत और पीएम मोदी के खिलाफ एक खतरनाक षड्यंत्र चल रहा था। कई लोगों ने तो यहां तक दावा कर दिया कि रूस की खुफिया एजेंसियों ने एक सीक्रेट ऑपरेशन में इस अमेरिकी नागरिक को निपटा दिया क्योंकि इस पर सीआईए का एजेंट होने का शक था। आपको बता दें कि यह दावे सोशल मीडिया पर किए जा रहे हैं। यह काल्पनिक भी हो सकते हैं। लेकिन यह खबर 100% सच है कि एक अमेरिकी नागरिक की रहस्यमई परिस्थितियों में बांग्लादेश के होटल में मौत हो गई।
लेकिन उसके बाद जो हुआ वो आपके होश उड़ा देगा। दरअसल पीएम मोदी 31 अगस्त को चीन के दौरे पर थे। उसी दिन ढाका के एक फाइव स्टार होटल में अमेरिकी नागरिक टेररेंस अरविल जैक्सन की डेड बॉडी मिली। अब 31 अगस्त को पीएम मोदी का चीन में होना और उसी दिन अमेरिकी एजेंट का बांग्लादेश में मारा जाना एक इत्तेफाक भी हो सकता है। लेकिन उसके अगले ही दिन 1 सितंबर को जब रूस के राष्ट्रपति व्लादमीर पुतिन सारे प्रोटोकॉल छोड़कर अपनी कार में पीएम मोदी को होटल लेने पहुंच गए तो उस दिन की घटना को अब कई लोग बांग्लादेश की घटना से जोड़कर देख रहे हैं।
इस खबर की सोशल मीडिया पर भयंकर चर्चा हो रही है। कई लोग तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि बांग्लादेश में मारा गया टेरेस ओवेविल जैक्सन बांग्लादेश में भारत पीएम मोदी और रूस के खिलाफ षड्यंत्र कर रहा था और इसकी भनक रूस की खुफिया एजेंसियों को लग गई। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि मृ अमेरिकी नागरिक यूएस स्पेशल फोर्सेस से जुड़ा हो सकता है। लेकिन जिस तरह से जैक्सन के शव को बिना पोस्टमार्टम या जांच के अमेरिकी दूतावास को सौंप दिया गया। उसने पूरे दक्षिण एशिया में हड़कंप मचा दिया। इस घटना के बाद कई सवाल उठाए जा रहे हैं। सवाल यह है कि क्या जैक्सन सीआईए और डीप स्टेट का एजेंट था? क्या जैक्सन बांग्लादेश में भारत के खिलाफ जासूसी का नेटवर्क बना रहा था? यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि जिस तरह से जैक्सन के शव को चुपचाप अमेरिकी दूतावास को सौंप दिया गया, उसने भारतीय खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया।