भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर के भविष्य को लेकर इन दिनों क्रिकेट जगत में चर्चाएं तेज हैं। ताज़ा विश्व कप जीत के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या उन्हें कप्तानी छोड़कर युवा खिलाड़ियों के लिए जगह बनानी चाहिए, या फिर अपने अनुभव से टीम को और ऊंचाइयों पर ले जानी चाहिए। पूर्व भारतीय कप्तान शांता रंगस्वामी का मानना है कि हरमनप्रीत अब जिम्मेदारी स्मृति मंधाना को सौंप दें तो बेहतर रहेगा, जबकि पूर्व कोच तुषार अरोथे का कहना है कि हरमनप्रीत अभी भी टीम के लिए बहुत कुछ कर सकती हैं और एक-दो और आईसीसी ट्रॉफी जीतने में सक्षम हैं।
बता दें कि हरमनप्रीत कौर ने हाल ही में भारत को पहला विमेंस वनडे वर्ल्ड कप जिताकर ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इससे पहले पुरुष टीम के लिए कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी ने ऐसी उपलब्धि हासिल की थी। गौरतलब है कि धोनी एकमात्र भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने तीन विश्व स्तरीय आईसीसी ट्रॉफी जिताई थीं, जबकि रोहित शर्मा ने हाल के वर्षों में दो बड़े खिताब जीते हैं।
मौजूद जानकारी के अनुसार तुषार अरोथे ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि हरमनप्रीत इस समय शानदार फॉर्म में हैं और अगर वो खेलती रहीं तो भारत को दो और आईसीसी ट्रॉफियां दिला सकती हैं। उनका कहना है कि 2017 वर्ल्ड कप फाइनल की हार आज भी याद है, लेकिन इस बार टीम ने उस हार का बदला ले लिया है। उन्होंने भारतीय टीम और बीसीसीआई की तारीफ करते हुए कहा कि महिला क्रिकेट को लेकर जो बदलाव हुए हैं, उन्होंने खिलाड़ियों को आत्मविश्वास के साथ बड़ी जीत दिलाई है।
याद दिला दें कि 2017 वर्ल्ड कप के बाद महिला क्रिकेट में काफी बदलाव आया है। बीसीसीआई ने महिला खिलाड़ियों के लिए मैच फीस बराबर करने से लेकर अंडर-15 और अंडर-19 टूर्नामेंट्स शुरू किए। इन सुधारों का बड़ा असर अब मैदान पर भी दिख रहा है, और भारतीय महिला टीम अब एक मजबूत और अनुभवी दावेदार बन चुकी है।
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में भारत की जीत ने एक तरह से फाइनल की राह आसान कर दी थी। जेमिमा रोड्रिग्स की 127 रन की पारी और हरमनप्रीत का 89 रन का योगदान मैच का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। तुषार अरोथे ने कहा कि उस मैच के बाद से ही टीम का आत्मविश्वास बढ़ गया था और फाइनल जीतना लगभग तय हो चुका था। उन्होंने दीप्ति शर्मा की तारीफ करते हुए कहा कि वह एक हरफनमौला खिलाड़ी हैं और कई मौकों पर टीम के लिए उपयोगी साबित हुई हैं।
अब चर्चा इस बात की है कि क्या हरमनप्रीत कौर कप्तानी छोड़ेंगी या टीम का नेतृत्व करती रहेंगी, लेकिन यह तो तय है कि उनके नाम से भारतीय महिला क्रिकेट का इतिहास हमेशा गर्व से जुड़ा रहेगा हैं।