जो अमेरिका दुनिया में अपने ताकतवर हथियारों के लिए जाना जाता है। जिसके चलते वो दुनियाभर के देशों को सबसे ज्यादा हथियार बेचता है। लेकिन अब उसी अमेरिका के लिए ऐसी बुरी खबर सामने आई है, जिसने सभी को चौंका दिया है। अमेरिकी नौसेना का एक हेलीकॉप्टर अचानक समुद्र में गिर गया। दरअसल, दक्षिण चीन सागर में एक घटना घटती है और बैक टू बैक यानी कि 30 मिनट के अंतराल में पहले उसका एक हेलीकॉप्टर यानी कि अमेरिकी नौसेना का एक हेलीकॉप्टर गिरता है और फिर एक लड़ाकू विमान क्रैश करता है। पांच लोग इसके शिकार होते हैं लेकिन उन्हें रेस्क्यू करके बचा लिया जाता है। लेकिन जिस तरह से एक के बाद एक ये हादसा पेश आया आधे घंटे के अंतराल में यानी कि 30 मिनट के अंतराल में वो क्यों हुआ है और क्या दक्षिण चीन सागर में चीन कोई गेम कर रहा है? दुनिया के तमाम देश ऐसा नहीं मानते हैं। दक्षिण चीन सागर पर 90% अधिपत्य के दावे को कोई भी मान्यता नहीं है। चाइना कहता है कि यह उसका है। लेकिन दुनिया के दूसरे देश कहते हैं कि यह पूरा का पूरा तुम्हारा नहीं है और यह अंतरराष्ट्रीय जलमार्ग है।
सबसे बड़ी बात यह है कि 26 अक्टूबर को जिस तरह से यह दुर्घटना हुई है उसने सबको यह हैरान कर दिया। करियर स्ट्राइक ग्रुप 11 की खोज और बचाव टीम ने तेजी से कारवाई की। तीनों क्रू मेंबर को बचाया गया। इसके ठीक 30 मिनट के अंतराल में दोपहर 3:15 पर 26 अक्टूबर फाइटिंग रेड क्रॉस स्क्वाड्रन 22 का एक FA 18F सुपर हॉर्नेट फाइटर जेट भी उसी पोत से उड़ान भरता है और समुद्र में गिर गया। इस जेट में सवार दोनों पायलट समय रहते पैराशूट से बाहर निकलने में सफल रहे। बाद में उन्हें भी सुरक्षित रेस्क्यू किया गया। अमेरिकी नौसेना का कहना है कि सभी पांच कर्मियों की हालत स्थिर है। उन्हें चिकित्सय जांच के लिए भेजा गया। दोनों हादसों के कारणों की जांच फिलहाल चल रही है। अब यह घटना ऐसे वक्त में हुई इसकी टाइमिंग भी कई तरह के सवालों के घेरे में है। क्योंकि यह घटना ऐसे वक्त में हुई जब अमेरिका दक्षिण चीन सागर में अपनी उपस्थिति को लेकर लगातार सक्रिय है। नौसेना ने कहा है कि सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत सभी ऑपरेशनों की समीक्षा की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसे हादसे ना हो।
लेकिन अब पूरे मामले पर चीन का ऐसा रिएक्शन सामने आया है जो अमेरिका को चौंका रहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकून ने प्रेस कॉनफ्रेंस में कहा है कि ये हादसा सैन्य हादसा सैन्य अभ्यास के दौरान हुआ है। चीन ने कहा है कि मानवीय मदद की जरूरत पड़े तो वो तैयार है। हालांकि दोनों विमानों के क्रू मेंबर्स का रेस्क्यू कर लिया गया था। लेकिन चीन ने जो बात कही है वो शायद ही किसी को हजम हो। इस घटना की साजिश का आरोप चीन पर इसलिए भी लगना शुरू हो गया है क्योंकि जहां पर अमेरिका के विमान गश्त कर रहे थे, वहां पर चीन की तगड़ी तैनाती है। इसी इलाके में चीन ने दो चट्टानों से बने द्वीपों पर अपनी तैनाती कर रखी है। चीन ने जे 11 फाइटर जेट्स और एच 6 के परमाणु बम वर्षक विमान तैनात कर रखे हैं।