हाथरस में राष्ट्रीय लोक अदालत:जिला न्यायाधीश ने किया उद्घाटन, बिजली-जल विवाद समेत कई वादों का होगा निस्तारण

हाथरस में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हो रहा है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और फीता काटकर इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर अन्य न्यायिक अधिकारी भी उपस्थित रहे। लोक अदालत में सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायालय, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, स्थायी लोक अदालत, उपभोक्ता फोरम, कलेक्ट्रेट और सभी तहसील मुख्यालयों सहित विभिन्न स्थानों पर किया गया। जनपद न्यायालय परिसर में विभिन्न बैंकों और विभागों ने अपने शिविर लगाए। इस दौरान कई प्रकार के मामलों का निपटारा किया गया। इनमें आपराधिक शमनीय वाद, चेक बाउंस के मामले, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाएं, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद और भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले शामिल थे। लघु आपराधिक वादों का निस्तारण इसके अतिरिक्त, विद्युत और जल बिल विवाद, वैवाहिक मामले, राजस्व वाद, आरबिट्रेशन के मामले, किराया, सुखाधिकार और विशिष्ट अनुतोष वाद जैसे सिविल मामलों का भी समाधान हुआ। लघु आपराधिक मामलों का निस्तारण अर्थदंड लगाकर किया गया। सभी मामलों का निपटारा आपसी सहमति और सुलह-समझौते के आधार पर हुआ।

Dec 13, 2025 - 13:48
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हाथरस में राष्ट्रीय लोक अदालत:जिला न्यायाधीश ने किया उद्घाटन, बिजली-जल विवाद समेत कई वादों का होगा निस्तारण
हाथरस में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन हो रहा है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और फीता काटकर इसका उद्घाटन किया। इस अवसर पर अन्य न्यायिक अधिकारी भी उपस्थित रहे। लोक अदालत में सुबह से ही बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। लोक अदालत का आयोजन जनपद न्यायालय, मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण, स्थायी लोक अदालत, उपभोक्ता फोरम, कलेक्ट्रेट और सभी तहसील मुख्यालयों सहित विभिन्न स्थानों पर किया गया। जनपद न्यायालय परिसर में विभिन्न बैंकों और विभागों ने अपने शिविर लगाए। इस दौरान कई प्रकार के मामलों का निपटारा किया गया। इनमें आपराधिक शमनीय वाद, चेक बाउंस के मामले, बैंक वसूली वाद, मोटर दुर्घटना प्रतिकर याचिकाएं, पारिवारिक विवाद, श्रम विवाद और भूमि अधिग्रहण से जुड़े मामले शामिल थे। लघु आपराधिक वादों का निस्तारण इसके अतिरिक्त, विद्युत और जल बिल विवाद, वैवाहिक मामले, राजस्व वाद, आरबिट्रेशन के मामले, किराया, सुखाधिकार और विशिष्ट अनुतोष वाद जैसे सिविल मामलों का भी समाधान हुआ। लघु आपराधिक मामलों का निस्तारण अर्थदंड लगाकर किया गया। सभी मामलों का निपटारा आपसी सहमति और सुलह-समझौते के आधार पर हुआ।